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Kesar ki kheti: केसर की खेती की संपूर्ण जानकारी

केसर (Saffron) विश्व में सबसे महंगी बिकने वाली फसलों में से एक है। इसका उपयोग दवाइयां, मसाले आदि में किया जाता है।

 

Kesar ki kheti: केसर (Saffron) विश्व में सबसे महंगी बिकने वाली फसलों में से एक है। इसका उपयोग औषधि, दवाइयां बनाने में किया जाता है। केसर की खेती (Saffron Cultivation) देश और विदेश तक होती है। 

घरों में केसर का उपयोग खीर, गुलाब जामुन और दूध के साथ किया जाता है। लागत की तुलना में केसर की खेती (kesar ki kheti) से अधिक आमदनी होती है। 

आज हम आपको द रूरल इंडिया के इस लेख में केसर की खेती (kesar ki kheti) के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जिससे आप भी इसकी खेती करके अच्छी आमदनी कमा सकें। 

तो आइए, जानें- केसर की खेती कैसे करें?

केसर की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

केसर की खेती (kesar ki kheti) ठंडे प्रदेशों में आसानी से की जा सकती है। इसकी खेती का सही समय जुलाई से अगस्त होता है। केसर की खेती (Saffron farming) करने के लिए समुंदर तल से मुख्यतः 1500-2800 मीटर की ऊंचाई वाले पथरीली भूमि, जलवायु ठंडी और शुष्क होनी चाहिए। 

केसर की फसल ठंड और बर्फ को आसानी से सहन कर सकती है। पौधे की अच्छी उपज के लिए फसल को कम से कम 8 से 11 घंटे प्रकाश मिलना जरूरी होता है। 

केसर की फसल (kesar ki fasal) के लिए दोमट और चिकनी मिट्टी अच्छी मानी जाती है। खेती की 2 से 3 बार गहरी जुताई करके खुला छोड़ दें। खेत में जल निकास की अच्छी व्यवस्था कर लें। 

खेत की तैयारी और बीज की बुआई

खेत की तैयारी के समय 1 एकड़ खेत में 10 टन गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई करें और पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें। इसके बाद खेत में छोटे-छोटे बेड बना लें। 

केसर की एक एकड़ फसल तैयार करने के लिए 5-6 क्विंटल घनकंदो की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आप अपने एरिया के केसर किसान से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप केसर की बुआई बीज विधि से भी कर सकते हैं। 

केसर का बीज ऑनलाइन साइटों पर भी विक्रय किए जाते हैं। इसके अलावा आप पालमपुर में स्थित सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान से भी केसर का बीज प्राप्त कर सकते हैं।

केसर के बीज के लिए आप कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विश्वविद्यालयों से भी संपर्क करें। 

केसर की घनकंदों की रोपाई करते समय 6 से 7 सेंटीमीटर की गहराई पर लगाएं। यदि बीज विधि से बुआई कर रहे हैं तो बीज से बीज की दूरी 10 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 10 सेंटीमीटर रखें। 

केसर की उन्नत किस्में

केसर की उन्नत किस्मों में मोगर और अमेरिकी केसर प्रमुख हैं। 

उर्वरक और खाद प्रबंधन

केसर की फसल (kesar ki fasal) लगाने से पहले मिट्टी की जांच करा लें। फसल की बुआई से पहले एक एकड़ खेत में 8 से 10 टन गोबर की खाद का उपयोग करें। बुआई के समय एक एकड़ खेत में 50 किलोग्राम डीएपी और 50 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल करें।

फसल लगाने के 25 से 30 दिन के अंतराल पर 20 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल करें। 

सिंचाई प्रबंधन 

केसर की फसल (kesar ki fasal) को बारिश होने पर सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है। बारिश ना होने पर 15 दिनों के अंतराल में 2-3 बार सिंचाई करें। 

फसल की कटाई

केसर की फसल (kesar ki fasal) में 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है। केसर के फूल नीले और वर्तिकाग्र (स्टिग्मा) नारंगी रंग की हो जाए तो इसे तोड़ लेनी चाहिए। इसकी कटाई सुबह से समय ही करना चाहिए। 

केसर की खेती में कमाई

केसर एक मंहगी फसल है बाजार में केसर की कीमत (kesar price) प्रतिकिलो 1.50 लाख रुपए से 4 लाख रुपए तक होती है। अतः किसान इसकी खेती उन्नत तरीके से करें तो उन्हें एक एकड़ से ही लाखों रुपए कमा सकते हैं। 

 
ये तो थी, केसर की खेती (kesar ki kheti) की जानकारी। ऐसे ही खेती, पशुपालन और ग्रामीण विकास की जानकारी के लिए द रूरल इंडिया साइट विजिट करें।

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