पोई साग के सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। पोई में अन्य साग की तुलना में कई गुना ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं।
इसमें विटामिन ए, बी, सी और ई प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोग दूर हो जाता है।
यह एक ऐसी साग है जिसकी खेती पूरे साल की जा सकती है। इसे आप घर की छत पर भी आसानी से उगा सकते हैं।
पोई के रोपाई के लिए दोमट, बलुई मिट्टी की जरूरत होती है। इसे आप किचन गार्डेन में गोबर की खाद मिलाकर गमले में भी लगा सकते हैं।
बीज की रोपाई के बाद समय-समय पर पानी देते रहें। इसके पौधे के लिए मिट्टी में नमी रहना जरुरी है।
पोई एक बहुवर्षीय फसल है। इसकी एक बार रोपाई के बाद इसकी पत्तियों का इस्तेमाल सालभर किया जा सकता है। इसकी रोपाई का सही समय कभी भी कर सकते हैं।
हालांकि पोई के पौधों मे किसी तरह की बीमारी नहीं लगती है। इसकी पत्तियों पर कभी-कभी लाल धब्बे पड़ जाते हैं, अगर पत्तियों में रोग का प्रकोप दिखने लगे तो इसे तोड़कर नष्टकर देना चाहिए।
पोई पत्तियों की तुड़ाई प्रत्येक सप्ताह करते रहना चाहिए। इसे बाजार में आसानी से 50 से 100 रुपये प्रति किलो की हिसाब से बेचा जा सकता है।
पोई में पाया जाने वाला डाइटरी फाइबर कब्ज से बचाता है और कोलेस्ट्राल लेवल को कम करता है।
यह रक्त में थक्का बनने से भी रोकता है। पोई के साग का सेवन से गहरी नींद आती है। साग के अलावा इससे पकौड़े, सलाद, और कोफ्ता भी बना सकते हैं।