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ठंड में पशुओं को होने वाली बीमारियां और बचाव

ठंड के मौसम में पशुओं को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। इस मौसम में पशुओं को कई खतरनाक बीमारियां लग जाती हैं।

Animal Diseases In Winter Season: अक्सर किसान और पशुपालक मौसम के बदलने से अपने पशुओं के स्वास्थ को लेकर काफी परेशान रहते हैं। ठंड के मौसम में पशुओं को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। इस मौसम में पशुओं को कई खतरनाक बीमारियां लग जाती हैं। यह बीमारियां इतनी खतरनाक होती है कि जिसकी वजह से पशुओं की जान तक चली जाती है। 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में जानें- पशुओं को ठंड के मौसम में लगने वाले बीमारियां और उसके बचाव के तरीके (How To Protect Animals In Cold Weather in Hindi)

निमोनिया 

ये बीमारी पशुओं में ठंड में दूषित वतावरण व बंद कमरे मे रखने से और संक्रमण के कारण फैलती है। 

लक्षण 

  • भूख कम लगना। 
  • पशु के शरीर के रोयें खड़े हो जाना। 
  • पशु को ठंड लगने पर आँख व नाक से पानी आने लगाना।

उपचार 

  • दवा में ग्रोवेल का ऐमिनो पावर दें। 
  • यह विटामिन, प्रोटीन, और मिनरल्स की कमी को पूरा करता है। 
  • एक बाल्टी खोलते हुए पानी पर सूखी घास रख दें। 
  • अब पशु का चेहरा बोरे या मोटे चादर से ढक दें।
  • फिर बाल्टी पर रखी सूखी घास पर बूंद बूंद तारपीन का तेल टपकाएं। 
  • इससे जो भाप उठेगी उससे पशु को आराम मिलेगा। 

दस्त 

पशुओं को अक्सर ठंड के मौसम में दस्त की शिकायत होती है। मौसम में बदलाव होने के कारण यह रोग होता है।

उपचार 

  • पशु को ग्रोवेल का ग्रोविल फोर्ट और नियोक्सिविटा फोर्ट दें। 
  • इससे पशु को आराम मिलेगा। 

त्वचा रोग 

बदलते मौसम में गायों और भैंसों में त्वचा रोग बहुत जल्दी से फैलता है। कई प्रकार के जीवाणु और कृमि की वजह से पशुओं में त्वचा रोग होते हैं। इसमें पशुओं की खाल में मवाद पड़ जाती है, त्वचा लाल होने लगती है। 

उपचार 

  • पशु को एंटीबायोटिक शेम्पू से नहलाएं। 
  • इसके अलावा ओलिनोल और प्रेडनीसोलान दवा का प्रयोग करना चाहिए। 

खुरपका और मुंहपका रोग 

गर्मी और सर्दी की शुरुआत में यह रोग बहुत तेजी से फैलता है। इस रोग से पशुओं की मृत्यु तक हो जाती है। यह रोग वायरस से फैलता है। ये विषाणु हवा में होते हैं तथा हवा के द्वारा ही जीभ, मुँह, आंत, खुर, थन, खुले घाव से पशु के खून् में पहुँच जाते हैं। 

उपचार 

  • इस रोग का कोई निश्चित उपचार नहीं है।
  • इसके लिए समय पर खुरपका और मुंहपका का टीका अवश्य लगवाएं।  
  • मुंह और खुरों के घावों को पोटाश और फिटकरी के पानी से धोएं और पशुओं को एंटीबायोटिक दें। 

पशु को ठंड और रोग से बचाने के उपाय (Ways to protect the animal from cold and disease) 

  • गौशाला को नमी व सीलन से बचाए रखें। 
  • पशु पर सूरज की रोशनी आने दें। 
  • हमेशा संतुलित आहार दें।
  • तालाब से पशुओं को दूर रखें। 
  • बिछावन में पुआल का इस्तेमाल करें। 
  • खीस पिलाकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। 
  • ब्याई पशुओं को खाड़िया पिलाएं।
  • लवण मिश्रण पिलाएं। 
  • जहां तक संभव हो पशु को गुनगुना व ताजा पानी पिलाएं। 
  • व्यस्क व बच्चों को पेट के कीडे की दावा पिलाएं। 
  • बाहरी परजीवी से बचाव के लिए गुनगुने पानी में दवा मिलाकर नहलायें। 
  • गर्मी के लिये अलाव का प्रबंध करें। 
  • छोटे बच्चों को ऐमिनो पावर अवश्य पिलाएं। 
  • बुखार के लक्षण होने पर पशु चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

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ये तो थी, ठंड के सीजन में पशुओं को होने वाली बीमारियां और उसके बचाव के उपाय। ऐसे ही पशुपालन संबंधित ब्लॉग पढ़ने के लिए द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करें। 

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