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Gram Pradhan: पंचायती राज और ग्राम प्रधान का महत्व, यहां जानें

गांवों के विकास में ग्राम पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज हम आपको ग्राम प्रधान (gram pradhan) के चुनाव और कार्य के बारे में बता रहे हैं। 

Gram Pradhan: हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत है। ग्राम पंचायत स्तर तक लोकतंत्र की स्थापना की गई है। जिस तरह से प्रत्येक 5 साल में लोकसभा, विधान सभाओं का चुनाव होता है। उसी तरह देश में सभी ग्राम पंचायतों में स्थानीय चुनाव के जरिए ग्राम प्रधान (gram pradhan) और पंचायतों के सदस्यों का निर्वाचन होता है। 

भारत के गांवों में तीन स्तर पर पंचायतों का गठन किया जाता है। 

  • जिला स्तर पर जिला पंचायत
  • ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति
  • गांव स्तर पर ग्राम पंचायत 

इन सभी संस्थाओं का गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। आज हम आपको ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान (gram pradhan) की भूमिका, चुनाव और उसके कार्य के बारे में बता रहे हैं। 

तो आइए, इस ब्लॉग में जानें-

ग्राम प्रधान का महत्व और चुनाव

संविधान के 73 वें संशोधन के जरिए गांवों में ग्राम पंचायत स्तर पर कई शक्तियां दी गई हैं। इस संविधान संशोधन को पंचायती राज व्यवस्था को गठन किया गया है। ग्राम पंचायतों में ग्रामवासियों को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार दिया गया है। पंचायत चुनाव के जरिए प्रत्येक 5 वर्ष में ग्राम प्रधान (gram pradhan) और वार्डों के सदस्यों का चुनाव होता है। इनका चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग कराती है। चुने हुए प्रतिनिधि को ग्राम प्रधान कहा जाता है। ग्राम प्रधान (gram pradhan) को अलग-अलग राज्यों में अलग नामों से जाना जाता है। जैसे सरपंच, ग्राम पंचायत अध्यक्ष और मुखिया के नाम से जाता है जबिक वार्डों के मुखिया को वार्ड सदस्य या वार्ड पंच कहा जाता है। 

ग्राम प्रधान के कार्य (gram pradhan ke karya ki jankari)

गांव के विकास में ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ग्राम प्रधान (gram pradhan) गांव में सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कराता है। ग्राम प्रधान के कई कार्य (gram pradhan ke karya ki jankari) होते हैं जो निम्नलिखित हैं। 

गांव की सड़कों को बनवाना और उसका रखरखाव करना

पशुओं के पीने की पानी की व्यवस्था करना

प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना

  • कृषि को बढ़ावा देना
  • खेती की सिंचाई की व्यवस्था
  • शौचालय की व्यवस्था करना
  • सार्वजनिक स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करना
  • दाह संस्कार और कब्रिस्तान का रखरखाव करना
  • सरकारी योजनाओं को गांव में सही तरह से क्रियान्वित कराना
  • सड़क और ग्राम विकास से जुड़े सभी मुद्दों पर ग्रामवासियों के लिए कार्य करना
  • गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों का राशन कार्ड बनवाना
  • गांव के रहने वाले राशनकार्ड धारक को राशन वितरण दुकान से सस्ते मूल्य पर खाद्य उपलब्ध करवाना
  • गांव में विकास कार्यों को सही और सुचारू रूप से क्रियान्वित करना
  • विधवा महिलाओं को विधवा पेंशन की सुविधा उपलब्ध करवाना
  • बुजुर्ग महिला या पुरुष को वृद्धा पेंशन की सुविधा उपलब्ध करवाना
  • गांव के रहने वाले बेरोजगार युवाओं को मनरेगा योजना से जोड़कर रोजगार प्रदान करना
  • इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान (gram pradhan) के ऊपर ऐसे बहुत से कार्यों की जिम्मेदारी होती है। 

    ये तो थी, ग्राम प्रधान के कार्य और चुनाव की जानकारी (gram pradhan ke karya ki jankari)। ऐसे ही ग्राम विकास पर महत्वपूर्ण ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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