मालाबार नीम की खेती किसानों को कर सकती है मालामाल

यहां जानें खेती का तरीका

औषधीय गुणों वाला मिलिया दुबिया (Melia dubia) जिसे मालाबार नीम, घोड़ा नीम और महानीम आदि नाम से जाना जाता है। इसकी खेती किसानों को मालामाल कर सकती है।

मालाबार नीम की लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने से लेकर अन्य सामान बनाने तक और निर्माण कार्यों में भी किया जाता है।

इसका पौधा हर महीने लगभग 1 फीट तक बढ़ता है और इसकी लंबाई 3 साल में लगभग 36 फीट तक हो जाती है। मिलिया दुबिया 5 से 6 साल में तैयार हो जाता है।

मालाबार की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन इसकी अच्छी पैदावार के लिए सूखी लाल, लाल दोमट, जलोढ़ और काली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।

मिट्टी और जलवायु

मिट्टी और जलवायु

पौधों के अच्छे विकास के लिए 30-35 डिग्री तापमान की ज़रूरत होती है, लेकिन 10 से 45 डिग्री तापमान तक में इसकी खेती की जा सकती है।

खेत की तैयारी और रोपाई

मालाबार नीम की रोपाई से पहले खेत की 2-3 बार अच्छी तरह जुताई कर लें। इसकी सीधी बुवाई के बजाय नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं। मॉनसून में इसकी रोपाई करना सबसे उपयुक्त होता है।

कितना होता है उत्पादन

मालाबार नीम का उत्पादन इस बात पर निर्भर करता है कि पेड़ों को कितनी सघनता से लगाया गया है। अधिक सघन लगाने पर 3-5 साल में 60-100 टन प्रति एकड़ लकड़ी का उत्पादन होता है।

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