Ashwagandha ki kheti: अश्वगंधा की खेती कैसे करें? यहां जानें
अधिक कमाई के लिए अश्वगंधा की खेती (ashwagandha) किसानों के लिए एक बेहतर ऑप्शन है। इस लेख में जानें- अश्वगंधा की खेती कब और कैसे करें?
हाल के दिनों में किसानों का रुख औषधीय खेती की ओर बढ़ा है। इसी कड़ी में अधिक कमाई के लिए अश्वगंधा की खेती (ashwagandha ki kheti) किसानों के लिए एक बेहतर ऑप्शन है।
अश्वगंधा (ashwagandha) कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली औषधीय फसलों में से शामिल है। इसका सबसे अधिक उपयगो आयुर्वेदिक चिकित्सा और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। औषधीय गुणों के कारण अश्वगंधा की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
तो आइए, आज द रुरल इंडिया के इस लेख में जानें- अश्वगंधा की खेती कब और कैसे करें (ashwagandha ki kheti kaise kare)?
अश्वगंधा की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु
अश्वगंधा की खेती (ashwagandha ki kheti) खरीफ मौसम में की जाती है। इसकी खेती के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान सबसे उपयुक्त होता है। अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी में नमी और शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके लिए बलुई दोमट या लाल मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है, जिसका पीएच मान 7.5 से 8.0 से बीच हो।
अश्वगंधा के लिए खेत की तैयारी
- खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
- बारिश ऋतु के शुरू होने से पहले खेत की 2-3 बार जुताई करें।
- पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को भुरभुरा बना लें।
- अच्छी फसल के लिए प्रति एकड़ खेत में 6 किलोग्राम नाईट्रोजन मिलाएं।
- खेत तैयार करते समय मिट्टी में गोबर की खाद मिलाएं।
सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण
- खरपतवार पर नियंत्रण के लिए बुआई के 25 से 30 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें।
- दूसरी निराई-गुड़ाई बुआई के 45 से 50 दिनों बाद करें।
- वर्षा के मौसम में सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती है।
- 15 से 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
अश्वगंधा की खेती में लागत और उत्पादन
- बुआई के 150 से 170 दिनों में फसल तैयार हो जाती है।
- प्रति एकड़ जमीन से 5 से 7 क्विंटल सूखी जड़ प्राप्त होती है।
- प्रति एकड़ जमीन 20 से 24 किलोग्राम बीज प्राप्त कर सकते हैं।
- अश्वगंधा की प्रति एकड़ खेती में लगभग 1 लाख का खर्च आता है।
- अश्वगंधा की कीमत (ashwagandha price) बाजार में प्रति क्विंटल 50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक होती है।
- इससे आप 3-4 लाख रुपए की आमदनी प्रतिवर्ष कर सकते हैं।