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फसल किसे कहते हैं? जानिए, फसल के प्रकार | classification of crops in hindi

भारत कृषि प्रधान देश है। हमारे देश में कई प्रकार की फसलें (Crops) उगाई जाती हैं। जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक फसलों में विविधता है।

भारत में फसलों के प्रकार : Classification of Crops
classification of crops in hindi: भारत कृषि प्रधान देश है। हमारे देश में कई प्रकार की फसलें (Crops) उगाई जाती हैं। जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक फसलों में विविधता पाई जाती है। हमारे देश में लगभग हजारों प्रकार की फसलों की खेती होती है।
 
आज हम द रुरल इंडिया के इस ब्लॉग में भारत में उगाई जाने वाली फसलों के प्रकार (types of crops) और फसलों का वर्गीकरण के बारे में विस्तार से जानेंगे।
 
तो आइए, सबसे पहले जानते हैं कि फसल किसे कहते हैं(what is crops)?

फसल की परिभाषा (Definition of crop)

पौधों के ऐसे समहू जिसको मनुष्य किसी रूप में अपने उपयोग के लिए उगाता है उसे फसल (Crops) कहते हैं।
 
दूसरे शब्दों में जो पौधे अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, उसे फसल कहते हैं।
  • फसलों से हमें भोजन, कपड़ा, ईंधन, औषधि, लकड़ी, मसाले इत्यादि प्राप्त होते हैं। फसलों से पशुओं और पक्षियों को आहार और आवास प्राप्त होते हैं।
  • फसलों के द्वारा बहुत से उद्योगों के लिए कच्चा माल प्राप्त होता है।
  • जैसे- चीनी के लिए गन्ना, कपड़ा के लिए कपास, चाय के लिए पत्तियां इत्यादि।
अब फसलों के प्रकार (types of crops) को विस्तार से जानते हैं। 
 
आपको बता दें, फसलों का वर्गीकरण (Classification of Crops) हम फसल चक्र, मौसम, जीवन चक्र, जलवायु और उनके उपयोग के आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं। 

ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरण

फसलों के वितरण पर जलवायु का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है, फसलों का अंकुरण वृद्धि और पकने के लिए निश्चित तापमान, वातावरण की आद्रता, वायुवेग, वर्षा और समय दिन पर निर्भर करता है।
 
ऋतुओं के आधार पर फसलों को हमारे देश में 3 वर्गों में विभाजित किया गया है।

खरीफ की फसल (Kharif Crops)

खरीफ ऋतु में वातावरण में अधिक तापमान और आद्रता पाई जाती है। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं तथा सितम्बर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है। भारत में खरीफ की खेती मानसून के दौरान उगाई जाती है। खरीफ की फसलों में धान मक्का, बाजरा, मूंगफली, उड़द जूट प्रमुख हैं।

रबी की फसल (Rabi Crops)

रबी की फसलों को बोते समय अपेक्षाकृत कम तापमान तथा पकते समय अधिक तापमान व शुष्क मौसम की आवश्यकता होती हैं। भारत में रबी की खेती ठंड के दौरान उगाई जाती है। रबी की फसलों में गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों आदि प्रमुख फसल हैं।

जायद की फसल (Jayad Crops)

जायद की फसलों में तेज हवा तथा धूप सहन करने की क्षमता होती हैं। भारत में जायद की खेती गर्मी के दौरान उगाई जाती है। जायद की फसलों में ककड़ी, खरबूजा, भिंडी, लोबिया और अन्य सब्जियां प्रमुख हैं।
 
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जीवन चक्र में आधार पर फसलों का वर्गीकरण

फसलें अपनी पूर्ण वृद्धि और विकास में समय लेती हैं, जिसके आधार पर फसलों को 3 वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।

1. एक वर्षीय फसलें( Annual Crops)

इस वर्ग की फसलें अपना जीवन-चक्र एक साल या इससे कम समय में पूरा कर लेती हैं। इस अवधि के दौरान फसल पूरी तरह पककर तैयारी हो जाती है। आपको बता दें, अधिकांश फसलें (करीब 90 प्रतिशत) इसी वर्ग में आती है।
 
जैसे- धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मूंग, चना मसूर, सरसों पालक इत्यादि।
 

2. द्विवर्षीय फसलें (Biennials Crops)

इस वर्ग की फसलें प्रथम वर्ष में अपना वानस्पतिक वृद्धि करती हैं। दूसरे वर्ष में पौधों में फूल और फल लगने लगते हैं। इस प्रकार ये अपना जीवन-चक्र 2 साल में पूरा कर लेती हैं। 
 
जैसै- चुकन्दर, प्याज(बीज उत्पादन के लिए)

3. बहुवर्षीय फसलें (Perennials)

इस वर्ग की फसलें अपना जीवन-चक्र 2 साल या इससे अधिक लेती हैं। ये फसलें अनेक वर्षों तक जीवित रहती हैं, साथ ही एकवर्षीय, द्विवर्षीय फसलों के समान फूल, फल और बीज तैयार होने के वाद भी इनका जीवन चक्र जारी रहता है।
 
