मटर की उन्नत खेती कैसे करें? यहां जानें

हमारे देश में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में मटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में 7.9 लाख हेक्टेयर भूमि में मटर की खेती की जाती है।

भूमि का चयन

मटर की खेती कई तरह की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है। जिसमें रेतली दोमट मिट्टी से लेकर चिकनी मिट्टी भी शामिल है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

बीज की मात्रा एवं बीज उपचार

बीज की मात्रा किस्मों पर निर्भर करती है। सामान्यतः प्रति एकड़ खेत के लिए 15 से 20 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम थीरम या 2.5 ग्राम कार्बेनडाज़िम से उपचारित करें।

किस्में

मटर की बेहतर पैदावार के लिए आप नामधारी - NS 1155, आईरिस - हाइब्रिड मटर, नामधारी - NS 1100, श्रीराम - स्वीट रूबी, जेंटेक्स 10 स्टार, किस्मों का चयन कर सकते हैं।

खेत की तैयारी

खेत को तैयार करने के लिए 3-4 बार जुताई करें। जुताई के बाद खेत में पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को समतल एवं भुरभुरी बना लें। खेत की अंतिम जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 45 किलोग्राम यूरिया एवं 155 सिंगल सुपर फासफेट मिलाएं। खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

बुवाई की विधि

मटर की बुवाई कतारों में करें। सभी कतारों के बीच 22 इंच की दूरी रखें। पौधों से पौधों के बीच करीब 4-5 इंच की दूरी होनी चाहिए।

सिंचाई एवं खरपतवार प्रबंधन

मटर की बुवाई से पहले एक बार हल्की सिंचाई करें। इससे अंकुरण में आसानी होती है। इसके बाद मिट्टी में मौजूद नमी के आधार पर सिंचाई करें। खेत में खरपतवार की समस्या से निजात पाने के लिए आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करें। बुवाई के 20-25 दिनों बाद पहली एवं बुवाई के 40-45 दिनों बाद दूसरी बार निराई-गुड़ाई करें।

रोग एवं कीट प्रबंधन

मटर की फसल में चोपा, फली छेदक कीट, पत्ती सुरंगी कीट, सफेद धब्बा रोग, कुंगी रोग जैसे कीटों एवं रोगों का प्रकोप अधिक होता है। ये रोग एवं कीट मटर की उपज में कमी का बड़ा कारण बन सकते हैं। इसलिए इनके लक्षण नजर आने पर उचित दवाओं का प्रयोग करें।

फलों की तुड़ाई

मटर की बुवाई से करीब 130-150 दिनों बाद फलियां तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं। 6 से 10 दिनों के अंतराल पर 4 से 5 बार तक मटर के फलियों की तुड़ाई की जा सकती है।

मटर के साथ आप अन्य किन फसलों की खेती करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।