तेज गर्मी के कारण पशुओं को लू समेत कई बीमारियां होने का खतरा रहता है।
पशुओं को पानी में नमक और आटा दोनों अच्छे से मिलाकर पिलाएं। पशुओं को घर के बाहर न रखें।
पशुओं के रहने की जगह की छत पर सूखी घास, पुआल आदि फैला दें। पशुओं को प्रतिदिन नहलाएं।
पशुु को 106 से 108 डिग्री तक तेज बुुखार आना। पशु का चक्कर खाकर गिर जाना।
सुस्त होकर खाना-पीना छोड़ देना। पशु के मुंह के आसपास झाग आ जाना।
पशु की आंख व नाक लाल हो जाना। लू लगने पर पशु की मुंह से जीभ बाहर निकलने लगती है।
सांस लेने में कठिनाई होना। पशु की नाक से खून आना।
ठंडे पानी में चीनी, भुने हुए जौ और नमक का मिश्रण पिला सकते हैं। इसके अलावा पानी से भरे गड्ढे में रखकर, ठंडे पानी का छिड़काव करें।
पशु को प्याज और पुदीने से बना अर्क पिलाएं। पशु के शरीर पर बर्फ या फिर ऐल्कोहॉल रगड़ सकते हैं।