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मशरूम की खेती कैसे करें? यहां जानें | mushroom ki kheti

मशरूम की खेती (mushroom farming) बेहद आसान है। इसकी खेती के लिए आपको खेत की जरूरत नहीं होती है। इसे आप एक छोटी झोपड़ी में भी कर सकते हैं।

मशरूम की  कैसे करें

mushroom ki kheti in hindi: मशरूम (Mushroom) का नाम तो आपने सुना ही होगा, जिसे खेती का सफेद सोना कहते हैं। यदि नहीं सुना है, तो आज हम आपको मशरूम की खेती (mushroom farming) के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

सबसे पहले जानते हैं मशरूम क्या है?

मशरूम (Mushroom) एक प्रकार का कवक है जिसे कुकुरमुत्ता और खुम्बी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें हरित लवक नहीं पाया जाता है यही वजह है कि अन्य हरे पौधों की हरा नहीं होता है। मशरूम के कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

चिकित्सकों का मानना है कि इसका सेवन मानव सेहत के लिए रामबाण है। मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, विटामिन-डी, सेलेनियम और जिंक से भरपूर मशरूम का इस्तेमाल कई दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व आपके शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बचा कर रखते हैं।

मशरूम में कई पौष्टिक गुणों के कारण ही इसे चीन में औषधि और रोम में ईश्वर का आहार कहा जाता है।

मशरूम की खेती कैसे करें (masrum ki kheti kaise kare)

  • मशरूम की खेती (mushroom farming) बेहद आसान है। इसकी खेती के लिए आपको खेती की जरूरत नहीं होती है। इसकी खेती की शुरूआत आप छोटे से जगह या घर में एक कमरे से भी कर सकते हैं।
  • इसकी खेती के लिए सबसे आवश्यक चीज जो होती है, वह है कंपोस्ट खाद। इसी कंपोस्ट में मशरूम की बीजों की बुआई(बीजाई) की जाती है।
  • कंपोस्ट खाद आप धान या गेहूँ के भूसे से आसानी से बना सकते हैं जो आसानी से गाँव में सस्ते दामों पर मिल जाता है। 
  • कंपोस्ट बनाने के लिए भूसे और पुआल के मिश्रण को पक्के फर्श पर 48 घंटों तक रूक-रूक कर पानी का छिड़काव किया जाता है। इस भूसे को शोधन के लिए जिप्सम और बी.एच.सी का प्रयोग किया जाता है।

मशरूम उत्पादन के लिए जरूरी जलवायु

मशरूम उत्पादन के लिए सबसे जरूरी चीज है उपयुक्त जलवायु और तापमान का होना। मशरूम की खेती (Mushroom ki kheti) के लिए ठंड़ी जलवायु की जरूरत होती है। इसके लिए तापमान 18 सेंटीग्रेड से 30 सेंटीग्रेड अच्छी मानी जाती है। लेकिन आजकल मशरूम की ऐसे कई प्रजातियां आ गई है जिसकी वर्षभर खेती की जाती है।

मशरूम की किस्में (mushroom varieties)

हमारे देश में मुख्यतः 4 प्रकार के मशरूम की खेती (Mushroom farming)  होती है। 

  • बटन मशरूम (button mushroom), 
  • ढिंगरी मशरूम(oyster mushroom), 
  • दूधिया या मिल्की मशरूम (milky mushroom) 
  • पुआल मशरूम (straw Mushroom)

मशरूम की खेती की ट्रेनिंग

मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इसकी खेती सामान्य खेती की तरह नहीं होती है। यदि आप बिना ट्रेनिंग के ही इसकी खेती की शुरूआत करते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इसकी खेती के लिए ट्रेनिंग की इसलिए भी जरूरत होती है क्योंकि ट्रेनिंग में आपको केवल खेती ही नहीं अपितु मशरूम की बिक्री कैसे करें, इसके लिए सरकारी अनुदान और मशरूम की खेती की चुनौतियों को भी बताया जाता है। अतः इसकी शुरूआत करने से पहले इसकी ट्रेनिंग जरूर ले लें।

मशरूम की खेती की ट्रेनिंग कहाँ से लें

मशरूम उत्पादन में प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि बिना प्रशिक्षण (Training) के असफलता की संभावना बढ़ जाती है। मशरूम की खेती (mushroom ki kheti) के समस्त जानकारी और मशरूम के बीज के लिए आप निम्नलिखित संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं।

इसके अलावा आप अपने जिले के नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से भी संपर्क कर प्रशिक्षण ले सकते हैं।

यदि आपको मशरूम की खेती (Mushroom ki kheti) के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आप द रूरल इंडिया से जुड़े रहें। यहां आपको खेती-किसानी की समस्त जानकारियां दी जाएगी।

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