सेम की खेती की संपूर्ण जानकारी | sem ki kheti
सेम लता वाला पौधा होता है। सब्जियों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी फलियों का उपयोग सब्जी, दाल और अचार बनाने में किया जाता है।

sem ki kheti: सेम लता वाला पौधा होता है। सब्जियों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी फलियों का उपयोग सब्जी, दाल और अचार बनाने में किया जाता है, वहीं इसके पत्तियों का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है। सेम एक ऐसी फसल है जिसे घर के आसपास या खेत के मेड़ पर लगाकर आसानी से उपज लिया जा सकता है।
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में सेम की खेती (beans cultivation) की संपूर्ण जानकारी आसान भाषा में जानें।
सेम की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी
सेम की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में बड़े स्तर पर की जाती है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए दोमट चिकनी व रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 5.0 से 6.0 के बीच होना चाहिए।
सेम की उन्नत किस्में
रजनी, एचडी 1, पूसा सेम 3, पूसा सेम 2, जवाहर सेम 53, जवाहर सेम 79 आदि उन्नत किस्में है।
सेम की खेती के लिए खेत की तैयारी
- सेम की बुआई से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करें।
- तैयार खेत में 2 मीटर की चौड़ी क्यारियां बनाएं।
- क्यारियों के दोनों किनारों पर 1.5 से 2 फीट की दूरी पर 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर 2 से 3 बीजों की बुआई करें।
- जब पौधे 15 से 20 सेंटीमीटर के हो जाए तो एक स्वस्थ पौधा को छोड़कर बाकी पौधे उखाड़ दें।
- पौधे को बांस की बल्लियों के सहारे चढ़ा दें।
- इससे पौधे का अच्छा विकास होता है और पैदावार भी अच्छी होती है।
सेम की खेती से आमदनी और पैदावार
सेम की फसल का उचित प्रबंधन देखभाल करने से प्रति हेक्टेयर 100 से 120 क्विंटल सेम का उत्पादन होता है। सेम की बाजार में कीमत 20 रुपए से लेकर 30 रुपए तक होती है। इसके अलावा आप इसकी फली से दाल निकालकर भी बेच सकते हैं। इस तरह आप प्रति हेक्टेयर 2 से 3 लाख रुपए कमा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न- सेम की खेती कौन से महीने में की जाती है?
उत्तर- सेम की खेती जुलाई से लेकर सितंबर तक की जाती है।
प्रश्न- सेम की खेती कब और कैसे करें?
उत्तर- सेम की खेती आप जुलाई से लेकर सितंबर तक कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको खेत की तैयारी करनी होगी। अच्छे तरह से खेत की तैयारी होने के बाद बीजों की बुआई कर दें। पौधों का देखभाल के साथ-साथ उचित सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन करें।
प्रश्न- सेम की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
उत्तर- सेम की उन्नत किस्मों में काशी हरितमा, काशी खुशहाल (वी.आर.सेम- 3), पूसा सेम- 2, पूसा सेम- 3, जवाहर सेम- 53, रजनी, जवाहर सेम- 79, और कल्याणपुर प्रमुख हैं।
प्रश्न- सेम कितने दिन में फल देता है?
उत्तर- सेम के पौधे 120 से 150 दिनों के बाद फल देना शुरू कर देता है। हालांकि फल देने की प्रक्रिया किस्म और देखभाल पर भी निर्भर करता है।
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