औषधीय पौधेकृषि

Olive Farming: जैतून की खेती कैसे करें? यहां जानें

जैतून अपने औषधीय गुणों के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसका उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों और दवाइयों के निर्माण में भी किया जाता है।

jaitun ki kheti: जैतून अपने औषधीय गुणों के कारण विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसका उपयोग सौन्दर्य प्रसाधनों और दवाइयों के निर्माण में भी किया जाता है। जैतून के तेल में एंटी आक्सीडेंट, विटामिन, एओलिक एसिड और फिनोल काफी मात्रा में पाए जाते हैं।

इसके अलावा जैतून कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में भी यह कारगर है। इसलिए बाजार में जैतून की काफी मांग रहती है। किसान जैतून की खेती (Olive Farming) करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं। 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में जैतून की खेती कैसे करें, जानें। 

जैतून की बुआई का समय

पौधों की रोपाई जुलाई से अगस्त और दिसंबर से जनवरी माह में की जाती है।

जैतून की खेती के लिए मिट्टी

जैतून की खेती (jaitun ki kheti) के लिए 6.5 से 8.0 पीएच मान वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। जैतून का पौधा बोरोन, कैल्शियम और क्षारीय मिट्टी में ठीक से उगता है, मगर उपज कम मिलती है। 

ऐसे करें खेती की तैयारी 

  • पौधों को खेत में लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें।
  • पौध रोपाई के लिए खेत में 3X3 के आकार वाले गड्डों को तैयार कर लें, 
  • इन गड्डो में 40 से 50 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद के साथ दीमकरोधी दवा का छिड़काव कर गड्डों को तीन से चार दिन के लिए छोड़ दें।
  • इसके बाद इन गड्डों के मध्य में एक छोटा सा गड्डा बनाकर उसमें जैतून के पौधों को लगा दें। 
  • खेत में लगाए गए इन पौधों के मध्य 6 मीटर की दूरी रखें। 
  • पौधे में अतिरिक्त शाखाएं आने पर बीच-बीच में कटाई-छटाई करते रहें।

फसल अवधि 

जैतून के पौधे से रोपाई के 3 से 4 वर्ष बाद फल आने शुरू हो जाते हैं। इसके पौधों में शुरू में आने वाले फलों से 10 से 15 प्रतिशत तेल प्राप्त होता है। लेकिन जब पौधा 7 से 8 वर्ष पुराना हो जाता है, तो 15 से 18 प्रतिशत तक तेल की मात्रा प्राप्त की जा सकती है। फलों को तुड़ाई 4 से 5 पांच बार की जाती है। 

जैतून की खेती में सिंचाई प्रबंधन

  • रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई जरूर करें।
  • खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें। 
  • 10-15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करते रहे। 
  • सिंचाई के लिए टपक सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें। 

उपज और कीमत की जानकारी

जैतून की खेती एक हेक्टेयर में 475 तक पेड़ लगाए जा सकते हैं। इनसे 20 से 27 क्विंटल तक तेल का उत्पादन मिल जाता है। बाजार में जैतून की कीमत 180 से 200 रूपए तक होती है। किसान प्रति हेक्टेयर जैतून की खेती से 3 से 5 लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

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