पशुपालन

bakri palan: बकरी पालन कैसे करें, यहां जानें

बकरी पालन (bakari palan) कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली व्यवसाय है। इसे आप छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक आसानी से कर सकते हैं।

बकरी पालन में कमाई

bakri palan in hindi: बकरी पालन (bakari palan) किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली व्यवसाय है। इसे छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक किसान आसानी से कर सकते हैं। जो किसान गाय-भैंस पालन करने में असमर्थ हैं वे छोटे स्तर पर बकरी पालन (Goat farming) की शुरूआत कर सकते हैं।

बकरी को ‘गरीबों की गाय कहा’ जाता है, भारत में अब अधिकांश युवा किसान परम्परागत बकरी पालन को छोड़कर आधुनिक बकरी पालन कर रहे हैं। 

आधुनिक बकरी पालन क्या है (bakri palan in hindi)

पहले किसान खेती के साथ मात्र 5-10 बकरियों को पालते थे, जिससे ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता था। परन्तु अब किसान इसे व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं। इसके लिए अलग से मुर्गी पालन की तरह ही शेड का निर्माण कर ज्यादा बकरियां एक साथ रखते हैं। अब बकरी पालन का तरीका (bakri palan ka tarika) भी आधुनिक हो गया है। इसे ही व्यवसायिक बकरी पालन (commercial goat farming) कहते हैं। 
 
आसान भाषा में कहें तो थोड़ी ट्रेनिंग और कुछ ज्यादा पूंजी लगाकर उन्नत तरीके से बकरी पालन करना ही ‘आधुनिक बकरी पालन’ (aadhunik bakri palan) कहलाता है।
 
व्यवसायिक बकरी पालन (commercial goat farming in hindi) के लिए सरकार भी किसानों की मदद कर रही है। इसके लिए आप बकरी पालन योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं। व्यवसायिक बकरी पालन (commercial goat farming) के लिए सरकार पशुपालकों को ट्रेनिंग और सब्सिडी देती है। 
 
👉आपको बता दें, 2030 तक बकरी पालन को और अधिक सफल बनाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत नए पशुपालकों को धन मुहैया करा रही है। बकरी पालन के लिए लोन (bakri palan loan yojana) कैसे मिलेगा इस जानकारी के लिए आप अपने जिले के पशुधन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

बकरी पालन में कमाई (goat farming income)

मुर्गी पालन के बाद बकरी पालन (bakari palan) किसानों का पसंदीदा व्यवसाय बनता जा रहा है। कम लागत और ज्यादा मुनाफा के कारण बकरी पालन पिछले कुछ सालों में वृद्धि देखी जा सकती है। चूंकि मुर्गी पालन में ज्यादा देखभाल और दवाओं की जरूरत होती है। मुर्गी पालन में बर्ड फ्लू जैसी कई बीमारियों का भी खतरा ज्यादा रहता है। यदि बकरी पालन (bakari palan) अच्छी तरह से किया जाए तो बकरियों में रोग लगने की संभावना कम रहती है। 
 
बकरी का मांस और दूध बेचकर आप अच्छा मुनाफा पा सकते हैं। यदि आप इसकी शुरूआत 10-20 बकरियों से करें तो 2 साल के अंदर आपके पास 200 से भी ज्यादा बकरियों की संख्या हो सकती है, जिससे आप लाखों की कमाई कर सकते हैं। 
 

बकरी पालन क्यों चुनें?(Why choose goat farming?)

बकरी पालन (bakari palan) को शुरू करने के लिए अधिक धन और श्रम की आवश्यकता नहीं होती है। इस बिजनेस को एक या दो लोगों से आसानी से किया जा सकता है। 
 
बकरी पालन उन बेरोजगार युवाओं, छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए एक अच्छा व्यवसाय हो सकता है, जिनके पास खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत पैसा नहीं है। 
बकरी पालन को यदि प्रशिक्षण प्राप्त कर इस बिजनेस को शुरूआत की जाए तो और अधिक लाभ होता है। जिससे आपको बकरी पालन (bakari palan) की सभी आधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त हो जाता है। जिसके लिए सरकार समय-समय पर बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण भी देती है। 
 

बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण केंद्र (Goat rearing training center)

केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा
 
आपको बता दें, भारत में बकरियों पर अनुसंधान के लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा में केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई है। जो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है। 
 
यह कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है। यह संस्था किसानों, बेरोजगार युवाओं और छोटे उद्यमियों के लाभ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बकरी पालन प्रशिक्षण आयोजित करता है। 
 
अधिक जानकारी के लिए आप इस संस्थान के फोन नंबर  0565- 2763320 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा आप संस्थान की वेबसाइट www.cirg.res.in पर विजिट कर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

 

 
संस्थान का पूरा पता- केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, पोस्ट- फरह-281122, जिला- मथुरा (उ.प्र.) 
 
