batakh palan: बत्तख पालन कैसे करें? यहां जानें
बत्तख पालन (batak palan) मुर्गियों के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है। इस व्यवसाय में कम लागत और अधिक मुनाफा होता है।
duck farming in hindi: जब भी पोल्ट्री फार्मिंग (poultry farming) की बात की जाती है, तो दिमाग में सबसे पहला ख्याल मुर्गी पालन के व्यवसाय का आता है। जबकि पाल्ट्री फार्म में मुर्गी पालन से अधिक लाभ देने वाले व्यवसाय हैं। इसमें बत्तख पालन (duck farming) प्रमुख है।
बत्तख पालन (batak palan) मुर्गियों के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है। इस व्यवसाय में कम लागत और अधिक मुनाफा होता है।
बत्तख पालन के फायदे (batak palan ke fayde)
- बत्तख मुर्गियों के मुकाबले कम बीमार पड़ती हैं। इन्हें अतिरिक्त दवाइयां भी नहीं देनी पड़ती है।
- बत्तख मुर्गियों से 40 से 50 अंडे ज्यादा देती हैं।
- बत्तखों के अंडों का वजन 15 से 20 ग्राम तक अधिक होता है।
- अंडे देने वाली नस्ल साल में करीब 300 से अधिक अंडे देती हैं।
- बत्तख सुबह अंडे देती हैं। इससे किसानों को अंडे के लिए दिनभर परेशान नहीं होना पड़ता है।
- बत्तख मुर्गियों से ज्यादा बड़ी होती हैं और तेजी से बढ़ती हैं।
- मुर्गियों को खाने के लिए अलग से तैयार फीड नहीं देनी पड़ती हैं, बत्तख अपना खाना खुद ही ढूंढ कर खाती हैं।
- यह आमतौर पर दाने, कीड़े-मकोड़े, छोटी मछलियां, मेढक आदि खाकर तेजी से विकास करती हैं।
- इससे इनके खाने का खर्च भी बचता है।
मछली पालन के साथ करें बत्तख पालन, होगी दुगुनी आमदनी
बत्तखों का पालन यदि मछलियों के साथ किया जाए तो इससे दोनों को काफी लाभ होता है। आपको बता दें, बत्तख की बीट मछलियों के लिए आहार का काम करती है। बत्तखों के पानी में तैरने से तालाब में आक्सीजन की मात्रा पर्याप्त बनी रहती है। इससे मछलियों को भी फायदा होता है। बत्तखों को पानी में तैरने का मौका मिलता है, जिससे ये स्वस्थ बनी रहती है। बत्तख तालाब में मौजूद मछलियों को परेशान करने वाली छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े को खाकर खत्म कर देती है।