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पपीता की खेती कैसे करें, यहां जानें | papita ki kheti

पपीता (Papaya) एक ऐसा फल है जो कच्चा और पके दोनों ही रुपों में उपयोगी होता है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।

Papaya farming : पपीते की खेती कैसे करें, यहां जानें
papita ki kheti: पपीता (Papaya) एक ऐसा फल है जो कच्चा और पके दोनों ही रुपों में उपयोगी होता है। भारत में पपीता की खेती (papita ki kheti) आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू कश्मीर और मिजोरम में खूब होती है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
 
पपीते की औषधीय गुणों की बात करें तो इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है। इसमें कई पाचक एन्जाइम होते हैं जो पेट की बीमारियों को दूर करने में सहायक होते हैं। पपीते के औषधीय गुणों के कारण बाजार में इसकी डिमांड सालभर रहती है।
 
कम लागत में अगर ज्यादा मुनाफे की बात की जाए तो पपीता की खेती (papita ki kheti) एक अच्छा विकल्प है।
 
तो आइए, The Rural India के इस ब्लॉग में पपीता की खेती (papita ki kheti) को करीब से समझें।
 

यहां आप जानेंगे

· पपीता के लिए ज़रूरी जलवायु
· उपयोगी मिट्टी
· पपीता की खेती का सही समय
· खेती की तैयारी कैसे करें?
· पपीता की उन्नत किस्में
· पपीता की खेती से कमाई
 

पपीता के लिए आवश्यक जलवायु

पपीते की खेती गर्म और नमीयुक्त जलवायु में की जाती है। इसे अधिकतम 44 तथा न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस में उगाया जा सकता है। पपीते की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी से होता है तो वह है लू और पाला।
 
यह जल्दी बढ़ने वाला पौधा है। साधारण नमी युक्त भूमी और अच्छी धूप में यह पेड़ तेजी से बढ़ता है। परन्तु अत्यधिक मात्रा में जल और क्षारीय भूमी पपीते के पेड़ के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं।
 

पपीता की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

पपीता हल्की दोमट मिट्टी में अच्छे से पनपता है। इसकी अच्छी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 6.5 होना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि पपीते को ज्यादा पानी रास नही आता इसीलिए इसकी खेती के चिकनी या जलभराव वाली मिट्टी बिलकुल भी उचित नहीं माना जाता है। लेकिन इसे लाल, पीली और काली मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है।
 

पपीता की खेती का सही समय

पपीता तो बारहों महीने में मिलता है लेकिन इसका उचित स्वाद इसके उचित समय की पैदावार में ही होता है। पपीते की खेती के लिए उचित समय फरवरी और मार्च और अक्टूबर के मध्य में होता है।
 

खेती की तैयारी

पपीते की खेती (Papaya farming) के लिए सबसे पहले किसानों को खेत को अच्छी तरह से जोतना चाहिए तथा खेत को समतल करना चाहिए। पपीते के खेती के लिए मिट्टी होना आवश्यक है। पपीते का बीज डालने से पहले बीजों का दवाइयों द्वारा उपचार कर लें। इसके बाद बीजों को समान दूरी पर लगाएं।
 
 
पपीतों में भी कई प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में संकर प्रजाति काफी तेजी से फैल रही है और आजकल इसकी डिमांड भी ज्यादा है। देश में पपीते की बहुत सी किस्मों का अच्छा उत्पादन होता है जिसमें ताइवान किस्म के पपीते सबसे ज्यादाअच्छे माने जाता है।
 
पूसा डोलसियरा, पूसा मेजेस्टी, रेड लेडी-786, सोलो, सिलोन, कयोम्बटूर-4 वाशिंगटन इत्यादी यह विभिन्न पपीते की किस्मों में आती हैं ।
 

सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन

जैसा कि हम जानते हैं कि पपीते की खेती (Papita ki kheti) को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन समय समय पर इसकी सिंचाई होनी चाहिए। हमें जानते हैं कि पपीते का पेड़ नमी वाली मीट्टी में अच्छे से पनपता है इसीलिए मिट्टी की नमी बरकरार रखने के लिए हमें समय समय पर सिंचाई करनी चाहिए।
 
सर्दियों में 12 से 15 दिन पर और गर्मियों में 5 से 8 दिनों पर सिंचाई होनी चाहिए। बरसात के मौसम में सिंचाई की जरूरत नही होती है लेकिन भारत के कुछ हिस्से कई बार सूखे से ग्रस्त रहते हैं तो ऐसी जगहों पर बरसात के मौसम में भी सिंचाई की आवश्यकता होती है।
 
पपीते के पेड़ में ज्यादा कीड़ें नहीं पाये जाते हैं लेकिन इसको सबसे ज्यादा नुकसान लू और पाले से होता है। वायरस भी पपीते के पेड़ को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए नाइट्रोजन, फॉस्फरस और पोटाश को समय पर डाल देना चाहिए। मिट्टी में खाद को अच्छी मात्रा में मिलाकर ही पौधों का रोपण करना चाहिए। ठंड़ के मौसम में अगर पाला पड़ने की आशंका है तो शाम को ही धुंआ कर देना चाहिए और अगर हो सके तो थोड़ी सिंचाई भी कर देनी चाहिए।
 

पपीता की खेती में लागत और कमाई

पपीते का एक स्वस्थ पेड़ एक सीजन में लगभग 40 किलो पपीते देता है। इसीलिए अगर किसान अच्छे पपीते की फसल लगातें हैं जैसे संकर किस्म जो कि अच्छी क्वॉलिटी माना जाता है तो साल में लगभग 6 से 8 लाख रूपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं। थोक बाजार में एक किलो पपीते की कीमत 10 रूपये के लगभग मिलते हैं तो इस हिसाब से एक क्विंटल पर 1000 रूपये तक मिल सकता है।
 
अगर एक सीजन में आप 80 से 100 क्विंटल पैदा करते हैं तो आप एक सीजन में लगभग 10 लाख रूपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।
 
अगर किसान मेहनत और लगन से पपीते की अच्छी पैदावार करते हैं तो किसानों को आर्थिक समस्याओं का सामना नही करना पड़ेगा। पपीते की खेती आज के समय में किसानों के लिए एक अच्छा आय का स्रोत माना जाता है और कम लागत में मोटी कमाई भी कर सकते हैं।
 

ये तो थी पपीते की खेती (Papita ki kheti) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इस लेख को शेयर कर सकते हैं।

पपीता की खेती पर एक्सपर्ट की सलाह

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