ग्रामीण विकासपंचायती राज

मुखिया के कार्य और अधिकार, यहां जानें | mukhiya ki salary

हमारे देश में गांव के मुखिया (mukhiya) को ग्राम प्रधान, सरपंच आदि के नाम से जाना जाता है। बिहार/झारखंड में प्रधान को मुखिया कहा जाता है।

Mukhiya chunav: मुखिया के कार्य और अधिकार, यहां जानें

mukhiya ki salary: भारत एक लोकतांत्रिक देश है। भारत की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें गावों तक फैली हुई है। वर्ष 1992 में संविधान के 73वें संशोधन के बाद पूरे भारत में पंचायती राज लागू है।

गांव के लोगों को भी ‘गांव की सरकार’ बनाने का अधिकार दिया गया है। पंचायती राज में गांव के मुखिया (mukhiya) को चुनने का अधिकार ग्रामवासियों को ही दिया गया है। गांव के लोग ही अपने मनपसंद उम्मीद्वार को अपना मुखिया चुनते हैं। 

आपको बता दें, हमारे देश में गांव के मुखिया (mukhiya) को ग्राम प्रधान, सरपंच आदि के नाम से जाना जाता है। बिहार और झारखंड में गांव के प्रधान को मुखिया कहते हैं। जिसका चुनाव राज्य चुनाव आयोग प्रत्येक 5 साल के बाद कराती है।  

मुखिया (mukhiya) राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार कार्य करते हैं। ग्राम सभा और ग्राम पंचायत से जुड़े सभी कार्यों का निर्वहन करने की जिम्मेदारी मुखिया (mukhiya) की होती है। 

तो आइए, आज हम द रुरल इंडिया के इसे लेख में मुखिया के कार्य (mukhiya ke karya) और अधिकार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। 

इस लेख में आप जानेंगे-

  • मुखिया के कार्य (mukhiya ke karya)
  • मुखिया के चुनाव के लिए पात्रता
  • मुखिया के चुनाव के लिए आवश्यक दस्तावेज
  • मुखिया को फंड कहां से मिलता है
  • मुखिया का वेतन कितना होता है
  • मुखिया का चुनाव कैसे होता है
  • मुखिया को हटाने की प्रक्रिया

मुखिया के कार्य (mukhiya ke karya)

पंचायती राज में ग्राम पंचायतों को 29 प्रकार के काम सौंपे गए हैं जिसे गांव में कराने की जिम्मेदारी मुखिया को ही होती है। 

जैसे-

  • अपने गांव में सड़क की व्यवस्था करना।
  • ग्राम में होने वाली सभी बैठकों में भाग लेना।
  • ग्राम सभा में 1 वर्ष में लगभग 4 बार बैठक आयोजित करना।
  • ग्राम पंचायत के बजट पर नजर रखना
  • पेयजल व्यवस्था, कुटीर उद्योग और कृषि से जुड़े योजना का विस्तार अपने गांव में करना।
  • ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के सभी बैठकों का आयोजन करना
  • गांव में होने वाले सभी कार्य को अपने देखरेख में करवाना।
  • केंद्र और राज्य सरकार में लागू की जाने वाली योजनाओं को अपने ग्राम पंचायत में लागू करवाना।
  • अपने ग्राम पंचायत क्षेत्र के लोगों की सभी समस्याओं का समाधान खोजना और समस्या का निवारण करना।
  • ग्राम पंचायत क्षेत्र में होने वाले कार्यों का कार्यरत वार्ड सदस्यों से संपूर्ण ब्यौरा लेना और उन्हें दिशानिर्देश देना।

मुखिया के चुनाव के लिए पात्रता

  • मुखिया बनने के लिए आपके उम्र कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए।
  • शैक्षिक योग्यता आठवीं पास होनी चाहिए।
  • *यह राज्य के अनुसार अलग-अलग भी हो सकती है। 
  • जिस पंचायत के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहां के ग्राम सभा का मेंबर होना अनिवार्य है।
  • पंचायत के वोटर लिस्ट में इच्छुक प्रत्याशी का नाम होना चाहिए।
  • किसी तरह के आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं होने चाहिए।

पंचायत चुनाव नामांकन के लिए जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी
  • निवास प्रमाण पत्र
  • जाति प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज 2 फोटो
  • स्व घोषणा पत्र
  •  प्रपत्र-6 और प्रपत्र-29
  • नोटरी से सत्यापित शपथ-पत्र आदि

मुखिया को फंड कहां से मिलता है

ग्रामीण विकास विभाग और केंद्र सरकार के द्वारा किसी योजना के तहत काम करवाने के लिए पंचायत के खाते में सरकारी फंड भेजती है। कई योजनाओं में राज्य सरकार खुद फंड भेजती है।  

किसी-किसी योजना में केंद्र सरकार राज्य सरकार दोनों प्रतिशत के अनुसार फंड भेजती है। इसके अलावा वित्त आयोग और राज्य वित्त आयोग से भी मुखिया को फंड मिलता है।

किसी गांव के मुखिया को फंड उनके कार्य करने की जरूरत के अनुसार ही सरकार भेजती है।

मुखिया को सरकारी फंड या किसी से फंड को पाने के लिए अलग से एक खाता खुलवाना होता है। 

मुखिया का वेतन (सैलरी) कितना होता है (mukhiya ki salary)

मुखिया की सैलरी (mukhiya ki salary) हर राज्य में अलग-अलग होती है। अगर बात हम बिहार के मुखिया की करें तो भत्ते के रुप में लगभग 2500 रुपए तक मुखिया का मासिक वेतन होता है।

इसके अलावा अगर समस्या के निवारण के लिए मुखिया को यदि कहीं बाहर जाना पड़ता है। तो उसका खर्च भी सरकार उठाती है। मुखिया को सरकार द्वारा और भी कई सुविधाएं दी जाती है।

मुखिया का चुनाव कैसे होता है (mukhiya ka chunav)

  • मुखिया का चुनाव (mukhiya ka chunav) 5 वर्ष में एक बार होता है।
  • मुखिया का चुनाव राज्य चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है।
  • मुखिया के चुनाव खुद ग्रामवासी अपने बहुमत से करते हैं

मुखिया को हटाने की प्रक्रिया

अगर आप अपने गांव के मुखिया के कार्य से संतुष्ट नहीं है। तो ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर के मुखिया को उनके पद से हटाया जा सकता है। ग्राम सभा के सदस्य दो तिहाई बहुमत होने पर ही गांव के मुखिया को हटाया जा सकता है। 

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