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Ajola ki kheti: अजोला की खेती कैसे करें, यहां जानें

अजोला का उपयोग पशुओं के हरे चारे के साथ-साथ जैविक खाद के रूप में भी किया जाता है। पशुओं को अजोला खिलाने से शारीरिक वृद्धि और दूध बढ़ता है। 

azolla farming: अजोला एक जलीय फर्न है, जो पानी में गुच्छे की तरह तैरती रहती है। धान के खेती में अजोला की खेती (ajola ki kheti) करने से खरपतवार का जमाव नहीं होता है।

पशुओं को अजोला (azolla) खिलाने से दूध में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि होती है। भारत में अजोला की खेती किसान हरी खाद और पशुओं की चारे के उपयोग के लिए करते हैं। 

अजोला का उपयोग पशुओं के हरे चारे के साथ-साथ हरी और जैविक खाद के रूप में किया जाता है। भेड़, बकरी, गाय, भैंस को अजोला (azolla) खिलाने से उनकी शारीरिक वृद्धि और दूध उत्पादन बढ़ता है। 

मुर्गियों के लिए अजोला (azolla) सबसे उत्तम चारा माना जाता है। अजोला प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर और विटामिन छोड़ता है, जो धान की फसल को तेजी से विकास करने में काफी मदद करता है। 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में विस्तार से जानें- अजोला की खेती कैसे करें (ajola ki kheti kaise karen)

अजोला की खेती करने की विधि (ajola ki kheti)

  • अजोला की खेती (azolla farming) करने के लिए किसी छायादार स्थान पर 10 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा व 2.5 फीट गहरा गढ्ढा खोद लें। 
  • इस गढ्ढे में प्लास्टिक की शीट बिछाकर 4 इंच मिट्टी चढ़ा दें। 
  • प्लास्टिक शीट को बिछाने की जगह पक्के गढ्ढे का निर्माण कर सकते हैं। 
  • गढ्ढे में 80 से 100 किलोग्राम साफ मिट्टी की परत प्लास्टिक शीट पर बिछा दें। 
  • इस गढ्ढे में 10 से 12 परात गोबर की खाद 10-15 लीटर पानी में घोल बनाकर मिट्टी पर छिड़क दें। 
  • गढ्ढे में 1 से 1.5 फीट ऊंचाई तक पानी भर दें। 
  • पानी में 100 से 120 ग्राम एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) डाल दें। 
  • अब गढ्ढे में मिट्टी और गोबर की खाद को जल में अच्छी तरह से मिश्रित कर दें। 
  • इस गढ्ढे में 1 से 2 किलोग्राम अजोला की बीज डाल दें। 
  • अजोला की फसल 20 से 25 दिनों में तैयार हो जाती है। 
  • गढ्ढे  को अब 50 प्रतिशत नायलोन जाली से ढककर 20 से 25 दिन तक अजोला की वृद्धि करने के लिए छोड़ दें। 
  • अजोला (azolla) का प्रतिदिन 15-20 किलोग्राम उपज प्राप्त करने के लिए 20 ग्राम सुपरफॉस्फेट और 50 किलोग्राम गोबर की घोल बनाकर प्रतिमाह गढ्ढे में डालें। 
अजोला की खेती का तरीका

अजोला की खेती से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs)

प्रश्न- अजोला का पौधा कहां मिल सकता है?

उत्तर- अजोला का पौधा उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की खाइयों, तालाबों और आर्द्रभूमि में मिल सकता है। अजोला की बीज लेने के लिए आप कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्रों से संपर्क कर सकते हैं। 

प्रश्न- अजोला कैसे उगाया जाता है?

उत्तर- अजोला (azolla) तालाब बनाकर उगाया जाता है। 

प्रश्न- अजोला कितने दिन में बढ़ता है?

उत्तर- अजोला 20 से 25 दिनों में तैयार हो जाता है। 

प्रश्न- अजोला की कीमत क्या है?

उत्तर- अजोला का भाव बाजार में 2-5 रुपए प्रति किलो तक होता है। 

प्रश्न- क्या अजोला एक जैविक खाद है?

उत्तर- हां, अजोला एक जैविक खाद है। इसे हरी खाद भी कहा जाता है। 

प्रश्न- क्या अजोला सूअरों के लिए अच्छा है?

उत्तर- हां, अजोला (azolla) सूअरों के लिए काफी अच्छा होता है। अजोला में कई प्रकार की विटामिन होते हैं जो सूअरों के विकास में काफी मदद करती है। 

प्रश्न- क्या अजोला अच्छा उर्वरक है?

उत्तर- हां, अजोला (azolla) एक अच्छा उर्वरक है जो हरी खाद के रुप में काम करता है। 

ये तो थी, अजोला की खेती (ajola ki kheti) की जानकारी। ऐसे ही खेती की उन्नत जानकारी के लिए द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करते रहें।

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