Vermi compost: वर्मी कम्पोस्ट खाद क्या है? यहां जानें
वर्मी कंपोस्ट एक (Vermi compost) उत्तम जैव उर्वरक है। इसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है। यह खाद केंचुआ और गोबर की मदद से बनाई जाती है।
vermicompost kya hai: हमारे देश में हरित क्रांति में उत्पादन पर अधिक ध्यान दिया गया। खेती में रासायनिक खादों का खूब इस्तेमाल हुआ लेकिन इन खादों का अंधाधुंध प्रयोग होने से हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा।
बढ़ती बीमारी और प्रदूषण को देखते हुए लोगों का आकर्षण अब जैविक खेती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन जैविक खेती तभी संभव है जब उसमें प्रयोग किए जाने वाले खाद भी ऑर्गेनिक हो। जैविक खाद (Organic manure) से ही जैविक खेती (Organic farming) संभव है।
गौरतलब है कि ऑर्गेनिक खाद (Organic manure) में गोबर की खाद, हरी खाद और वर्मी कंपोस्ट (Vermicompost) खाद इत्यादि आते हैं। इन खादों में वर्मी खाद जैविक खेती के लिए बहुत ही किफायती और फायदेमंद होता है। इस खाद को नैचुरल तरीके से तैयार किया जाता है।
तो आइए, The Rural India के इस लेख में जानें- वर्मी कंपोस्ट (Vermicompost) बनाने की विधि और इसके फायदे
सबसे पहले वर्मी कंपोस्ट खाद क्या है? (vermicompost kya hai) इसे जानते हैं।
वर्मी कंपोस्ट (Vermi compost)
वर्मी कंपोस्ट एक (Vermi compost) उत्तम जैव उर्वरक है। इसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है। यह खाद केंचुआ और गोबर की मदद से बनाई जाती है। इसे लगभग डेढ़ महीने में आसानी से तैयार किया जा सकता है। यह खाद वातावरण को प्रदूषित नहीं होने देती है। इस खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। जो फसलों को तेजी से विकास में मदद करता है और मिट्टी को बेकार नहीं होने देता है।
वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए सामग्री
इस खाद को बनाने के लिए ऐसे ही सामानों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जो आसानी से डि-कंपोज हो सके।
जैसे-
- किसी भी पशु का गोबर जैसे- गाय, भैंस, भेड़-बकरी इत्यादि
- पेड़-पौधों के अवशेष (पेड़ की छाल, लकड़ी की छिलके, लकड़ी का बुरादा, घास, पत्तियां इत्यादि)
- एग्रीकल्चरल वेस्ट (फसलों के बचे अवशेष जैसे तना, पत्तियां, फल के अलावा रसोई घर में खाना बनाते वक्त जो सब्जियां,उसके छिलके जिन्हे हम कचरा समझकर फेंक देते हैं उनका प्रयोग किया जाता है।
- इंडस्ट्रियल वेस्ट (होटल, रेस्टोरेंट से निकलने वाले कचरे)
वर्मी कंपोस्ट की विधि
इस खाद को बनाना बेहद ही आसान है। वर्मी कंपोस्ट (Vermicompost) खाद को डेढ़ से दो महीने में आसानी से तैयार कर सकते है।
वर्मी कंपोस्ट बनाने की मुख्य तीन विधियां हैं।
- प्लास्टिक या टटिया विधि
- पिट विधि
- बेड विधि
टटिया (प्लास्टिक) विधि

इस विधि में प्लास्टिक के बोरे और बांस का इस्तेमाल कर खाद तैयार किया जाता है। इसमें प्लास्टिक की बोरियों में गोबर डाल दिया जाता है। गोबर में केंचुआ डाल दिया जाता है। इस खाद को बनाने में बहुत कम खर्च पड़ता है।
पिट विधि

