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Aganbadi 2024: आंगनबाड़ी केंद्र क्या है? यहां जानें

बढ़ती जनसंख्या और बच्चों में बढ़ते कुपोषण को देखते हुए भारत सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों (aganbadi Centers) की स्थापना की है।

Aganbadi: भारत में बढ़ती जनसंख्या और बच्चों में बढ़ते कुपोषण के लक्षणों को देखते हुए, भारत सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों (aganbadi Centers) के अस्तित्व को एक खास पहचान दिलाई है। इन केंद्रों में समाज के गरीब वर्ग को सबसे अधिक फायदा मिला है। इन केंद्रों के होने से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भोजन की किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। 

इसी समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने 1975 में आंगनबाड़ी केंद्र (aganbadi Centers) की स्थापना की है। इन केंद्रों में कुपोषण का शिकार होने वाले बच्चों की भी काफी मदद की है। 

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में हम आपको आंगनबाड़ी (aganbadi) और यहां काम करने वाले कर्मचारी और आंगनबाड़ी में संचालित होने वाले सरकारी योजनाओं के बारे में बताते हैं। 

सबसे पहले आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Centers) के बारे में जान लेते हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र क्या है?

आंगनबाड़ी भारत में एक प्रकार का चाइल्ड एंड मदर केयर सेंटर है। आंगनबाड़ी केंद्र (AWCs) एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना का एक हिस्सा हैं, जो केंद्र  सरकार की योजना है।

इस योजना को भारत में 2 अक्टूबर 1975 को लॉन्च किया गया था। यह भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है जो बच्चों और स्तनपान करवाने वाली माताओं की सेहत पर केंद्रित है। इस योजना का 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार और बाकी का 10 फीसदी राज्य सरकार वहन करती है।

यह आंगनबाड़ी केंद्र (aganbadi Centers) बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करते है। यह भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक हिस्सा है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण शिक्षा के साथ ही पूर्व-विद्यालय गतिविधियां शामिल हैं। इन केंद्रों में गर्भनिरोधक सलाह भी प्रदान की जाती है। 

इन आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) का मुख्य उद्देश्य 0-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करना है। इन केंद्रों में बच्चे के उचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक विकास की नींव रखने का काम किया जाता है। इन केंद्रों में बाल विकास को ध्यान में रखते हुऐ, बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जाता है। 

किसी भी गर्भवती स्त्री के पोषण की भी जिम्मेदारी इन केंद्रों पर है। जी हां, जो कोई भी गर्भवती महिला अपने इलाके के आंगनबाड़ी केंद्र (aganbadi center) में अपना नाम दर्ज करवाती है, तो उसे सरकार की तरफ से हर हफ़्ते मुफ़्त राशन मुहैया करवाया जाता है। इसके इलावा यह केंद्र बच्चों के मुफ्त टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं।

आंगनबाड़ी केंद्र (aganbadi Centers)

आंगनबाड़ी योजना का उद्देश्य

  • मृत्यु दर, रोग, कुपोषण को कम करना।
  • 0-6 साल के बच्चों की पोषण और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करना।
  • बच्चे के शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए नींव रखना।
  • मां को उचित पोषण और स्वास्थ्य की शिक्षा देना।   
  • बाल विकास को बढ़ावा देना।

सरकार के द्वारा आंगनबाड़ी योजना (aganbadi) में उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएं

  • छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की टीकाकरण
  • समस्त गर्भवती स्त्रियों के लिए प्रसव से पूर्व देखभाल की व्यवस्था और टीकाकरण
  • छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को पोषण गर्भवती और शिशुओं की देखभाल करने वाली स्त्रियों का भी पोषण
  • 15-45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थय और प्रारम्भिक शिक्षा की व्यवस्था
  • गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्वक देखभाल तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की प्रसवोत्तर देखभाल
  • नए जन्मे शिशुओं तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों की देखभाल
  • कुपोषण अथवा बीमारी के गंभीर मामलों को अस्पतालों, समुदाय स्वास्थय केन्द्रों अथवा जिला अस्पतालों (पोषण पुनर्वास केंद्र/नवजात शिशु गहन देखरेख यूनिट) को भेजना।
  • साथ ही 3-6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालयपूर्व शिक्षा प्रदान करना

Aganbadi bharti: आंगनबाड़ी में काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आम तौर पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय या स्वास्थ्य विभाग या स्वास्थ्य संबंधी (महिला और बाल विकास) परियोजनाओं या देश भर में अनुसंधान परियोजनाओं के तहत नियुक्त किया जाता है। देश के सभी राज्यों में प्रखंड स्तर पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति (aganbadi bharti 2024) अस्थायी आधार पर की जाती है। इस कार्य में किसी भी आपात स्थिति या स्वास्थ्य से संबंधित असामान्य स्थिति में स्थानीय सहायता के माध्यम से क्षेत्र की महिलाओं और बच्चों को स्थानीय सहायता प्रदान करना भी शामिल है।

