ग्रामीण विकासपंचायती राज

वार्ड सदस्य के अधिकार एवं कार्य | ward sadasya ka karya

ग्राम पंचायत में सरपंच के अलावा प्रत्येक पांच साल बाद वार्ड पंच (ward panch) का चुनाव होता है। इन्हें वार्ड सदस्य भी कहा जाता है।

ward sadasya: भारत गांवों का देश है। हमारे देश में साढ़े छह लाख से भी अधिक गांव है। इन गांवों में प्राचीन काल से ही स्थानीय स्तर पर प्रशासन चलाने की स्वतंत्रता है। हमारे देश में स्थानीय स्तर पर भी जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार है। ग्राम पंचायत में सरपंच के अलावा प्रत्येक पांच साल बाद वार्ड पंच (ward panch) का चुनाव होता है जो हमारे देश में सबसे निचले स्तर के जनप्रतिनिधि होते हैं। इसे कई राज्यों में वार्ड सदस्य(ward sadasya), वार्ड मेंबर या वार्ड सभासद कहते हैं। 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में वार्ड सदस्य के अधिकार और वार्ड सदस्य के कार्य को विस्तार से जानें। 

वार्ड सभा की संरचना

हमारे देश में प्रत्येक गांव छोटे-छोटे पुरवा, टोला या वार्ड सभा में बंटे होते हैं। प्रत्येक गांव में एक ग्राम पंचायत होती है। और प्रत्येक पंचायत में 10  या  इससे अधिक वार्ड हो सकते हैं। एक वार्ड में लगभग 200-500 तक की जनसंख्या होती है। इन वार्डों में पंचायत चुनाव के दौरान एक वार्ड सदस्य का चुनाव होता है। 

वार्ड सदस्य चुनाव पात्रता

वार्ड सदस्यों के उम्मीद्वारों को चुनाव लड़न के लिए कुछ योग्यताएं निर्धारित की गई हैं। 

  • वार्ड सदस्य के चुनाव के लिए कैंडिडेट की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। 
  • ग्राम पंचायत का कोई भी सदस्य अपने ग्राम पंचायत के किसी भी वार्ड से चुनाव लड़ सकता है। 
  • वार्ड के लिए आरक्षित सीटों के लिए उसी जाति का उम्मीद्वार चुनाव लड़ने के लिए पात्र है। 
  • सरकारी कर्मचारी वार्ड सदस्य का चुनाव लड़न के लिए अपात्र हैं।
  • किसी-किसी राज्यों में वार्ड सदस्य बनने के लिए पांचवी पास होना अनिवार्य है। 

वार्ड पंच का चुनाव लड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आधार कार्ड 
  • पेन कार्ड
  • मतदाता पहचान पत्र
  • पास पोर्ट साइज फोटो
  • निवास प्रमाण पत्र
  • आरक्षित श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र
  • शपथ पत्र नोटरी द्वारा प्रमाणित

वार्ड सदस्य के अधिकार एवं कार्य (ward sadasya ka adhikar)

  • वार्ड में वार्ड सभा का आयोजन करना
  • वार्ड में जनसमस्याओं का निवारण करना
  • वार्ड के गरीब लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना
  • ग्राम प्रधान या सरपंच को अपने वार्ड में हो रहे विकास कामों की रिपोर्ट देना
  • सरपंच द्वारा दिए गए कामों को पूरा करना

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