कैसे करें मोती की खेती? कहां से लें ट्रेनिंग, यहां जानें

Pearl farming and training

मोती की खेती से लाभ होता देख, किसान इसकी खेती में दिलचस्पी दिखाने लगे हैं।

आपको बता दें, घरेलू बाज़ार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी मोती की मांग बढ़ती जा रही है।

अगर वैज्ञानिक तरीके से और ट्रेनिंग लेकर अगर मोती की खेती करते हैं तो अच्छी गुणवत्ता वाले मोती की खेती की जा सकती है। इसे बाज़ार में बेचकर किसान अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

कैसे बनता है कुदरती मोती?

मोती समुद्र के अंदर रहने वाले एक जीव जिसे घोंघा (Oyster) कहते हैं द्वारा बनाया जाता है।

ये एक सख्त खोल के अंदर रहता है जिसे सीप कहते हैं। इसी सीप के अंदर मोती बनता है।

कैसे बनता है कुदरती मोती?

मोती की खेती कैसे करें?

मोती की खेती शुरू करने के लिए तालाब की ज़रूरत होती है। इसे तैयार होने में लगभग 15 से 20 महीने का वक्त लगता है।

मोती की खेती के लिए अनुकूल समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच माना जाता है।

मोती की खेती कैसे करें?

मोती की खेती से कमाई का गणित

मोती की बाज़ार में कीमत 300 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक है। अगर आपका तैयार किया गया मोती अच्छी गुणवत्ता वाला है तो इस डिज़ाइनर मोती के लिए आपको दस हज़ार रुपये तक भी मिल सकते हैं।

कैसे और कहां से लें ट्रेनिंग?

इंडियन काउंसिल फ़ॉर एग्रीकल्‍चर रिसर्च के तहत एक विंग बनाया गया है। इस विंग का नाम CIFA यानी सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्‍वाकल्‍चर है। ये फ़्री में मोती की खेती की ट्रेनिंग देता है।

इसका मुख्यालय उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्‍वर में है। यहां पर कोई भी 15 दिन की ट्रेनिंग ले सकता है। आप चाहें तो इनके रीज़नल सेंटर्स भटिंडा, बेंगलुरू, रहारा और विजयवाड़ा से भी ट्रेनिंग ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए इनकी वेबसाइट cifa.nic.in पर संपर्क करें।

इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को शेयर करना न भूलें।

धन्यवाद