गाय पालन से जुड़े हैं तो यहां जानें, देसी गाय की 10 उन्नत नस्लें
यदि आप पशुपालन से जुड़े हैं, तो आपको गायों की कुछ उन्नत नस्लों की जानकारी होनी चाहिए।क्योंकि डेयरी व्यवसाय की सफलता अधिकतम दूध उत्पादन पर निर्भर करती है।
आज हम आपको भारत के टॉप देसी गाय के बारे में बता रहे हैं।
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस वेबस्टोरी में जानें- गाय की 10 उन्नत नस्लें और उसकी पहचान
1. गिर
गिर गाय सबसे अधिक दूध देती है। यह गाय मुख्य रूप से काठियावाड़ (गुजरात) के गिर इलाके में रहती है, इसलिए इसका नाम गिर पड़ा। गिर नस्ल की देसी गाय एक दिन में 50 से 80 लीटर तक दूध दे सकती है।
पहचान
गिर गाय का शरीर गठीला और ललाट उभरा हुआ होता है। कान लंबे व मुड़े हुए होते हैं। सींग टेढ़े होते हैं, जिस पर लाल या कत्थई धब्बे होते हैं।
2. साहीवाल
साहीवाल गाय की बेहतरीन प्रजाति है जो मूल रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में पाई जाती है। यह नस्ल एक साल में 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती है।
पहचान
साहीवाल गाय गहरे लाल, सफेद, भूरे या काले रंग की भी होती है। यह लंबी और मांसल होती है। इनका माथा चौड़ा और शरीर भारी-भरकम होता है। सींग छोटी और मोटी होती है और पूंछ बड़े काले-झब्बे वाली होती है।
3. राठी
राठी प्रजाति की गाय मूल रूप से राजस्थान में होती है और यह बहुत दुधारू होती है। आमतौर पर राठी नस्ल राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर इलाकों में पाई जाती है। यह रोज़ाना करीब 6 से 8 लीटर तक दूध देती है।
पहचान
राठी नस्ल की गाय की त्वचा आकर्षक होती है। यह गाय मध्यम आकार की होती है, रंग सफेद होता है जिस पर भूरे या काले धब्बे होते हैं। इनकी सींग मध्यम आकार, अंदर की तरफ मुड़ी हुई होती है और पूंछ बहुत लंबी होती है।
4. लाल सिंधी
गाय की यह प्रजाति मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु में पाई जाती है। पहले यह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में मिलती थी, जिसके कारण इसका नाम लाल सिंधी पड़ा। यह गाय भी पूरे साल में करीब 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती है।
पहचान
सिंध नस्ल का सिर सामान्य आकार का और ललाट चौड़ा होता है, जिस पर छोटे-छोटे बाल होते हैं। सींग घुमावदार होते हैं और इनकी गर्दन लंबी व मोटी होती है।
5. हरियाणवी
मूल रूप से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पाई जाने वाली इस प्रजाति की गायें सफेद रंग की होती हैं और दूध भी अच्छा देती हैं। एक ब्यांत (lactation) में लगभग 2200-2600 लीटर दूध देती हैं।
पहचान
हरियाणवी नस्ल की गाय के मुंह, सींग व कान छोटे होते हैं। माथा चिपटा व गर्दन लंबी और सुंदर होती है। इनकी आंखें बड़ी-बड़ी और सींग घुमावदार होते हैं।
6. कांकरेज
कांकरेज गाय की बेहतरीन प्रजातियों में से एक है जो मूल रूप से गुजरात और राजस्थान में पाई जाती है। राजस्थान में भी यह मुख्य रूप से बाड़मेर, सिरोही तथा जालौर जिलों में पाई जाती है। यह गाय एक दिन में 5 से 10 लीटर तक दूध देती है।
पहचान
कांकरेज नस्ल की गाय का मुंह छोटा और आंखें बड़ी और चमकदार होती हैं। इनके कान लंबे व लटके हुए होते हैं। सींग मोटे, लंबे और भीतर की ओर मुड़े हुए होते हैं। गर्दन पतली व लंबी होती है।
7. कृष्णा वैली
कृष्णा वैली नस्ल मूल रूप से कर्नाटक की कृष्णा वैली में पाई जाती है इसलिए इसका नाम कृष्णा वैली पड़ा। इस नस्ल की गाय बहुत शक्तिशाली होती है और दूध भी अच्छा देती है। एक ब्यांत में यह करीब 900 लीटर दूध देती है।
पहचान
कृष्णा वैली नस्ल की गाय का शरीर लंबा होती है। सींग और पैर छोटे व मोटे होते हैं। इनकी छाती चौड़ी होती है और गर्दन छोटी व मज़बूत होती है।
8. नागौरी
नागौरी नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान के नागौर ज़िले की है। इसके अलावा जोधपुर व बीकानेर में भी यह पाई जाती है। दूध के मामले में यह नस्ल बहुत अच्छी मानी जाती है, क्योंकि एक ब्यांत में यह करीब 600-954 लीटर दूध देती है।
नागौरी नस्ल की गाय हल्के लाल, सफेद या जामुनी रंग की होती है। इनकी त्वचा ढीली होती है, माथा उभरा हुआ, कान व मुंह लंबे होते हैं। सींग बहुत बड़े नहीं होते। यह मध्यम आकार की होती है और इनकी आंखें छोटी होती हैं।
पहचान
9. थारपरकर
मूल रूप थारपरकर नस्ल पाकिस्तान में पाई जाती है। राजस्थान के कुछ इलाकों में इसे ‘मालाणी नस्ल’ भी कहा जाता है। यह गाय प्रति ब्यांत करीबन 1400 लीटर तक दूध देती है।
पहचान
थारपरकर नस्ल की गाय का शरीर मध्यम आकार का होता है और यह हल्के सफेद रंग की होती है। इनका शरीर गठीला और मज़बूत होता है। चेहरा लंबा, सिर चौड़ा और उभरा हुआ होता है। इनके सींग ज़्यादा लंबे नहीं होते, लेकिन नुकीले होते हैं।
10. नीमाड़ी
मुख्य रूप से मध्यप्रदेश में पाई जाने वाली गाय की नीमाड़ी नस्ल बहुत फुर्तीली होती है। लाल रंग और सफेद धब्बों वाली यह गाय दूध भी अच्छा देती है। एक ब्यांत में करीब 800 लीटर दूध देती है।
पहचान
नीमाड़ी प्रजाति की गाय का शरीर और सिर लंबा होता है। कान चौड़े और सीधे होते हैं. सींग ऊपर की ओर जाकर थोड़ा मुड़ा हुआ होता है।
इन टॉप 10 देसी नस्ल की गायों को पालकर आप भी अपने डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा दे सकते हैं।
ऐसे ही पशुपालन की जानकारी के लिए द रूरल इंडिया की वेबसाइट विजिट करें।