Anar ki kheti: अनार की खेती कैसे करें? यहां जानें
अनार की खेती (Pomegranate Farming) अधिक मुनाफा देने वाली बागानी फसल है। कम लागत में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है।
anar ki kheti: ‘एक अनार सौ बीमार’ वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी। अनार(Anar) में ऐसा क्या है? जिसके कारण इसकी मांग ज्यादा है। डॉक्टर भी शरीर में खून की कमी होने पर अनार का सेवन करने की सलाह खूब देते हैं। अनार की खेती (anar ki kheti) से किसानों को परपंरागत खेती से कई गुना अधिक फायदा होता है।
अनार (Pomegranate) पौष्टिक गुणों से भरपूर एक औषधीय फल है। इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, फोलिक एसिड और औषधीय गुण मौजूद होते हैं। यही कारण है कि ‘एक अनार सौ बीमार’ की कहावत ईजाद की गई है।
अनार की खेती की विशेषताएं
- अनार की खेती (Pomegranate Farming) अधिक मुनाफा देने वाली बागानी फसल है।
- कम लागत में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है।
- इसके लिए बहुत ज्यादा पानी जरूरत नहीं होती है।
तो आइए, अनार की खेती(Anar ki kheti) की संपूर्ण जानकारी इस ब्लॉग में जानें।
अनार की खेती के लिए जलवायु
अनार गर्म और अर्द्ध शुष्क जलवायु का पौधा है। फलों के विकास और पकने के समय उच्च तापमान की आवश्यकता होती है। इसे कम पानी वाले क्षेत्र में भी आसानी से उगाया जा सकता है।
हमारे देश में महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में अनार की खेती सबसे अधिक होती है।
अनार की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
अनार के लिए बलुई दोमट सबसे अच्छी होती है। रेतीली मिट्टी में भी अनार की बागवानी हो सकती है, बशर्ते उर्वरक प्रबंधन अच्छी तरह से की जाए। इसकी खेती के लिए 6.5 से 7.5 पीएच मान वाली क्षारीय मिट्टी अधिक उपयुक्त होती है।
अनार की खेती का समय
अनार के लिए पौधरोपण का सही समय जुलाई-अगस्त है। सिंचाई की सुविधा होने पर फरवरी-मार्च में भी इसका पौधा लगा सकते हैं। यदि आप कलम के द्वारा पौधारोपण (Plantation) करना चाहते हैं, तो पौध की रोपाई बरसात के दौरान ही करें।
पौधरोपण से लगभग एक महीना पहले लगभग 60 सेमी लंबे, 60 सेमी चौड़े और 60 सेमी गहरे गड्ढे खोद लें।
अनार की सघन बागवानी (Pomegranate Farming) के लिए पौध से पौध की दूरी 4 से 5 मीटर रखें। सामान्य बागवानी के लिए जब आप इसमें अन्य फसलें भी उगाना चाहते हैं, तो यह दूरी बढ़ा सकते हैं। इन गड्ढों में पौधारोपण के पहले 20 किग्रा पकी हुई गोबर की खाद, 1 किग्रा सिंगल सुपर फॉस्फेट, 0.50 ग्राम क्लोरोपायरीफॉस का चूर्ण तैयार कर भर दें।
अनार की खेती में सिंचाई प्रबंधन
अनार की बागवानी में बहुत कम पानी की जरूरत होती है। इसके लिए किसान भाइयों को ड्रिप इरिगेशन (Drip irrigation) विधि से सिंचाई करनी चाहिए। गर्मियों में लगभग 5 से 7 दिनों बाद सिंचाई करनी चाहिए। सर्दियों में सिंचाई 10 से 12 दिनों में करें।
अनार की उन्नत किस्में
गणेश- इसके फल का आकार मध्यम, बीज कोमल और रंग गुलाबी के होती है। यह महाराष्ट्र की सबसे मशहूर किस्म है।
भगवा- इस किस्म के फल बड़े, भगवा और चमकदार होते हैं। इस किस्म से प्रति पौधा 30 से 38 किलोग्राम उपज प्राप्त की जा सकती है।
मृदुला- यह किस्म गहरे लाल रंग की होती है। इसके बीज मुलायम, रसदार और मीठे होते हैं। इस किस्म के फलों का औसत वजन 250-300 ग्राम होता है।
ज्योति- यह किस्म मध्यम से बड़े आकार के चिकनी सतह और पीलापन लिए हुए लाल रंग के होते हैं। इस किस्म से प्रति पौधा 10-12 किलोग्राम उत्पादन होता है।
कांधारी- इस किस्म के फल बड़े और अधिक रसीले और बीच कठोर होते हैं। आपको बता दें, इसके अलावा भी कई उन्नत किस्में हैं।
जैसे- अरक्ता रूबी, गुलेशाह, बेदाना, करकई इत्यादि।
अनार की खेती के लिए रोग प्रबंधन की जानकारी
- अनार की फसल में लगने वाले रोगों में अनार की तितली, तना छेदक, माहू और सरकोस्पोरा फल धब्बा प्रमुख है।
- इसके लिए पौधों पर कीटनाशक का छिड़काव जरूर करें।
- पौधों के आस-पास साफ-सफाई रखें।
- सर्दियों के मौसम में पौधों को पाले से बचाएं।
- इसके लिए गंधक का तेज़ाब का छिड़काव करें।
- खरपतवार नियंत्रण पर विशेष ध्यान दें।
- समय-समय पर अनार के पौधों की कटाई-छंटाई करते रहें।
- जब भी किसी प्रकार रोग अनार की बाग में लगें, तुरंत कृषि वैज्ञानिकों या अधिकारियों से संपर्क करें।
अनार की खेती में लागत और कमाई
अनार की बागवानी में पहले साल पौधरोपण के समय अधिक खर्च करना पड़ता है। दूसरे साल से इसमें खर्च कम हो जाता है। इसके बाद अनार की पौधों की देखभाल और उर्वरक प्रबंधन की ज्यादा जरूरत होती है। आपको बता दें, अनार की बागवानी में प्रति हेक्टेयर 4-5 लाख रुपए का खर्च होता है।
अनार की खेती (anar ki kheti) में अच्छी देखभाल और उन्नत प्रबंधन से एक पेड़ से लगभग 80-90 किलोग्राम फल मिल सकते हैं। अनार की बागवानी में प्रति हेक्टेयर लगभग 4800 क्विंटल तक फल आसानी से मिल जाता है। इससे एक हेक्टेयर से 10 से 12 लाख रुपए सालाना कमाया जा सकता है।
संक्षेप में कहें तो अनार की एक बार बाग लगाने पर 18-20 साल तक उत्पादन ले सकते हैं। अनार की खेती कर बेरोजगार युवा किसान भी इसमें अपना करियर बना सकता है।
अगर आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा हो, तो इसे मित्रों तक जरूर पहुंचाए। जिससे अन्य किसान मित्र भी अनार की खेती (anar ki kheti) का लाभ उठा सकें।