बकरी पालन के लाभ

बकरी पालन से लाभ (benefits of goat farming)

 
बकरी पालन अन्य पशुपालन से कम समय में ज्यादा लाभ है, जो निम्नलिखित है।
  • भैंस-गाय या अन्य पशुपालन की तुलना में बकरी पालन के लिए कम जगह की जरूरत होती है। 
  • यदि आपके पास कम जगह है फिर भी आप बहुत कम जगह पर अधिक बकरियों का प्रबंधन कर सकते हैं।
  • बकरी पालन में अन्य जानवरों की तुलना में बहुत कम भोजन की जरूरत होती है। 
  • इसके लिए आपको कम खर्च की जरूरत होती है।
  • बकरी पालन सभी मौसम और किसी भी की जा सकती है।
  • बकरी 2 साल में 3 बार मां बन सकती है। अतः आप कम समय में बकरियों की संख्या बढ़ा सकते हैं।
  • आजकल मुर्गियों में लगने वाली बीमारियों की वजह से बकरे की मांस की ज्यादा डिमांड है। 
  • बकरी का मांस, दूध और अन्य उत्पाद मानव आहार के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करते हैं। 
  • बकरी के मांस में प्रोटीन ज्यादा होता है, साथ में लौह (आयरन) भी अधिक होता है। 
  • बकरी का दूध डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी को दूर करने के लिए काफी कारगर साबित होता है। 
  • बकरी का दूध पचाना आसान होता है और बच्चों और वयस्कों के लिए यह दूध अच्छा होता है।
 

बकरी पालन कैसे करें (bakri palan ka tarika)

सबसे बड़ा प्रश्न किसानों का रहता है कि बकरी पालन कैसे करें? बकरी पालन का तरीका क्या है?
 
सबसे पहले बकरी पालन (bakari palan) की मूल बातें जान लें, जिससे बकरी पालन में ज्यादा मुनाफा हो सके। इससे बड़े स्तर पर बकरी पालन की योजना को शुरू करने में आपकी मदद मिलेगी। बकरी पालन(bakari palan) में शुरू से एक रणनीति से काम करें। इससे आपको इस बिजनेस में नुकसान कम होगा।
 

नस्ल का चयन

सबसे पहले पशुपालक को यह तय करना जरूरी है कि किस प्रकार की प्रजाति की बकरियों का चयन करना है। नस्ल के चयन में पशुपालक पहले देसी बकरियों का चयन करना चाहिए। कुछ प्रशिक्षण के बाद वे अपनी बजट, और जलवायु के अनुसार अच्छी नस्ल का चुनाव कर सकते हैं। 
 

शेड का निर्माण 

बकरी पालन के लिए भूमि और शेड का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है, चूंकि बकरियों को ऊंचे और साफ जगह पसंद होती है। इसके लिए आपको ऊंची भूमि और शेड का चुनाव करना होगा। बकरी पालन के लिए अधिक जगह की आवश्यकता नहीं होती है। आपको शेड का निर्माण वैज्ञानिक रूप से डिजाईन करना होगा। 
 

बकरियों की भोजन और देखभाल

इन सबके अलावा, आपको भोजन की विशेष देखभाल करनी होगी। एक स्वस्थ्य भोजन आपकी बकरी को स्वस्थ बनाता है। बाजार से खरीदा गया भोजन आपके लिए महंगा हो सकता है। अतः आप घर पर ही स्वयं बकरियों के लिए चारे का उत्पादन कर सकते हैं। 

 

बकरियों की मार्केटिंग और बाजार

आजकल बाजार में बकरे के मांस की बहुत डिमांड है। इस व्यवसाय के लिए मार्केटिंग की कोई ज्यादा आवश्यतकता नहीं होती है। एक बार ग्राहक को आपके फॉर्म हाउस के बारे में पता चलने पर खुद इन बकरियों को खरीदने के लिए आपके पास आएंगे। 
 
इसके अलावा आप अन्य बकरी पालकों को बकरी के बच्चों को उनकेके लिए भी बेच सकते हैं। जिससे आपको ज्यादा मुनाफा भी होगा। 
 
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संक्षेप में कहें तो बकरी पालन (bakari palan) किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कृषि के साथ-साथ बकरी पालन एक अच्छा व्यवसाय हो सकता है।
 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न- बकरी पालन का शुरुआत कैसे करें?

उत्तर- बकरी पालन की शुरुआत कम बकरियों से करें। इसके लिए सबसे पहले अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार नस्ल का चयन कर लें। बकरियों के उचित आहार और अच्छे से देखभाल करें। 

प्रश्न- 10 बकरी पालने में कितना खर्चा आएगा?

उत्तर- 10 बकरी पालने में 10 से 20 हजार रुपए का खर्चा आएगा। बाड़े के निर्माण के लिए आपको अलग से खर्च करना पड़ेगा। इन 10 बकरियों से आप प्रति बकरी 5 से 10 हजार की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। 

प्रश्न- गांव में बकरी पालन कैसे करें?

उत्तर- गांव में बकरी पालन करना बहुत ही आसान होता है। इसके लिए सबसे पहले गांव में आवास की व्यवस्था कर लें। आवास में पानी, बिजली और हवा की उचित व्यवस्था होना चाहिए। 

प्रश्न- सबसे ज्यादा बच्चे देने वाली बकरी कौन सी है?

उत्तर- सबसे ज्यादा बच्चे देने वाली बकरी में बरबरी, ब्लैक बंगाल, जमुनापारी और सिरोही प्रमुख हैं। 

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