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केंचुआ पालन कैसे करें, यहां जानें | kechua palan ki jankari

केंचुओं का उपयोग करके जैविक खाद बनाई जाती है। इस खाद को वर्मी कंपोस्ट खाद भी कहते हैं। जैविक खेती बढ़ने से जैविक खाद की मांग भी बढ़ रही है।

केंचुआ पालन: एक महीने में कमाएं 5 लाख, यहां जानें केंचुआ पालन की विधि

kechua palan in hindi: इन दिनों सरकार जैविक खेती (Organic farming) को काफी बढ़ावा दे रही है। किसान भी जैविक खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। केंचुओं का उपयोग करके जैविक खाद बनाई जाती है। इस खाद को वर्मी कंपोस्ट खाद भी कहते हैं। जैविक खेती बढ़ने से जैविक खाद की मांग भी बढ़ रही है।

ऐसे में किसान केंचुआ पालन का व्यवसाय (earthworm farming) करके कम समय में अधिक आमदनी कमा सकते हैं। 

तो आइए, The rural India के इस लेख में हम लोग केंचुआ पालन के लाभ और केंचुआ पालन की विधि (kechua palan ki vidhi) के बारे में विस्तार से जानें। 

केंचुआ पालन के लाभ (benefits of earthworm farming)

  • वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से मिट्टी में लाभदायक सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ जाती है।
  • केंचुआ खाद से पोषक तत्व पौधों को आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
  • इसके उपयोग से मिट्टी के जीवांश (ह्यूमस) की मात्रा बढ़ जाती है। 
  • जिससे मिट्टी की संरचना, वायु संचार तथा जल धारण क्षमता बढ़ती है।
  • वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से फसल की गुणवत्ता और स्वाद भी बढ़ जाता है।

केंचुआ पालन की विधि (kechua palan ki vidhi)

  • इसके लिए लकड़ी का कंटेनर बनाना होता है। 
  • इसके लिए घर की किसी पुरानी लकड़ी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • लकड़ी के बॉक्स में नीचे पानी निकलने के लिए कुछ छेद जरूर बनाएं। 
  • यदि मिट्टी से पानी नहीं निकलेगा तो केंचुए कंटेनर में ही मर सकते हैं।
  • केंचुए को खाने के लिए हर तरह का जैविक कचरा जैसे- गोबर, पराली, सब्जियों के टुकड़े आदि दिया जा सकता है। 

केंचुआ पालन के दौरान ध्यान रखने वाली बातें (Things to keep in mind during earthworm farming)

  • केंचुआ पालन के लिए ऐसी जगह ढूंढें, जो अंधेरी हो और जहां का तापमान थोड़ा गर्म हो। 
  • केंचुए 40 से 60 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान भी सह लेते हैं। 
  • केंचुओं को गीली और नरम जगह में ही रखना चाहिए। 
  • जहां केंचुए हैं, वहां सूर्य की किरणें कभी भी सीधे नहीं पड़नी चाहिए। 
  • क्योंकि केंचुए प्रकाश के प्रति संवेदनशीन होते हैं। 

केंचुआ पालन में स्कोप (Scope in earthworm farming)

  • केंचुआ से किसान वर्मी कंपोस्ट बनाकर लाभ ले सकते हैं।
  • केंचुओं को सीधा खेत में डालने के लिए भी किसान इसे खरीदते हैं।
  • इसके अलावा मछली पकड़ने वाले भी केंचुओं को खरीदते हैं। 

केंचुआ पालन में लागत और कमाई (Cost and Earnings in Earthworm Farming)

बाजार में 300 केंचुओं की कीमत लगभग 2500 रुपए तक होती है। यदि आप 4000 वर्गफीट में केंचुआ पालन (earthworm farming) करते हैं, तो इससे करीब 15, 000 केंचए पनप जाते हैं।

यदि आप केंचुओं को पालकर कंपोस्ट खाद बनाते हैं तो इससे आप 100X100 फीट के बेड से 5 लाख रुपए तक कमा सकते हैं। इसके लिए आपको पहली बार सेटअप बनाने में 2 से 3 लाख का खर्चा आ सकता है।

ये तो थी, केंचुआ पालन के लाभ और केंचुआ पालन की विधि (kechua palan ki vidhi) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।

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