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Jaivik kheti: जैविक खेती क्या है? यहां जानें

जैविक खेती (jaivik kheti) एक ऐसी खेती है जिसमें रासायनों के उपयोग किए बिना हमें शुद्ध और रसायनमुक्त भोजन मिलती है। 

Organic farming in hindi : जैविक खेती क्या है?

jaivik kheti: कहते हैं ‘स्वास्थ्य ही धन है’, स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम शुद्ध भोजन करें। पुराने जमाने में लोग ज्यादा बीमार नहीं पड़ते थे उसका एकमात्र कारण था- शुद्ध भोजन। 

ये शुद्ध भोजन हमें प्राकृतिक तरीके से तैयार किए फसल से ही मिल सकती है। ये जैविक खेती (organic farming) से ही संभव है। हम अपने स्वास्थ्य को तभी सही कर पाएंगे जब हम प्राकृतिक खेती (Natural farming) यानी जैविक खेती (organic farming) की ओर लौटेंगे। 

जैविक खेती (jaivik kheti) एक ऐसी खेती है जिसमें रासायनों के उपयोग किए बिना हमें शुद्ध और रसायनमुक्त भोजन मिलती है। 

तो आइए, The Rural India के इस लेख में हम आपको जैविक खेती (jaivik kheti) के बारे में गहराई से और बहुत ही सरल भाषा में समझाएंगे। इस ब्लॉग में जैविक खेती के लाभ के बारे में भी जानेंगे।

यहां आप जानेंगे

  • जैविक खेती क्या है (jaivik kheti kya hai?)
  • जैविक खेती का तरीका
  • जैविक खाद्य बनाने की विधि
  • जैविक खेती के लाभ
  • जैविक खेती क्यों करें?
  • जैविक खेती की चुनौतियां?
  • रासायनिक खेती से हानि

तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं, जैविक खेती क्या है?

जैविक खेती क्या है? (jaivik kheti kya hai)

आसान भाषा में कहें तो जैविक खेती (jaivik kheti) कृषि प्रणाली की एक ऐसी विधि है, जिसमें रासायनिक पदार्थों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया जाता है। इस विधि में फसल का उत्पादन प्रकृति में उपलब्ध तरीकों से ही किया जाता है। यह एक प्रकार की प्राकृतिक खेती होती है। 

जैविक खेती के लाभ

जैविक खेती (organic farming) का तरीका

जैविक खेती करने के लिए सबसे पहले आपको खेत को विष मुक्त करना होगा। इसके लिए आप जमीन की जांच कर लें। उसकी उर्वरा शक्ति को परख लें। उसे परखने के लिए अगर आप चाहें तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर किसी लैब में जाकर जांच करवा सकते हैं। उसके बाद अगर उसके उर्वरक शक्ति कम है तो उसमें पहले घास लगा लें। जैविक खेती की लिए जैविक खाद (jaivik khad) पहली जरुरत होती है। 

इसके लिए आप हरी खाद का उपयोग कर सकते हैं। हरी खाद के लिए आप सनई, ढैंचा, बरसीम के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद जमीन की उर्वराशक्ति बढ़ाने के लिए प्रति हेक्टेयर 10 टन गोबर की खाद मिलाकर खेत की जुताई कर लें। 

जैविक खाद (jaivik khad) तैयार करने की विधि

अगर आप सोच रहे हैं की जैविक खेती (jaivik kheti) के लिए बहुत ज्यादा और महंगे सामग्री की आवश्यकता पड़ती होगी तो ऐसा कुछ नहीं है। जैविक खेती के लिए ज्यादा सामान कि नहीं बल्कि अधिक मेहनत की जरूरत पड़ती है। 

तो चलिए जानते हैं जैविक खाद (jaivik khad) बनाने के तरीके

  • सबसे पहले अगर आपके पास डेयरी फार्म है तो वहां से गाय का गोबर और गोमूत्र इकट्ठा कर लें।
  • उसके बाद गाय के गोबर को सूखने के लिए 4 से 5 दिनों तक छोड़ दें।
  • जब यह गोबर सूख जाए तो हाथों से उसे मिलाएं।
  • वहीं दूसरी तरफ 1 ग्राम में गोमूत्र डालने से पहले गुड़ डाल दें।
  • गोमूत्र और गुड़ को सुबह -शाम अच्छी तरह से मिला है ।
  • उसके बाद गोमूत्र गुड़ को सूखे गोबर में अच्छी तरह से मिला दे।
  • यहां गुड़ को गोमूत्र में इसलिए मिलाया जाता है क्योंकि गुड़ गोमूत्र के अंदर मौजूद सूक्ष्म जीवो को करोड़ों में तब्दील कर देता है।
  • इन सबके बाद आपको बेसन की आवश्यकता पड़ेगी अगर बेसन नहीं है तो उसके जगह पर किसी भी दलहन के आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • इस बेसन को गोबर में मिला दिया जाता है।
  • अंत में इसे मिट्टी मिला दिया जाता है। ध्यान रहे कि वह मिट्टी या तो पीपल के पेड़ के नीचे का हो, बरगद के पेड़ के नीचे का हो अथवा समुद्र के अंदर का हो जिसे सुखाकर गोबर वाले मिश्रण में मिला दिया जाता है।
  • दरअसल इन मिट्टियों में जीवाणुओं की संख्या ज्यादा होती है। उसके बाद यह जैविक खाद पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाता है।

