सीड नैनो प्राइमिंग क्या है? यहां जानें, कैसे फसलों का उत्पादन बढ़ाने में मददगार

बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अधिक फसल उत्पादन की ज़रूरत है और इसके लिए खेती में लगातार नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसी ही एक बहुत ही उपयोगी तकनीक है सीड नैनो प्राइमिंग।

क्या है सीड नैनो प्राइमिंग? (Seed Nano Priming)

सीड या बीज नैनो-प्राइमिंग एक नई तकनीक है, जिसमें सीड प्राइमिंग के लिए खासतौर पर नैनोकणों का इस्तेमाल किया जाता है।

क्या है सीड नैनो प्राइमिंग? (Seed Nano Priming)

सीड नैनो प्राइमिंग पारंपरिक सीड प्राइमिंग से अलग है, क्योंकि पारंपरिक सीड प्राइमिंग में मुख्य रूप से पानी (हाइड्रोप्राइमिंग) या पोषक तत्व, हार्मोन, या बायोपॉलिमर वाले घोल का उपयोग होता है।

क्या है सीड नैनो प्राइमिंग? (Seed Nano Priming)

नैनो-प्राइमिंग में सस्पेंशन या नैनोफॉर्म्यूलेशन मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है। जब नैनोपार्टिकल बनते हैं, तो बड़ा हिस्सा लेप के रूप में बीज के ऊपर लग जाता है। इससे बीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और रोगजनकों से इनका बचाव होता है।

नैनो प्राइमिंग के फायदे

सीड नैनो प्राइमिंग के कई फायदे हैं, जैसे- ये पौधों के विकास को बढ़ावा देता है, उत्पादन बढ़ाता है, भोजन में पौष्टिक तत्वों की मात्रा बढ़ाने में सहायक है।

नैनो प्राइमिंग के फायदे

नैनो प्राइमिंग बायोकेमिकल रास्ते को व्यवस्थित करता है और प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों और पौधों के विकास हार्मोन के बीच संतुलन को नियंत्रित करता है। इससे कीटनाशकों और उर्वरकों के इस्तेमाल में कमी आती है और इससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और तनाव कम होता है।

नैनो प्राइमिंग के फायदे

यह पत्तियों के प्रकाश अवशोषण, प्रकाश संश्लेषक गतिविधि, वाष्पीकरण, जैविक व अजैविक तनाव को कम करने में मदद करता है। इससे प्रतिकूल जलवायु में भी पौधों का अच्छा विकास होता है।

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