इस विधि में पक्के क्यारियां बनाकर गोबर की खाद में केंचुआ को डाल दिया जाता है। इस विधि का उपयोग व्यवसायिक कंपोस्ट बनाने के लिए किया जाता है। इस विधि में वर्मी कंपोस्ट 1-2 महीने में ही तैयार हो जाता है।
बेड विधि

इस विधि में आपको सबसे पहले ऐसे स्थान का चुनाव करना होगा। जहां बरसात का पानी इकट्ठा न हो। इस विधि में कई चरणों से गुजरने के बाद वर्मी कंपोस्ट तैयार की जाती है। इस विधि में कई बेड बनाकर वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार की जाती है। शुरुआत में पहले बेड में ही केंचुए डालने की आवश्यकता होती है। एक बेड का खाद बन जाने के बाद केंचुए स्वतः ही दूसरे बेड में पहुंच जाते हैं। इसके बाद पहले बेड से वर्मी कम्पोस्ट अलग करके छानकर भंडारित कर लिया जाता है।
वर्मी कम्पोस्ट खाद से लाभ (benefits of vermi compost)
- वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने से खेतों में फसलों की वृद्धि होती है।
- यह भूमि की उर्वरता, उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाता है।
- वर्मी कंपोस्ट खाद पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहायक होती है।
- वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost) प्राकृतिक और सस्ती होती है।
- भूमि में उपयोगी जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है।
- वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने से ऊसर भूमि को सुधारा जा सकता है।
- इसके प्रयोग से फल, सब्जी, अनाज की गुणवत्ता में सुधार होता हैं, जिससे किसान को उपज का बेहतर मूल्य मिलता है।
- उपयोग करने से वर्मी कम्पोस्ट वाली भूमि में खरपतवार कम उगते हैं और पौधों में रोग कम लगने की संभावना होती है।
- वर्मी कंपोस्ट मिट्टी की स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में सहायक होती है।
वर्मी कंपोस्ट बनाने में लागत
छोटे स्तर पर इसके उत्पादन में लगभग 5 हजार से लेकर 6 हजार रुपए की लागत लगती है। अगर आप इसे अपनी जमीन के 25 वर्ग मीटर में शुरू करते है, तो पहले साल के शुरुआत में इसका कुल खर्च कम से कम डेढ़ लाख रुपए तक आता है। इससे आपको पहले वर्ष लगभग 2 लाख रुपए तक आय हो सकती है।
अच्छे वर्मी कम्पोस्ट खाद (Vermicompost) की विशेषताएं
- यह चाय पत्ती के समान दानेदार होता है।
- इसका रंग काला और भूरा होता है।
- इससे बदबू नहीं आती है।
- इससे मक्खी मच्छर नहीं पनपते हैं।
- यह भुरभुरा होता है।
वर्मी कंपोस्ट व्यवसाय
आज के समय में ऑर्गेनिक खेती जितनी तेजी से बढ़ रहा है। वैसी ही इस खाद की मांग भी बाजार में अधिक हो गई है। इस व्यवसाय से आप अच्छा मुनाफा कमा सकते है। इसके अलावा आप इसे खरीद या खुद ही बना के अपनी फसल में डालकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
वर्मी कंपोस्ट (Vermicompost) का उत्पादन करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस व्यवसाय में बहुत कम लागत आती है। इससे बनाने के लिए बहुत महंगे सामाग्री की जरूरत नहीं होती है। आप गोबर की खाद और केचुंए और बेड बनाने के लिए सामान को बहुत ही सस्त दर खरीद सकते हैं।
वर्मी कंपोस्ट के व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए आप सरकारी योजना का लाभ ले सकते हैं। इन योजनाओं की जानकारी के लिए आप नजदीकी कृषि विभाग या जिले के कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें।
संक्षेप में कहें तो वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost) मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने में मददगार है और इसे हरेक किसानों को अपनाना चाहिए।
ये तो थी, वर्मी कम्पोस्ट क्या है? इसके फायदे और बनाने की विधि। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।
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