गर्मी के मौसम में करें मृदा सौरीकरण, पैदावार होगी दोगुनी

यहां जानें तरीका

गर्मी का मौसम खतरनाक माना जाता है लेक‍िन यह अधूरा सच है क्योंकि गर्मी का फायदा उठाकर मृदा सौरीकरण तकनीक से किसान खेतों को नई जान दे सकते हैं।

जैसा कि आप सभी जानते हैं, जमीन में छिपे कीट फसलों को सबसे अध‍िक नुकसान पहुंचाते हैं। इसके लिए किसान रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते हैं।

इसके बावजूद खेत से कीट पतंगे और रोग पूरी तरफ खत्म नहीं होते हैं साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता को नुकसान पहुंचता है।

जमीन में छिपे रोगजनक और हानिकारक कीटों के अंडे, प्यूपा और निमेटोड कीट फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

ऐसे में गर्मी का लाभ उठाते हुए किसान जमीन में छिपे फसल के दुश्मन कीट, रोगजनक खरपतवार को मृदा सौरीकरण तकनीक (soil solarization technology) से  नष्ट कर सकते हैं।

आइए, अब जानते हैं- मृदा सौरीकरण तकनीक (soil solarization technology) क्या है?

मृदा सौरीकरण तकनीक उसी तरह है जिस तरह बीज लगाने से पहले बीजों का उपचार करते हैं, ठीक उसी तरह फसल बुआई के पहले भूमि को सौरीकरण से उपचारित किया जाता है।

इस प्रक्र‍िया के ल‍िए एक पतली पारदर्शी प्लास्टिक शीट का उपयोग किया जाता है जो मिट्टी के तापमान को बढ़ाता है।

इससे भूमि में मौजूद नेमेटोड, कीट-रोग, निमेटोड के जीवांश और खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।

जब तेज धूप और तापमान 40-45 सेंटीग्रेड हो तो मृदा सौरीकरण करना उचित होता है। इसके लिए मई-जून का महीना सबसे उपयुक्त रहता है।

मृदा सौरीकरण तकनीक में इन बातों का रखें ध्यान

पॉलिथीन से ढकने से पहले मिट्टी को पलटकर समतल और भुरभुरी बना लें।

सिंचाई करके खेत में नमी बना लें और पॉलिथीन किनारों को अच्छी तरह से मिट्टी से ढक दें।

ऐसे ही खेती की उन्नत जानकारी के लिए आज ही द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करें।