मुर्गे की असील नस्ल को भारत की शुद्ध नस्ल माना जाता है। असील नस्ल को आमतौर पर मांस के लिए ही पाला जाता है।
असील नस्ल का पालन व्यवसाय के साथ-साथ शौक के लिए भी किया जाता है।
असील मुर्गे अपने दुस्साहसी व्यवहार, उच्च क्षमता और राजसी चाल के लिए भी जानी जाती है। यह नस्ल मध्य प्रदेश पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है।
इसके शरीर पर काले और लाल रंग के मिश्रित पंख होते हैं। मुंह और गर्दन लंबी और बेलन आकार की होती है। मजबूत और सीधी टांगे होती हैं। काफी मजबूत दिखाई देती है।
यह नस्ल झगड़ालू प्रवृत्ति की होती है। यह काफी स्वाभिमानी होती है। यह नस्ल अपमान से बेहतर मृत्यु को मानती है। इस नस्ल की लड़ाई का खेल पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
एक मुर्गी एक साल में 96 अंडे देती है। मुर्गे का वजन 4 से 5 किलो तक हो जाता है। मुर्गी का वजन 3 से 4 किलो तक हो जाता है। 20 हफ़्तों में 1.2 किलो का हो जाता है।
3 से 4 किलोग्राम के असील मुर्गे की कीमत 1200 से लेकर 1500 रुपए तक होती है। असील मुर्गा की मांस 500 रुपए से लेकर 600 रुपए तक बिकती है।