Amla ki kheti: आंवला की खेती की संपूर्ण जानकारी
हमारे देश में आंवले की खेती खूब होती है। आंवला उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है। आइए, द इस ब्लॉग में जानें- आंवला की खेती कैसे करें
Amla ki kheti: भारत में आंवला की खेती के लिए काफी फेमस है। हमारे देश में आंवले की खेती खूब होती है। आंवला उत्पादन में भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।
आंवले को आयुर्वेद में सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। आंवला औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, विटामिन ए, विटामिन ई जैसे पोषक तत्व स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
कई तरह की बीमारियों में डॉक्टर्स द्वारा इसके सेवन की सलाह दी जाती है। बाजार में आवंले की अच्छी मांग रहती है। ऐसे में आंवला की खेती( amla ki kheti) से किसान अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में जानें- आंवला की खेती कैसे करें
आंवला की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु
आंवला की खेती (amla ki kheti) के लिए समशितोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए 15 सेंटीग्रेट से 25 सेंटीग्रेट तापमान सबसे अच्छा होता है। आंवले की खेती (amla ki kheti) हर प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन इसके लिए जलभराव वाली मिट्टी नहीं होनी चाहिए। आंवला की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 9.5 होना चाहिए।
फसल अवधि
आंवला की बागवानी लगाने के बाद फल लेने के लिए आपको 2-3 साल का इंतजार करना पड़ सकता है। आंवले की रोपाई के बाद उसका पौधा 4-5 साल में फल देने लगता है।
बुआई कब करें
आंवला की खेती (amla ki kheti) जुलाई से सितंबर के महीने में की जाती है। इसके अलावा इसकी खेती जनवरी से फरवरी महीने में भी की जा सकती है।
आंवला की उन्नत किस्में
नरेन्द्र- 10 (एन ए-10), बनारसी, नरेन्द्र- 7 (एन ए- 7), चकईया, फ्रान्सिस, कृष्णा (एन ए- 5), नरेन्द्र- 9 (एन ए- 9), कंचन (एन ए- 4) आदि।
खेत की तैयारी
- सबसे पहले इसकी खेती के लिए मई-जून के महीने में गड्ढे तैयार कर लें।
- गड्ढों की खुदाई 10 फीट x 10 फीट या 10 फीट x 15 फीट पर रखें।
- पौधा लगाने के लिए 1 घन मीटर आकर के गड्ढे खोद लें।
- इसके बाद गड्ढों को 15 से 20 दिन के लिए खुला छोड़ दें।
- प्रत्येक गड्ढे में 20 किलो नीम की खली और 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा मिला दें।
- गड्ढों को भरते समय 70 से 125 ग्राम क्लोरोपाईरीफास डस्ट भी भर दें।
- मई में इन गड्ढों में पानी भर दें।
- वहीं गड्ढे भराई के 15 से 20 दिन बाद ही पौधे का रोपण कर दें।
सिंचाई प्रबंधन
इसके पौधे को कम सिंचाई की जरूरत होती है। गर्मियों में नए स्थापित बागों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। फूल आने के समय (मध्य मार्च से मध्य अप्रैल तक) सिंचाई ना करें।
आंवला की खेती में कमाई और उत्पादन
आंवले की रोपाई के बाद उसका पौधा 4-5 साल में फल देने लगता है। 8-9 साल के बाद एक पेड़ हर साल औसतन 1 क्विंटल फल देता है। बाजार में आंवले का फल प्रति किलो 15-20 रुपए में बिक जाता है। इसके एक पेड़ से हर साल 2500 से 4000 रुपए की कमाई कर सकते हैं।
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