जैसे- नेपियर घास, रिजका इत्यादि।
फसलों का वर्गीकरण

आर्थिक महत्व के आधार पर वर्गीकरण 

इस वर्ग के फसलों को उनके उपयोग के आधार पर निम्नलिखित प्रकार से बांट सकते हैं।
 

1. अनाज वाली फसलें या धान्य फसलें (Cereal crops)

इस वर्ग की फसलों के दाने अनाज के रूप में खाने के उपयोग में आते हैं। इनका अन्य वानस्पतिक भाग पशुओं को खिलाने के काम आता है।
 
इस वर्ग में धान, गेहूं, जौ के अलावा मक्का, ज्वार, बाजरा और कुछ छोटी मिलेट्स जैसे- सांवा, कोदो, चीना, काकुन, मडुआ और कुटकी इत्यादि फसलें होती हैं।

2. दलहनी फसलें ( Pulses Crops)

इन फसलों को प्रोटीन का मुख्य स्रोत माना जाता है। दलहनी ऐसी फसलें है, जिनमें सबसे ज्यादा प्रोटीन पाई जाती है। इन्हें दाल के रूप में प्रयोग किया जाता है।
 
इस वर्ग में अरहर, चना, मूंग, उड़द, मसूर, मटर इत्यादि फसलें आती हैं।
 

3. तिलहनी फसलें (Oilseed Crops)

इस वर्ग में वे फसलें आती हैं जिनके दानों से तेल निकाला जाता है। इस फसलों से पशुओं के लिए खली भी प्राप्त होता है।
 
जैसे- तिल, सरसों, सोयाबीन, सूरजमूखी, अंरडी, मूंगफली, राई इत्यादि।
 

4. रेशेवाली फसलें (Fiber Crops)

इस वर्ग में वे फसलें आती है जिनका उपयोग कपड़ा, रस्सी, बोरा, टाट बनाने में किया जाता है। ये प्रायः अखाद्य फसल होती हैं।
 
जैसे- पटसन, सन, जूट, कपास इत्यादि।

5. चारे की फसलें (Forage Crops)

इसके अंतर्गत आनेवाली फसलों से केवल चारा प्राप्त किया जाता है। इनका प्रयोग हरे और सूखे चारे के रूप में करते हैं।
 
इस वर्ग में बाजरा, कुल्थी, ग्वार, मक्का, बरसीम, नेपियर घास, जौ, जई, लोबिया, गिनी घास इत्यादि फसलें आती हैं।

6. शर्करा की फसलें (Sugar Crops)

इन फसलों के तनें और जड़ों में काफी मात्रा में शर्करा पाई जाती है। जिससे चीनी तैयार किया जाता है।
 
इस वर्ग के गन्ना और चुकंदर प्रमुख फसल है।

7. सब्जी वाली फसलें (Vegetable Crops)

इस वर्ग के फसलों को सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है। इन फसलों के बीज, पत्ता, जड़, तना को सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है।
 
जैसे- भिंडी, प्याज, बैगन, मूली, नेनूआ, परवल, टींडा, मेथी, पालक इत्यादि।

8. मसाले वाली फसलें (Condiment Crops)

इन फसलों को स्वाद और खुशबू के लिए मशाले, सब्जियों, अचार और कुछ खास पकवानों में प्रयोग में उपयोग किया जाता है।
 
इसके अंतर्गत जीरा, धनिया, सौंफ, इलायची, हल्दी, अदरक, मेथी, मिर्च, लहसून, प्याज और तेजपत्ता इत्यादि आते हैं।

9. औषधीय फसलें (Medicinal Crops)

इस फसलों का उपयोग औषधि के रूप में या औषधि(दवा) बनाने में किया जाता है।
 
जैसे- तुलसी, मेंथा, गिलोय, अश्वगंधा, ग्वारपाठा इत्यादि।

10. बागवानी और फल वाली फसलें (Fruit Crops)

इस वर्ग के फसलों को बागीचे इत्यादि के रूप में विकसित किया जाता है। इनका प्रयोग फलों के रूप होता है।  इसीलिए इन्हें फल वाली फसलें कहते हैं।
 
जैसे- आम, अमरूद, जामुन, सेव, नाशपाती, पपीता, केला मौसमी, अंगूर, बेर इत्यादि।
 
ये तो थी फसलों के प्रकार(Classification of Crops) की जानकारी। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इस लेख को शेयर सकते हैं।
 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न- फसल किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर- व्यवसायिक रूप से उगाई जाने वाली सभी पौधे फसल कहलाती हैं। बुआई के आधार पर फसल 3 प्रकार की होती है। 1. रबी की फसल, 2. जायद की फसल और 3. खरीफ की फसल। 

प्रश्न- भारत की मुख्य फसल कौन सी है?

उत्तर- भारत की मुख्य फसलें धान, गेहूं, गन्ना, चाय, अरहर, नारियल आदि प्रमुख हैं। 

प्रश्न- फसल को कितने वर्गों में बांटा गया है?

उत्तर- फसल को उत्पादन के आधार पर 4 वर्गों में बांटा गया है। 1. अनाज वाली फसल, 2. बागानी फसलें, 3. वृक्षारोपण वाली फसलें और 4. वाणिज्यिक फसलें। 

जबकि ऋतु के आधार पर 3 प्रकार की फसल होती है। 1. रबी की फसल, 2. जायद की फसल और 3. खरीफ की फसल।

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