ward panch: वार्ड पंच का चुनाव कैसे होता है, यहां जानें
वार्ड सभा ग्राम पंचायत का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। वार्ड सभा का गठन ग्राम पंचायत के प्रत्येक वार्ड में गठित किया जाता है।
ward panch ka karya: ‘ग्राम पंचायत’ पंचायती राज व्यवस्था की सबसे छोटी इकाई है। परन्तु ग्राम पंचायत को प्रशासनिक सुविधा की दृष्टि से इसे छोटे खंडो में बांट जाता है। जिसे वार्ड कहते हैं।
इन वार्डों के जनप्रतिनिधियों के लिए भी प्रत्येक 5 साल में चुनाव होता है। इन वार्डों से चुनकर आए प्रतिनिधियों को वार्ड पंच (ward panch) या वार्ड सदस्य कहते हैं।
आइए सबसे पहले ग्राम पंचायतों में वार्डों की संरचना को जान लेते हैं।
वार्ड सभा की संरचना
गौरतलब है कि वार्ड सभा भी ग्रामसभा की तरह एक स्थाई निकाय है। 200 से 500 की जनसंख्या पर एक वार्ड गठित की जाती है। इन वार्ड सभा के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उसी वार्ड के मतदाता द्वारा की जाती है।
आपको बता दें, ये वार्ड सभा हमारे देश में सभी राज्यों के ग्राम पंचायतों में विद्ममान है।
वार्ड सदस्य चुनाव पात्रता
वार्ड सदस्यों यानी वार्ड पंचों के लिए भी सरपंच की तरह चुनाव पात्रता होती है।
- वार्ड सदस्य के लिए उम्मीद्वार की उम्र 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
- वार्ड सदस्य का उम्मीद्वार उसी ग्राम पंचायत का होना चाहिए, लेकिन उसी वार्ड का निवासी हो, यह जरूरी नहीं है।
- आरक्षित वार्ड के लिए उम्मीद्वार का आरक्षित वर्ग का होना अनिवार्य होता है।
- इसके अलावा निर्वाचन आयोग द्वारा कुछ अन्य निर्धारत योग्यताएं होती है, जो उम्मीद्वार में होना चाहिए।
वार्ड पंच बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज
जिस तरह से सरपंच बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज की जरूरत होती है उसी प्रकार वार्ड पंच का चुनाव लड़ने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज की जरूरत होती है।
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- वोटर कार्ड
- आरक्षित श्रेणी का जाति प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- शौचालय होने का शपथ पत्र
- शपथ पत्र नोटरी से प्रमाणित
- पासपोर्ट साइज फोटो
वार्डसभा का महत्व
वार्ड सभा ग्राम पंचायत का एक बहुत महत्वपूर्ण अंग है। वार्ड सभा का गठन ग्राम पंचायत के प्रत्येक वार्ड में गठित किया जाता है। वार्ड पंच (ward panch) होने की वजह से जनता के समस्याओं का तुंरत समाधान होता है।
आपको बता दें, वार्ड सभा की बैठकों का आयोजन और अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी वार्ड पंचों (ward panch) की होती है।
- वार्ड सभा की बैठक भी ग्रामसभा की बैठक की तरह नियमित होनी चाहिए।
- वार्ड सभा की बैठकों में वार्ड सभा के सदस्यों की न्यूनतम उपस्थिति संख्या का होना अनिवार्य है।
- कोरम पूरा करने के लिए वार्ड के सदस्यों की संख्या का दसवां हिस्सा या जो भी जरूरी है अनिवार्य होता है।
वार्ड पंच के कार्य (ward panch ke karya)
वार्ड सभा के कर्तव्य और कार्य ग्रामसभा के ही समान हैं। राज्य पंचायती राज अधिनियम के अनुसार वार्ड पंच (ward panch) की जिम्मेदारियां निम्नलिखित है।
- वार्ड के अंतर्गत विकास कार्यक्रमों की प्रस्ताव तैयार कर ग्रामसभा के समक्ष रखना।
- निर्धारित मानदंडों के आधार पर वार्ड में योजना के लाभार्थियों की पहचान करना।
- पेंशन और अनुदान पाने जैसी विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ पाने वाले व्यक्तियों की पात्रता का सत्यापन करना।
- वार्ड सभा के सदस्यों को ग्राम पंचायत को करों को जमा करने के लिए प्रेरित करना।
- ग्राम पंचायत की योजनाओं जैसे- स्ट्रीट लाइटों, पानी के नल, सार्वजनिक शौचालय और अन्य जनोपयोगी योजनाओं के लिए स्थान सुझाना
- वार्ड सभा के क्षेत्र में सफाई की व्यवस्थाओं में ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों की मदद करना और कचरा हटाने में स्वैच्छिक सहयोग देना
- वार्ड में साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना
- वार्ड सभा के क्षेत्र में लोगों के विभिन्न समूहों के बीच एकता और भाईचारा बढ़ाना
ग्रामीण विकास में है वार्ड पंचों की भूमिका
ग्राम विकास में वार्ड पंच की योगदान अहम है क्योंकि वार्ड के निवासी सर्वप्रथम किसी समस्या या ग्राम पंचायत की जानकारी के लिए वार्ड पंच से ही संपर्क करता है।
वार्ड पंच की सैलरी (ward member salary)
पंचायती राज व्यवस्था में वार्ड पंच की सैलरी (ward panch ki salary) का उल्लेख नहीं है। लेकिन इतना जरूर है कि वार्ड पंच को राज्यों द्वारा कुछ मानदेय या भत्ता दिया जाता है। यह भत्ता केवल वार्ड पंच रहने के दौरान ही दिया जाता है।
ये तो थी, वार्ड पंच का चुनाव और वार्ड पंच के कार्य (ward panch ke karya) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। अगर आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा हो, तो इसे मित्रों तक जरूर पहुंचाए।