कृषिबागवानी

रबड़ की खेती कैसे करें? यहां जानें | rubber ki kheti

रबड़ एक बागानी फसल है। रबड़ की खेती से किसानों को अच्छा लाभ मिलता है। रबड़ की खेती के लिए दक्षिण भारत की जलवायु काफी उपयुक्त है।

रबड़ की खेती कैसे करें? यहां जानें | rubber plant farming in hindi

rubber ki kheti: रबड़ एक बागानी फसल है। इससे लेटेक्स नामक द्रव प्राप्त होता है। जिसका उपयोग रबड़ बनाने में किया जाता है। जिससे गाडि़यों के टायर और ट्यूब बनाने तथा जूते, बिजली के तार, खिलौने, बरसाती कपड़े, चादरें, खेल के सामान, बोतल इत्यादि बनाई जाती है। 

रबड़ की खेती (rubber ki kheti) करके किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं। 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में रबड़ की खेती कैसे करें (rubber ki kheti? जानें 

रबड़ की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी (Climate and soil required for rubber)

रबड़ की खेती (rubber ki kheti) के लिए गर्म जलवायु उपयुक्त होती है। इसकी खेती करने के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान उपयुक्त होता है। 50 से 200 सेंटीमीटर की वर्षा रबड़ की खेती करने के लिए उपयुक्त होती है। लेटेराइट युक्त लाल दोमट मिट्टी रबड़ की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है और मिट्टी का पीएच मान 4.5 से 6.0 के बीच का होना चाहिए।

रबड़ के पेड़ भूमध्य रेखीय सदाबहार वनों में पाए जाते हैं। आपको बता दें, भारत देश में रबड़ का उत्पादन सबसे पहले पेरियार तट पर उत्तरी त्रावणकोर (केरल) में हुआ था। हमारे देश में इसकी खेती मुख्यत: केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में की जाती है।

बुआई का समय

रबड़ के पौधों को लगाने के लिए जून से जुलाई के मध्य तक का समय अनुकूल होता है। 

रबड़ की उन्नत किस्में 

तजीर 1, पीबी 86, बीडी 5, बीडी 10, पीआर 17, जीटी 1, आर आर आई आई 105, आर आर आई एम 600, पीबी 59 आदि। 

खेत की तैयारी 

  • गड्ढ़ों को तैयार करने से पहले कल्टीवेटर की मदद से गहरी जुताई कर लें। 
  • इसके बाद मिट्टी को भुरभुरी कर लें। 
  • उसके बाद पाटा लगाकर खेत को समतल बना लें।
  • पाटा लगाने से खेत समतल हो जाता है। 

पौधारोपण का तरीका 

  • खेत में एक गड्डे से दूसरे गड्डे के बीच 3 मीटर की दूरी रखें। 
  • गड्डे एक फीट चौड़े और एक फीट गहरे रखें। 
  • सभी गड्डों को एक कतार में तैयार करें।
  • रोपाई के समय मिट्टी के अनुसार जैविक खाद एवं रासायनिक उर्वरक जैसे पोटाश, नाइट्रोजन और फॉस्फोरस का उचित मात्रा में प्रयोग करें। 

सिंचाई 

  • रबड़ के पौधों की रोपाई के तुरंत बाद सिंचाई अवश्य करें। 
  • इसके पेड़ को अधिक पानी की जरूरत होती है। 
  • नमी कम होने पर पौधों को बार-बार पानी देते रहें।

उपज और रबड़ की कीमत 

रबड़ का पेड़ 5 वर्ष का होने के बाद उत्पादन देना शुरु कर देता है। एक एकड़ खेत में रबड़ के 150 पौधे लगाए जा सकते हैं। आपको बता दें, एक पेड़ से एक साल में 2.75 किलो तक रबर का उत्पादन प्राप्त होता है।

बाजार में इन रबड़ की कीमत 150 रुपए से 200 प्रति किलोग्राम तक होती है।

साथ ही इन पेड़ों से प्राप्त लकड़ी का इस्तेमाल रबड़वुड फर्नीचर बनाने में भी होता है। लकड़ी बेचकर भी आप अच्छी आमदनी कर सकते हैं। 

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