पंचायती राज

उप मुखिया का चुनाव और अधिकार | up mukhiya ka kya karya hai

आज हम इस ब्लॉग में उप मुखिया का चुनाव, उप मुखिया के अधिकार और उप मुखिया की सैलरी जैसी विषयों पर चर्चा करेंगे। 

up mukhiya: भारत में स्थानीय स्तर पर भी लोकतांत्रिक शासन (democratic governance) प्रणाली लागू है। यह व्यवस्था में हमें 73वें संविधान संशोधन से मिली है। इस संविधान संशोधन के बाद संपूर्ण भारत में पंचायती राज व्यवस्था लागू है। जिसे हम गांव की सरकार’ भी कहते हैं।

इस व्यवस्था में गांव की सरकार को 3 स्तरों पर विभाजित किया गया है।

  1. गांव स्तर पर ग्राम पंचायत
  2. ब्लॉक स्तर पर क्षेत्र समिति
  3. जिला स्तर पर जिला परिषद

आज हम इस ब्लॉग में उप मुखिया का चुनाव, उप मुखिया के अधिकार और उप मुखिया की सैलरी जैसी विषयों पर चर्चा करेंगे। 

इस ब्लॉग में आप जानेंगे

  • उप मुखिया (up mukhiya) पद की महत्ता
  • उप मुखिया का चुनाव कैसे होता है
  • उप मुखिया के कार्य और अधिकार 
  • उप मुखिया (up mukhiya) की सैलरी
  • उप मुखिया को हटाने की प्रक्रिया

उपमुखिया पद की अवधारणा बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में है। इसे अन्य राज्यों में उपसरंपच या उप ग्राम प्रधान के नाम से जाना जाता है।

उप मुखिया पद की महत्ता (up mukhiya kya hai)

बिहार-झारखंड में ग्राम पंचायत में मुखिया (mukhiya) के बाद उप मुखिया बेहद ही महत्वपूर्ण पद है। मुखिया के अनुपस्थिति में उसकी जिम्मेदारी उप मुखिया की ही होती है। यदि किसी कारणवश किसी मुखिया की मृत्यु या इस्तीफे से पद खाली हो जाती है तो मुखिया की पूरी जिम्मेदारी उप मुखिया की हो जाती है। 

उप मुखिया का चुनाव (up mukhiya ka chunav kaise hota hai)

उप मुखिया का चुनाव प्रत्येक 5 साल के बाद होता है। पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) में केवल मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, वार्ड पंच जैसे पदों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा होता है। लेकिन उप मुखिया का चुनाव चुने हुए वार्ड सदस्यों द्वारा होता है। यह चुनाव पंचायत चुनाव के तुरंत बाद 1 महीने के अंदर कराने का प्रावधान है। इस चुनाव में केवल वार्ड सदस्य ही भाग लेते हैं। 

उप मुखिया के कार्य और अधिकार (up mukhiya ka adhikar)

  • मुखिया के कामों में सहायता करना
  • मुखिया द्वारा सौंपे गए कार्यों को करना
  • मुखिया की अनुपस्थिति में मुखिया के दायित्वों का निर्वहन करना
  • गांव के विकास के लिए सुझाव और प्रस्ताव देना

उप मुखिया की सैलरी और वेतन (up mukhiya ki salary)

स्पष्ट रुप से कहें तो उपमुखिया या उपसरंपच को किसी भी प्रकारी की सैलरी नहीं दी जाती है। उप मुखिया को सैलरी के रूप में भत्ता या मानदेय दिए जाते हैं। बिहार में उप मुखिया की सैलरी के रूप में प्रतिमाह 1200 रुपए दी जाती है। 

आपको बता दें, अन्य राज्यों में उप मुखिया या उपसरपंच को यह राशि अधिक या कम भी हो सकता है। 

उप मुखिया को हटाने की प्रक्रिया (up mukhiya ko hatane ka upay)

जिस तरह से मुखिया को पद से हटाने के लिए ग्रामसभा में प्रस्ताव पारित कर उसे हटाया जाता है। उसी प्रकार उप मुखिया (up mukhiya) को भी ग्राम पंचायत में प्रस्ताव देकर, ⅔ बहुमत से उसे हटाया जा सकता है। हालांकि यह प्रक्रिया तभी की जाती है, जब उप मुखिया अपने दायित्वों का निर्वहन सही से नहीं कर रहा हो या जनता उसके कार्यों से असंतुष्ट हो। 

इसके अलावा उप मुखिया जिला पंचायत राज पदाधिकारी को स्वयं त्याग-पत्र लिखकर भी अपने पद से इस्तीफा दे सकता है।

यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इसे अपने ग्रामवासियों तक जरूर पहुंचाए। इससे उन्हें भी उप मुखिया के अधिकार और सैलरी की पूरी जानकारी मिल सके।

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