पेठा की खेती  Ash gourd farming

पेठे की खेती से होगी मोटी कमाई, जानें टिप्स

पेठा की खेती पर एक नज़र

पेठा कम खर्च में अधिक उत्पादन देने वाली सब्जियों में से एक है। इसके कच्चे फलों से सब्जी बनाई जाती है और पके फलों का इस्तेमाल मिठाई बनाने के लिए किया जाता है। 

इसे भूरा, भतुवा, कोहरा, कद्दू, कुष्मांड समेत कई नामों से जाना जाता है। पैठा में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं।

पेठा की खेती पर एक नज़र

मिट्टी और जलवायु

पेठा की खेती के लिए समशितोष्ण जलवायु उपयुक्त होती है। पेठे की खेती के लिए दोमट एवं बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।

खेती का समय

इसकी खेती करने का सही समय जून से जुलाई का महीना होता है। नदियों के किनारे इसकी बुआई नवंबर से दिसंबर में की जाती है।

खेत की तैयारी

सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करें। जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 16 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद जरूर मिलाएं। बुवाई करने से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या कार्बेंडाजिम से उपचारित करें।

सिंचाई प्रबंधन

गर्मी के मौसम में 2 से 3 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। बेलों पर फूल खिलते समय एवं फलियां बनते समय सिंचाई अवश्य करें।

पैदावार और कमाई

पेठा की प्रति एकड़ खेत से 250 से 350 क्विंटल तक पैदावार होती है। इसकी खेती से आप प्रति एकड़ 3-4 लाख की आमदनी कर सकते है।

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