वनराजा मुर्गी पालन, यहां जानें कीमत और विशेषताएं | Vanaraja murgi palan
वनराजा मुर्गी भारत की एक प्रमुख देसी नस्ल है। इसे मांस के लिए पाला जाता है। इसके अंडे पोष्टिक होने के कारण महेंगे बिकते हैं।
vanaraja murgi palan: इन दिनों ग्रामीण भारत में मुर्गी पालन (poultry farming) का क्रेज बढ़ाता ही जा रहा है। इसका मुख्य कारण है मांस के मांग में लगातार बढ़ोतरी होना।
ऐसे भी मुर्गी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम लागत में किसानों को अधिक मुनाफा हो जाता है। देशी मुर्गी का पालन तो किसान अपने बैकयार्ड या आंगन में आसानी से कर सकते हैं। देशी मुर्गी की मांग ब्रॉयलर मुर्गियों से अधिक होती है। इसका मांस भी अधिक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक होता है।
तो आइए, आज द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में वनराज मुर्गी पालन (vanaraja murgi palan) के बारे में जानते हैं।
वनराजा मुर्गी भारत की एक प्रमुख देसी नस्ल है। इसे मांस के लिए पाला जाता है। इसके अंडे पौष्टिक होने के कारण महंगे बिकते हैं। इसका पालन ग्रामीण क्षेत्रों में काफी आसानी से किया जा सकता है। इसका व्यावसायिक पालन करने पर केवल 500 मुर्गियों से 1 लाख तक कमाई की जा सकती है।
वनराजा मुर्गी की विशेषताएं (Features of Vanaraja Chicken)
- वनराजा मुर्गी नस्ल कत्थई रंग की देखने में काफी आकर्षक होती है।
- इसमें रोगों के प्रतिरोधकता अधिक होती है।
- इसका मांस काफी स्वादिष्ट माना जाता है।
- वनराजा मुर्गी के मांस में ज्यादा चर्बी भी नहीं होती।
- वनराजा मुर्गी नस्ल थोड़ी झगड़ालू होती है।
- खुले में पालने के लिए यह मुर्गी सबसे अच्छी मानी जाती है।
- एक चूजे का वजन करीब 34 से 40 ग्राम होता है।
- 6 सप्ताह में इसका वजन 700 से 850 ग्राम तक हो जाती है।
- वनराजा मुर्गी 175 से 180 दिन में अंडे देना शुरू करती है।
- इसके अंडों से 80 प्रतिशत चूजे निकलते ही हैं।
- एक वर्ष में वनराजा मुर्गी 90 से 100 अंडे दे सकती है।
वनराजा मुर्गी की कीमत (Vanaraja murgi ki kimat)
बाजार में वनराजा मुर्गियों की कीमत अच्छी मिल जाती है। एक किलो वनराजा मुर्गे का कीमत 500 रुपए से लेकर 600 रुपए तक होती है।
बनराजा मुर्गी पालन कैसे करें
बनराजा मुर्गी का पालन आप देसी मुर्गी की तरह ही कर सकते हैं। इसका पालन आप बंद या खुले दोनों प्रकार की स्थानों पर आसानी से की जा सकती है। अच्छी आवास और अच्छा आहार बनराजा मुर्गी पालन में काफी सफलता दिलाती है। इसके चूजों का टीकाकरण अवश्य कराएं। यदि आप इसके अंडों का उत्पादन करने के लिए पालन कर रहे हैं तो आप मादा बच्चों की संख्या ज्यादा रखें।
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