धान खरीफ सीजन का मुख्य फसल है। धान की खेती बीजाई या पौधरोपण के जरिए की जाती है। लेकिन ज्यादातर किसान धान की खेती पौध (नर्सरी) तैयार करके करते हैं।
तो आइए जानते हैं, किसानों को धान की नर्सरी तैयार करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
धान की खेती सीजन में की जाती है। ऐसे में किसानों के लिए धान की खेती में नर्सरी तैयार करने का समय आ चुका है।
आमतौर पर धान की नर्सरी 15 से लेकर 21 दिनों में तैयार हो जाती है। अतः जून महीने के पहले सप्ताह से लेकर अंतिम सप्ताह तक धान की नर्सरी कर देनी चाहिए।
धान की नर्सरी के लिए दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। नर्सरी लगाने के पहले खेत की 2 से 3 जुताई करके मिट्टी को समतल और भुरभुरा बना लें।
धान की नर्सरी क्यारियां बनाकर तैयार की जाती हैं। इसके लिए लगभग एक से डेढ़ मीटर चौड़ी क्यारियां बनानी चाहिए। ध्यान रहें खेत में पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था हो।
धान की बीजों की बुआई करने से पहले खोखले बीजों को बाहर निकाल लें। इसके लिए बीजों को 2 प्रतिशत नमक के घोल में डालकर उसे अच्छी तरह हिला लें।
खोखले बीजों को बाहर निकाल कर अच्छे बीजों की बुआई करना उचित रहता है। धान के बीज उपचारित करने के लिए आप फफूंदीनाशक दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके लिए केप्टान, थाइरम, मेंकोजेब, कार्बंडाजिम और टाइनोक्लोजोल में से किसी एक दवा का इस्तेमाल किया जा सकता हैं।