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भूमिका और जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में कुछ आवश्यक कौशल होने चाहिए। उन्हें सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों का पर्याप्त ज्ञान होना चाहिए, लोगों को जिन छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें जानना और उनका पता लगाने में सक्षम होना चाहिए, नागरिकों के साथ बात चीत करने का कौशल होना चाहिए और आपातकाल के समय मदद करने में भी सक्षम होना चाहिए।

आंगनबाड़ी भर्ती (aganbadi bharti 2024) साक्षात्कार के माध्यम से आयोजित की जाती है। कम आवेदनों के मामले में, संबंधित संगठन उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग के लिए शैक्षिक रिकॉर्ड के आधार पर उम्मीदवार का चुनाव कर सकता है।

आंगनबाड़ी (aganbadi) में आवेदन करने वाला उम्मीदवार उसी गांव से होना चाहिए जहां वह आवेदन कर रहा है और शहरी क्षेत्र में उसी वार्ड से जहां वह आवेदन करना चाहता है।

आंगनबाडी कार्यकर्ता का अस्थाई पद होने के कारण नियमित नियुक्तियों की तरह आयु सीमा निर्धारित नहीं है। हालांकि, उम्मीदवारों की अधिकतम आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आंगनबाड़ी (aganbadi) में संचालित होने वाली सरकारी योजनाएं

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)     

यह केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक बेहतरीन योजना है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत गर्भवती महिला को पहले बच्चे को पैदा करने के समय के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत सरकार महिलाओं के खाते में पैसे तीन किस्तों में भेजती है। इस योजना को लागू करने का उद्देश्य है की महिला बच्चे को जन्म देने के बाद पूरी तरह से आराम से ले। 

इस योजना में गर्भवती महिला को 6000 रूपये के राशि प्रदान की जाती है। 

इसमें आवेदन करते समय महिला से उसकी अंतिम महावारी की तारीख पूछी जाती है और इसी के आधार पर मदर चाइल्ड प्रोटेक्शन कार्ड बनाया जाता है। 

इस योजना के लिए जरूरी दस्तावेज इस प्रकार हैं।

  • आवेदन फॉर्म 
  • MCP कार्ड की कॉपी
  • पहचान प्रमाण की कॉपी
  • बैंक/डाकघर की पासबुक की कॉपी

ज्यादा जानकारी और फॉर्म डाउनलोड करने के लिए इस वेबसाइट पर जाएं।

जननी सुरक्षा योजना (JSY)

यह एक सुरक्षित शिशु एवं मातृत्व योजना है जो को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत शूरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिला को अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के लिए प्रेरित करना है। यह योजना मुख्य रूप से समाज के गरीब तबके के लिए बनाई गई है। इस योजना के माध्यम से सरकार नवजात शिशुओं में बढ़ रहे मृत्यु दर को कम करने का उद्देश्य रखती है। 

जननी सुरक्षा योजना (JSY) को 12 अप्रैल, 2005 में प्रधानमंत्री द्वारा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया था। यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाने वाली योजना है। इस योजना में महिला एवं उसके नवजात बच्चे को उचित पोषण देने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना को हर घर तक पहुंचाने की जिम्मेवारी सरकार ने आंगनबाड़ियों तथा आशा वर्करों को दे रखी है।

जननी सुरक्षा योजना (JSY) के अन्तर्गत बच्चा पैदा होने पर महिला को 1400 रूपये की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।

इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी इस वेबसाइट पर मौजूद है।

मिशन इंद्रधनुष योजना ( Intensified Mission Indradhanush- IMI)

मिशन इंद्रधनुष योजना की की शुरुआत वर्ष 2014 में स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए बनाए गए मदर केयर प्रोटेक्शन कार्ड के आधार पर ही नवजात शिशु को टीकाकरण किया जाता है।

इस योजना में शुरुआती रजिस्ट्रेशन इलाके के आंगनबाड़ी केंद्र (aganbadi centers) में किया जाता है। वहां से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या आशा वर्कर गर्भवती महिला को इलाके के सरकारी अस्पताल तक पहुंचाती है तथा सारा रजिस्ट्रेशन का काम देखती हैं। इस योजना में सरकार ने नवजात शिशु के लिए सभी जरूरी टीकों को शामिल किया है। इसमें तपेदिक, पोलियो, खसरा, टाइफाइड, चिकन पॉक्स आदि सभी जरूरी टीके उपलब्ध है।

इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस वेबसाइट पर जाएं।

ये तो थी, आंगनबाड़ी केंद्र (aganbadi Centers) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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