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पशुओं के सींग काटने के फायदे और तरीका, यहां जानें

पशुओं के सींगों की कोई खास उपयोगिता नहीं होती है। सींग ना होने से न केवल उनका प्रबंधन आसान हो जाता है, बल्कि कई परेशानियां दूर हो जाती हैं।

Dehorning cattle: दुधारु पशुओं के सींगों की कोई खास उपयोगिता नहीं होती है। सींग ना होने से न केवल उनका प्रबंधन आसान हो जाता है, बल्कि बहुत सी परेशानियां दूर हो जाती हैं। आज हम आपको इस ब्लॉग में पशुओं के सींग काटने के फायदे और तरीका बता रहे हैं। 

पशुओं के सींग काटने के फायदे (Benefits of dehorning animals)

बिना सींग के पशुओं को सींग वाले पशुओं की अपेक्षा कम स्थान की जरूरत पड़ती है।

  • सींग लगे पशु आपसी लड़ाई में एक दूसरे को हानि पहुंचा सकते हैं। 
  • सींग विहीन पशु को काबू करना भी आसान होता है। 
  • इनका परीक्षण और उपचार भी आसानी से हो जाता है। 
  • पशु की नांद में इन पशुओं को कम नुकसान पहुंचता है।
  • पशु के सींग काटने की प्रक्रिया  (dehorning process)

    • सबसे पहले रस्सी की मदद से पशु को जमीन पर गिरा लिया जाता है। 
    • रस्सी के एक सिरे पर फंदा या लूप बना लें और सींग वाले पशु में इस फंदे को सींग के चारों तरफ कस लें। 
    • जिन पशुओं के सींग नहीं हैं उन पशुओं में रस्सी को गर्दन में कस सकते हैं। 
    • इसके बाद रस्सी का दूसरा फंदा अगले पैरों के पीछे तथा तीसरा फंदा पेट के चारों ओर अयन या स्क्रोटम के आगे लगा लें।
    • इसके बाद दो व्यक्ति रस्सी के मुख्य शिरे को पशु के पीछे व गिराने वाली दिशा की तरफ खींचे और एक व्यक्ति को पशु के सिर के पास खड़ा रहना होगा। 
    • इस व्यक्ति को पशु के गिरने के विपरीत दिशा में सिर को धक्का मारना होगा। 
    • इस स्थिति में पशु अच्छी तरह से नियंत्रित हो जाता है। 
    • इसके बाद सींग अंकुर के आस-पास के बालों को काट दें। 
    • फिर लोहे की रोड को गरम करके (सुर्ख लाल होने तक) सींग अंकुर के ऊपर रखकर जला दें।
    • सींग काटने की प्रक्रिया हमेशा पशु चिकित्सक की निगरानी में ही करें। 
    • ये तो थी, पशुओं के सींग काटने के फायदे (Benefits of dehorning animals) और तरीके की बात। ऐसे ही पशुपालन की उन्नत जानकारी के लिए द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करें। 

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