Vanilla ki kheti: वनीला की खेती कैसे करें? यहां जानें
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) काफी मुश्किल होती है। इसके पौधे से अर्क निकाला जाता है। यही कारण है कि यह दुनिया की महंगी फसल में से एक है।
Vanilla ki kheti: इन दिनों लोगों का रूझान परंपरागत खेती से व्यवसायिक खेती की ओर है। बागानी फसलों में किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है। परन्तु कुछ ऐसी भी फसल है जिसकी खेती करना थोड़ा कठिन होता है लेकिन मुनाफे कई गुना है। ऐसी ही एक फसल है-वनीला (Vanilla Farming)
वनीला की खेती (Vanilla ki Kheti) काफी मुश्किल होती है। इसके पौधे से अर्क निकाला जाता है। यही कारण है कि केसर के बाद यह दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल है। इसका उपयोग आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है। इसके अलावा वनीला का इस्तेमाल मिठाइयों, शराब, परफ्यूम में भी किया जाता है।
तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में वनीला की खेती के बारे में विस्तार से जानें।
वनीला की खेती के लिए मिट्टी
वनीला की खेती (Vanilla ki kheti) के लिए जैविक पदार्थों से युक्त भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती हैं। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के मध्य होना चाहिए। इसके अलावा जमीन की जांच करके यह जरूर पता कर लें कि मिट्टी में किस चीज की कमी है, उन चीजों को पूरा करके अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
ऐसे करें खेत की तैयारी
वनीला की खेती (Vanilla ki kheti) करने के लिए वातावरण पर खास ध्यान देना पड़ता है। इसके लिए शेड हाउस बनाकर इसके अनुरूप वातावरण तैयार कर लें। 25 से 35 सेंटीग्रेट तक का तापमान वनीला की पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि पेड़ों से छनकर आती रोशनी वनीला की फसल के लिए ज्यादा अच्छी मानी जाती है।
खेत में उचित दूरी पर गड्डों को तैयार कर लें, इन गड्डों में पुरानी सड़ी गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाकर भर दें। इसके बाद कटिंग को भूमि के कुछ ऊपर लगाकर खाद और पत्तियों से ढक दें।
बुवाई की विधि (पौधरोपण)
वनीला के बीजों की बुवाई दो तरह से की जा सकती है। इसमें पहला तरीका कटिंग और दूसरा बीज विधि है।
वनीला का बीज काफी छोटा होता है, जिससे उसे उगने में अधिक समय लग जाता है। वहीं बेल के रूप में लगाना काफी अच्छा होता है, किन्तु बेल की कटिंग बिल्कुल सही होनी चाहिए। दो कटिंग के मध्य तक़रीबन 8 फ़ीट दूरी होनी चाहिए, ताकि पौधों की लतायें आसानी से फैलाव कर सकें। इन लताओं को 7 फ़ीट लम्बे सीमेंट के पिलर या लकड़ी के साथ बांध दें, ताकि बेल आसानी से फ़ैल सके।
वनीला की बेल को खेत में लगाने के बाद उसमें गोबर की खाद, नीम केक और केंचुआ खाद डालते रहे हैं, ताकि पौधों को पोषक तत्व मिलते रहें और पैदावार भी अच्छी हो। इसके अलावा 100 लीटर पानी में 1 किलो ग्राम एनपीके मिलाकर छिड़काव करें। वनीला की बेलों को खेत में तैयार किये गए तारो में फैलाएं, इन बेलों की ऊंचाई 150 सेंटी से अधिक न हो।
सिंचाई
खेत में पौधा लगाने के बाद दो दिन के अंतराल से फव्वारा या टपक विधि से पानी दें। खेत में नमी की मात्रा कम होने अवश्य सिंचाई करें।
कटाई
वनीला के फूलों को तैयार होने में 9 से 10 महीने का समय लग जाता है। इसके बाद पौधों से बीजों को निकाल लिया जाता है। बीजों को प्रसंस्करण कर खाद्य पदार्थों का निर्माण करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वनीला की कीमत
देश में वनीला के बीजों की कीमत 40 से 50 हज़ार रूपए प्रति किलो होती है। वनीला की खेती (Vanilla ki kheti) से किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होता है।
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