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Imli ki kheti: इमली की खेती की संपूर्ण जानकारी

इमली एक फलदार वृक्ष है। इमली (Tamarind) का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के मुंह में पानी आ जाता है। इमली का उपयोग भोजन में खट्टा और मीठा स्वाद बढ़ाने के किया जाता है।

Imli ki kheti: इमली एक फलदार वृक्ष है। इमली (Tamarind) का नाम सुनते ही बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के मुंह में पानी आ जाता है। इमली का उपयोग भोजन में खट्टा और मीठा स्वाद बढ़ाने के किया जाता है।

भारत में इमली की उपयोग बहुत ही प्राचीन काल से होता आ रहा है। हमारे देश में इमली की खेती (Tamarind Farming) महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में खूब होती है। 

आज हम इस ब्लॉग में इमली की खेती (imli ki kheti) के बारे में बता रहे हैं। 

तो आइए, सबसे पहले इमली के औषधीय गुणों पर एक नज़र डाल लेते हैं। 

Imli ki kheti: इमली की खेती

इमली की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

इमली (Tamarind) एक गर्म जलवायु का पौधा है। यह उष्णकटिबंधीय अफ्रीका की मूल का पौधा है। इसकी खेती के लिए 25 से 35 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। 100 से 200 वार्षिक बारिश वाले क्षेत्र में इसकी खेती बहुत होती है। इमली का पौधा गर्म हवाओं और लू को भी आसानी से सहन कर लेता है लेकिन ज्यादा ठंड और पाला पौधों को काफी नुकसान पहुंचाता है। 

इमली की खेती (imli ki kheti) के लिए लाल, दोमट और काली मिट्टी अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होनी चाहिए। 

खेत की तैयारी

इमली का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले गर्मियों के दिनों में खेत की अच्छी तरह से जुताई कर ले। इसके बाद 20-30 फीट की दूरी पर गढ्ढे बना लें। गढ्ढों में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मिला लें। पहली बारिश आते ही पौधों की रोपाई कर दें। 

सिंचाई प्रबंधन

इमली के बाग में सिंचाई का प्रबंधन काफी अच्छा होना चाहिए। समय-समय पर नमी की मात्रा कम होने पर सिंचाई करते रहें। इमली की पौधों में सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई तकनीक काफी कारगर होती है। 

उर्वरक प्रबंधन

इमली (Tamarind) के पौधों की बढ़वार के लिए उर्वरक प्रबंधन करना बेहद जरूरी होता है। पौधों की उचित बढ़वार के लिए पोटाश, डीएपी, फासफोरस की खाद अवश्य दें। खरपतवार होने पर निराई-गुड़ाई करते रहें। 

इमली की खेती में लागत और कमाई

इमली की मांग देशभर के बाजार और बड़ी मंडियों में खूब रहती है। कभी-कभी मंडी में इसकी उपलब्धता नहीं होने इसके दाम काफी बढ़ जाती है। ऐसे में किसान इमली की खेती (imli ki kheti) से लाखों रुपए की आमदनी कर सकते हैं। 

इमली की बाग लगाने में प्रति हेक्टेयर 2-3 लाख का खर्च आता है। जबकि इस लागत में प्रतिवर्ष आपको 1 से 2 लाख रुपए की आमदनी हो सकती है। 

ये तो थी, इमली की खेती (imli ki kheti) की जानकारी। ऐसे ही खेती-किसानी और कृषि मशीनरी की जानकारी के लिए द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करें।

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