सहजन की खेती से कमाएं मोटा पैसा, यहां जानें खेती की पूरी विधि

सहजन हमारे जीवन में बहुत ही उपयोगी औषधीय पौधे के रूप में काम करता है। इसे कहीं-कहीं मोरिंगा और मूंगा भी कहा जाता है।

सहजन को औषधीय और पोषक गुणों के कारण "सुपरफूड" के रूप में जाना जाता है।

आइए, इस वेबस्टोरी में जानें सहजन की खेती कैसे करें और यह लाभकारी कैसे है?

उपयुक्त मिट्टी

सहजन की खेती के लिए जीवांशयुक्त दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए अम्लीय मिट्टी उपयुक्त होती है।

सहजन गर्म जलवायु का पौधा है। इसकी खेती के लिए 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान की आवश्यकता होती है।

जलवायु

बुआई

सहजन की बुआई मिट्टी में 1-2 सेंटीमीटर गहराई तक की जाती है। बीजों के बीच दूरी 5 मीटर रखें।

सिंचाई

सहजन के पौधों को नियमित रूप से पानी दें। आवश्यकता अनुसार सिंचाई की व्यवस्था करें।

सेहत के लिए काफी फायदेमंद है सहजन

मोरिंगा में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और पोषक होते हैं। इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य को सुधारने और कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है।

इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत

मोरिंगा में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन C और बीटा-कैरोटीन होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

उच्च एंटीऑक्सिडेंट गुणों से होता है भरपूर

मोरिंगा(सहजन) में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा अधिक होती है, जिसेसे त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने, उम्र के लक्षणों को कम करने और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद मिलती है।

मोरिंगा को अस्थमा, दर्द, बुखार, डायबिटीज, हृदय रोग, गैस्ट्राइटिस और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जा सकता है।

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