Dragon Fruit Farming

ड्रैगन फ्रूट की खेती कम लागत में अधिक मुनाफ़ा, यहां जानें खेती का तरीका

ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है, लेकिन अब भारत में भी बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाने लगी है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा भी होता है। करीब 8-9 महीने में तैयार होने वाला ये फल स्वाद और सेहत दोनों के लिहाज से बेहतरीन है।

ड्रैगन फ्रूट मोटापा, डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने के साथ ही आर्थराइटिस में भी फ़ायदेमंद होता है।

ड्रैगन फल का छिलका थोड़ा मोटा होता है और गूदे का रंग सफेद या जामुनी होता है। स्वाद बहुत मीठा तो नहीं होता, लेकिन ये विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए मिट्टी

अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती  है। मिट्टी का पी.एच. मान (pH Value) 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जलवायु

ड्रैगन फ्रूट के लिए 25-30 डिग्री का तापमान उचित होता है। इसको अधिक पानी की ज़रूरत नहीं होती है। यह 40-70 सेंटमीटर बारिश वाले इलाकों में भी उगााया जा सकता है।

रोपाई की विधि

ड्रैगन फ्रूड की खेती बीज और पौध दोनों तरह से की जा सकती है। लेकिन कलम से खेती करना बेहतर होता है।

उपज और कमाई

आमतौर पर इसके पौधे 2-3 साल में ही फल देने लगते हैं। प्रति हेक्टेयर 6-7 लाख रुपए की कमाई हो जाती है।

ड्रैगन फ्रूट को फल के रूप में खाने के साथ ही इससे जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस और वाइन आदि बनाकर अतिरिक्त कमाई की जा सकती है।

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