जैविक खेती के लाभ

यह खेती हर तरह से फायदेमंद है। चलिए जैविक खेती के लाभ पर एक नजर डालते हैं।

  • जैविक खेती (jaivik kheti) से जमीन की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाती है।
  • जमीन की नमी बढ़ती है जिसके कारण सिंचाई की आवश्यकता कम पड़ती है।
  • इससे पर्यावरण में प्रदूषण कम फैलता है। लोगों के स्वास्थ्य में सुधार आता है।
  • रासायनिक खाद्य पर निर्भरता कम हो जाती है क्योंकि किसान खाद्य खुद बनाने लगते हैं।
  • फसलों की पैदावार बढ़ती है।
  • फसलों की पैदावार बढ़ने से किसानों की आमदनी बढ़ती है।
  • फसलों की गुणवत्ता अच्छी होती है।
  • जैविक खेती (jaivik kheti) से पानी का वाष्पीकरण कम होता है।

जैविक खेती क्यों करें

बढ़ते बीमारी, घटते जीवनकाल ने सभी का ध्यान जैविक खेती (jaivik kheti) की ओर खींचा है। यदि हम स्वस्थ रहना चाहते है, तो हमें खाने को शुद्ध करना होगा। इसके लिए मात्र एक ही उपाय है- जैविक विधि से खेती (natural farming)। 

यह खेती सही मायने में फसल को उसकी गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करता है। यह खेती कोई भी कर सकता है। इसमें ज्यादा लागत नहीं होती है बल्कि मुनाफा ज्यादा है। 

अगर आप भी प्राकृतिक खेती (natural farming) करना चाहते हैं तो खाद बनाने के लिए बाजार से आपको महंगे रासायनिक पदार्थों को लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इतना ही नहीं जहां एक ओर रासायनिक पदार्थों के इस्तेमाल से आपके इस जमीन की उर्वरक शक्ति कम हो रही है तो यह बढ़ाएगी। 

यह खेती कोई भी किसान कर सकता है। क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले तत्व बहुत ही आसानी से मिल जाएंगे। इसके अलावा फसलों की सुरक्षा हेतु कीटनाशक भी आप खुद से तैयार कर सकते हैं जिसकी जानकारी भी आपको इंटरनेट पर मिल जाएगी।

जैविक खेती की चुनौतियां

हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं ठीक उसी तरह अगर जैविक खेती से बहुत फायदे हैं तो कुछ परेशानियां भी है। बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो जैविक खेती का नाम सुनकर ही थोड़ा डर जाते हैं कि कहीं फसल बर्बाद ना हो जाए इसके पीछे की वजह है जानकारी का अभाव। ये खेती महंगा नहीं है लेकिन मेहनत बहुत ज्यादा है साथ ही साथ सही विधि के साथ भी करना आवश्यक है अथवा फसल बर्बाद हो सकता है।

इस तरह की खेती में उत्पादन के बाद वस्तु को बेचने में परेशानी आती है क्योंकि हर किसान के पास वह आवश्यक सुविधाएं नहीं होती जिसका इस्तेमाल कर वह फल सब्जी या किसी भी तरह के अनाज को लोगों तक पहुंचा सके। किसान निर्यात की मांग को पूरा करने में अक्षम हो जाते हैं।

रासायनिक खेती से हानि

रासायनिक खेती से हानि

रासायनिक खेती जैविक खेती (natural farming) के विपरीत होता है। इस तरह की खेती में रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है जिसकी वजह से जमीन को, फसल को और लोगों के स्वास्थ्य खराब होते हैं। इतना ही नहीं रासायनिक खेती एक तरह से प्रकृति के साथ खिलवाड़ है। यह धीरे-धीरे खेतों की उर्वरक शक्ति को दीमक की तरह खा जाता है और उसे बंजर बना देता है। इस तरह की खेती को कई राज्यों में प्रतिबंध लगा दिया गया है।

जैसे- सिक्किम में वहां की सरकार ने रासायनिक खेती पर रोक लगा दी है। सिक्किम में किसान जैविक खेती करते हैं जिसके कारण उनकी पैदावार भी अच्छी होती है और वहां के लोग ज्यादा स्वस्थ होते हैं।

मेहनत हर काम में है अगर आप बहुत मेहनती है तो जैविक खेती (jaivik kheti) आपके लिए उतना मुश्किल नहीं है। बहुत सारे ऐसे किसान हैं जो यह खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आप इस तरह की खेती को बढ़ावा देते हैं तो ना केवल प्रकृति के बचाव में आप अपना योगदान देंगे बल्कि लोगों को जिंदगी भी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न- जैविक खेती क्या है?

उत्तर-  जैविक खेती एक प्रकार से परंपरागत खेती है जिसमें रासायनों का उपयोग नहीं किया जाता है। 

प्रश्न- जैविक खेती क्यों है जरूरी?

उत्तर- आजकल रासायनों के प्रभाव से खेती दूषित होता जा रहा है। इसके प्रभाव में कई प्रकार के रोग जनजीवन और पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। यदि हमें स्वस्थ जीवन जीवन जीना है तो जैविक खेती बहुत जरूरी है। 

प्रश्न- जैविक खेती के जनक कौन है?

उत्तर- जैविक खेती के जनक ब्रिटिश वैज्ञानिक अल्बर्ट हावर्ड हैं।

ये तो थी, जैविक खेती (jaivik kheti) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास से संबंधित कई ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए शेयर करें।

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