विदेशों में भी है जमनापारी बकरियों की डिमांड

यहां जानें, इस नस्ल की पहचान और विशेषताएं

जमनापारी बकरियों की डिमांड भारत ही नहीं अपितु विदेशों में भी है।

यह बकरी नस्ल सुधारने से लेकर मांस और दूध के लिए जानी जाती है।

जमुनापारी बकरी की नस्ल सफेद, काले, पीले, भूरे या विभिन्न मिश्रित रंग के होते हैं।

इन बकरियां की पीछे की बाल लंबे और सींग छोटे और नुकीले होती है।

जमुनापारी नस्ल की बकरियां अन्य नस्लों की तुलना में ऊंची और लम्बी होती है।

जमनापारी बकरी हर रोज 2 से 5 लीटर तक दूध दे सकती है।

जामुनपारी बकरी का दूध स्वादिष्ट और अच्छा होता है।

यह नस्ल अपने जीवनकाल में 12 से 14 तक बच्चे दे देती हैं।

इस नस्ल के एक बकरे का वजन 40-50 किलो होता है जबकि बकरियां 30-40 किलो तक होती हैं।

जमनापारी नस्ल ज्यादातर उत्तर प्रदेश के इटावा में पाए जाते हैं। लेकिन इसका पालन बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में किया जाता है।

ऐसे ही पशुपालन और ग्रामीण विकास की जानकारी के लिए आज ही द रूरल इंडिया वेबसाइट विजिट करें।