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Pangasius machli palan: पंगेसियस (पंगास) मछली पालन की संपूर्ण जानकारी

हमारे देश में कई प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं। इन मछलियों में पंगेसियस (पंगास) मछली एक प्रमुख प्रजाति है।

Pangasius machli palan: मछली प्रोटीन का बहुत ही सस्ता और समृद्ध स्रोत है। मछली पालन में भारत अग्रणी देश है। मछली उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। हमारे देश में कई प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं। इन मछलियों में पंगेसियस (पंगास) मछली एक प्रमुख प्रजाति है। जिसका पालन हमारे देश में बहुतायत मात्रा में किया जाता है। इस प्रजाति की मछली से किसानों को लागत में अच्छा मुनाफा मिलता है। 

तो आइए, इस ब्लॉग में पंगेसियस (पंगास) मछली पालन (Pangasius machli palan) के बारे में जानते हैं।

सबसे पहले पंगेसियस (पंगास) मछली पालन पर एक नज़र डाल लेते हैं। 

पंगेसियस (पंगास) मछली पर एक नज़र

  • पंगास मछली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्रजाति है।
  • पंगेसियस (पंगास) एक कैटफ़िश है जो मीठे पानी में पाली जाती है। 
  • इस मछली का शरीर शल्क रहित होता है, सिर छोटा और मुंह बड़ा होता है।
  • इसके शरीर पर काली लकीरें होती है और आंखें बड़ी होती है।
  • इस प्रजाति की मछलियों की दो जोड़ी मूंछे होती है।
  • ये मछलियां 6 से 8 माह में 1.5 से 2 किलोग्राम तक हो जाती है।
  • इस प्रजाति में रोग निरोधक क्षमता अन्य मछलियों से अधिक होती है
  • हमारे देश में आंध्रप्रदेश पंगेसियस मछली का प्रमुख उत्पादक देश है। 
Pangasius machli palan: पंगेसियस (पंगास) मछली पालन

ऐसे करें पंगास मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण

  • पंगेसियस (पंगास) मछली पालन (Pangasius machli palan) के लिए आयाताकार तालाब का निर्माण करें।
  • तालाब की लंबाई 100 फीट से लेकर 150 फीट तक रख सकते हैं। 
  • तालाब की गहराई 5 से कम नहीं होनी चाहिए। 
  • तालाब के पानी का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। 
  • पानी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच ही रहना चाहिए और अमोनिया 0.5 पीपीएम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
  • ऑक्सीजन 5 पीपीएम से कम नहीं होना चाहिए। एक हेक्टेयर तालाब में लगभग 1 हजार किलोग्राम गोबर की खाद डालें।
  • इसके अलावा तालाब में 4 किलोग्राम यूरिया, 4 किलोग्राम पोटाश और 6 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट हर तीन माह में तालाब के अंदर डालें। 

पंगेसियस (पंगास) मछली की फीड

पंगास (Pangasius machli) मछली सर्वभक्षी होती है। काई और घेंघा खाकर भी अपना पेट भर लेती है। अतः तालाब में काई और घेंघा की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा तेजी से वृद्धि के लिए पूरक आहार की जरूरत होती है। पूरक आहार के रूप में फैक्ट्री फार्मूलेटेड फ्लोटिंग फीड सबसे अच्छा होता है। पूरक आहार के लिए हमेशा अच्छी क्वालिटी का ही आहार खरीदें।

पंगेसियस (पंगास) मछली में लागत और कमाई

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मछली पालन (machli palan) के लिए तालाब की जरूरत होती है। तालाब के अलावा किसान को पानी और आहार पर खर्च करना पड़ता है। एक हेक्टेयर पंगास मछली पालन (Pangasius machli palan) में तालाब का खर्च छोड़कर 50 हजार से 1 लाख का खर्च आता है। जबकि इस लागत में किसानों को 2 लाख तक की आमदनी हो जाती है। 

आपको बता दें, बाजार में भी पंगास मछली की बड़ी डिमांड रहती है। इसलिए पंगास मछली पालने से अच्छी-खासी कमाई हो जाती है। 

मछली पालन के लिए सरकारी मदद और अनुदान

केंद्र और राज्य सरकारें भी मछली पालन (machli palan) को बढ़ावा दे रही है। आपको बता दें, सरकार द्वारा मत्स्य पालन को आय और रोजगार उत्पन्न करने वाले क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है। मछली पालन को बढ़ावा और सरकारी मदद प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) योजना लॉन्च की गई है। इसके साथ मछुआरों को ट्रेनिंग से लेकर उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं लॉन्च की हैं। इसके लिए आप उद्यान या कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। 

ये तो थी, पंगेसियस (पंगास) मछली पालन (Pangasius machli palan) की जानकारी। ऐसे ही कृषि, ग्रामीण विकास की जानकारी के लिए हमारा ब्लॉग पढ़ते रहें।

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