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धान में होंगे कल्ले ही कल्ले, अपनाएं ये 5 तरीका

आज इस ब्लॉग में हम आपको धान में कल्ले बढ़ाने के 5 बेहतरीन तरीके बताएंगे जिससे आपकी धान की पौधों की बढ़वार अच्छी होगी और उत्पादन भी। 

धान में कल्ले बढ़ाने की दवा: किसान साथियों, हमारे देश में धान एक प्रमुख फसल है। धान के उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। 

धान की उत्पादन बढ़ाने के लिए हमें नई तकनीकों का उपयोग करने की आवश्यकता है। धान की नर्सरी से लेकर धान की रोपाई तक की प्रक्रिया में आप आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर अधिक उत्पादन ले सकते हैं। 

आज इस ब्लॉग में हम आपको धान में कल्ले बढ़ाने के 5 बेहतरीन तरीके बताएंगे जिससे आपकी धान की पौधों की बढ़वार अच्छी होगी और उत्पादन भी। 

1 . सही न्यूट्रीशन (पोषण) दें

धान की रोपाई के 20-30 दिन बाद कल्ले फूटने लगते हैं। इस दौरान धान में अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान धान की खेत में ज्यादा  पानी न रखें और प्रतिएकड़ 20 किलो नाइट्रोजन और 10 किलो जिंक की मात्रा जरूर दें। जिंक की मात्रा आप धान की रोपाई के समय भी दे सकते हैं। 

2. खेत को सूखा रखें

धान पानी वाली फसल है। इसका मतलब ये नहीं है कि फसल में पूरे 4 महीने पानी रखें। धान की रोपाई के 20-25 दिनों के बाद कुछ समय के पानी निकाल दें। इससे धान की जड़ों का धूप और आक्सीजन सही से मिल पाता है और जड़ों की बढ़वार अच्छी होती है। इस समय आप खरपतवार की भी निराई-गुड़ाई कर सकते हैं। 

ध्यान रहे कि खेत को इतना भी सूखा न करें जिससे मिट्टी फटने लगे। खेत में हल्की नमी रहनी बेहद जरूरी है। निराई-गुड़ाई और उर्वरक देने के बाद फिर से खेत में पानी भर दें।  

3. रोपाई के 15-20 दिनों बाद पाटा चलाएं

इसके लिए आपको 10-15 फीट का बांस लेकर दो बार पाटा लगा दें। ऐसा करने से ध्यान की जड़ों का झटका लगता हैं। इससे छोटी और हल्की जड़ों को भी आगे निकले का मौका मिलता है। इससे पर्याप्त मात्रा में जड़ों से कंद निकलता है।

ऐसा करने से धान के पौधों पर लगने वाले सुंडी जैसे कीड़े भी पानी में गिरते ही मर जाते हैं। ध्यान रहे कि एक बार पाटा लगाने के बाद दूसरी बार उल्टी दिशा में पाटा लगाएं। जब भी पाटा लगाएं खेत में पर्याप्त मात्रा में पानी हो। 

4.  धान में कल्ले बढ़ाने की दवा 

धान की रोपाई के बाद खरपतवारनाशी और और निराई-गुड़ाई जरूर करें। खरपतवार के लिए 2-4D नामक दवा का प्रयोग कर सकते हैं। खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के 3-4 के अंदर पेंडीमेथलीन 30 ई.सी का 3.5 लीटर मात्रा को प्रति हेक्टेयर की दर से 800-900 लीटर पानी में मिलाकर खेत में प्रयोग करने से खरपतवार का नियंत्रण अच्छी तरह से होता है। 

5 . करें धानजाइम गोल्ड का छिड़काव

यह एंजाइम गोल्ड समुद्री घास से निस्सारित किया गया एक जैविक तकनीकी उत्पाद है। यह पौधों में वृद्धि को प्रेरित करता है, जड़ों का विकास करता है। इसके अलावा पौधों की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। 

धानजाइम गोल्ड (धान में कल्ले बढ़ाने की दवा) को एक मिलीलीटर की दर से एक लीटर पानी में मिलाकर 500 मिलीलीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 

किसान साथियों आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इसे दूसरे किसान भाइयों तक जरूर पहुंचाए। इससे उन्हें भी धान में कल्ले बढ़ाने के तरीके की जानकारी मिल सके। 

ऐसे ही खेती-किसानी की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए द रूरल इंडिया से जुड़े रहें।

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