कृषि मशीनरी

भारत में ट्रैक्टर का इतिहास | Tractor History in India

आधुनिक खेती के लिए ट्रैक्टर (Tractor) एक सबसे उपयोगी उपकरण है। साथ ही यह किसानों का पसंदीदा कृषि यंत्र भी है।

Tractor History in India: भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां लगभग 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि मशीनीकरण में भी भारत अब तेजी से विकास कर रहा है। आधुनिक खेती के लिए कई मशीनों की जरूरत होती है।

ऐसे में ट्रैक्टर (Tractor) एक सबसे उपयोगी उपकरण है। साथ ही यह किसानों का पसंदीदा कृषि यंत्र भी है। आधुनिक और उन्नत खेती करने के लिए ट्रैक्टर की जरूरत होती है। आज के समय में इसके बिना खेती की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। 

 

आज के लगभग 90 प्रतिशत खेती के काम ट्रैक्टर की सहायता से किए जाते है।  ट्रैक्टर(Tractor) किसानों के लिए वरदान है।

 

तो आइए आज द रूरल इंडिया के इस लेख में ट्रैक्टर की उपयोगिता और इतिहास (Tractor History in India) को करीब से जानें। 

 

इस लेख में आप जानेंगे

  • ट्रैक्टर का इतिहास (Tractor History in India) 
  • ट्रैक्टर का कृषि क्षेत्र में महत्व और उपयोग
  • ट्रैक्टर की विशेषता
  • ट्रैक्टर में लगने वाले उपकरण 
  • भारत में ट्रैक्टर की टॉप कंपनियां

 

सबसे पहले ट्रैक्टर के इतिहास को जानते हैं। 

 

ट्रैक्टर का इतिहास (Tractor History in India)

ट्रैक्टर लैटिन शब्द से बना है जिसका अर्थ “खींचना” होता है। सर्वप्रथम ट्रैक्टर का निर्माण 19वीं शताब्दी में किया गया था। उस समय इसे वाष्प इंजन की सहायता से चलाया जाता था। लेकिन फिर कृषि उद्देश्यों के लिए 1812 में रिचर्ड ट्रेविथिक ने पहला भाप इंजन बनाया, जिसे बार्न इंजन के नाम से जाना गया।

 

आपको बता दें, बार्न इंजन का उपयोग पहले मक्का निकालने के लिए किया गया था। लेकिन फिर बाद में इसका प्रयोग बीज बोने और फसल काटने के लिए भी किया जाने लगा। उसके बाद 1890 में जॉन फ्रोलिक ने ट्रैक्टर का एक नया डिजाइन बनाया, जो खेतों के काम को अच्छे से कर सकें। इसके बाद फ्रोलिक ने गैसोलीन और पेट्रोल से चलने वाले ट्रैक्टर का आविष्कार किया। इसके बाद 1919-1922 दशक में 100 से अधिक कंपनियां ट्रैक्टर का उत्पादन करने लगीं। बदलते समय के साथ ट्रैक्टर में भी बहुत से बदलाव किए गए। 1930 के दशक में रबर के पहिए की जगह स्टील के पहियों का इस्तेमाल किए जाने लगा। 

 

अगर हम बात करें भारत की तो हरित क्रांति के बाद यहां कई विदेशी ट्रैक्टर कंपनी आई और ट्रैक्टर का उत्पादन किया। आजादी से पहले भारत में ट्रैक्टरों का आयात रूस से किया जाता था। उस समय भारत ट्रैक्टरों का निर्माण नहीं करता था। लेकिन आज के समय में भारत की खुद कई बड़ी कंपनियां है, जो ट्रैक्टर का उत्पादन करती है। वर्तमान समय में भारत में ट्रैक्टर उत्पादन में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है। 

भारत दुनिया का बड़ा ट्रैक्टर निर्यातक देश बन चुका है। भारत छोटे से लेकर बड़ी और बहुउद्देश्यीय ट्रैक्टर बनाती है। भारत में ट्रैक्टर की कीमत (tractor price in India) 2.5 लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपए तक है। 

 

ट्रैक्टर का कृषि क्षेत्र में महत्व और उपयोग (Importance and use of tractor in agriculture)

कृषि क्षेत्र के लिए ट्रैक्टर उपयोगी यंत्र है। इसकी सहायता से खेत के कार्य करना बेहद आसान हो जाता है। ट्रैक्टर का हमेशा से कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

जैसे-

  • खेतों की जुताई
  • बीज रोपण
  • थ्रेसिंग
  • परिवहन आदि

 

ट्रैक्टर की विशेषताएं (Tractor Features)

  • ट्रैक्टर किसानों के लिए हर एक स्तर पर काम आता है। 
  • यह काफी लंबे समय तक आराम से चलते है। 
  • ट्रैक्टर बेहद मजबूत और शक्तिशाली होते है। 
  • यह किसी भी सामान को आसानी से ऊठा और खींच सकते है। 
  • यह खेत के कठिन कार्य को आसानी से कर सकता है। 
  • ट्रैक्टर में कृषि से जुड़े उपकरणों को आराम से लगाया जा सकता है। 
  • ट्रैक्टर को हर एक तरह की मिट्टी में चलाया जा सकता है। 

Tractor Equipment(s)

ट्रैक्टर में लगने वाले उपकरण (मशीनें) (Tractor Equipments)

आज के आधुनिक खेत के लिए किसान नई तकनीकी उत्पादों का उपयोग कर कृषि क्षेत्र में वृद्धि कर रहा है। देखा जाए तो किसान अपनी उत्पादकता में सुधार करने के लिए ट्रैक्टर के उपकरणों का उपयोग कर रहे है, जिससे वह अच्छा मुनाफा कमा सके। इन उपकरणों से कठिन कार्य को भी आसानी से किया जा सकता है। 

जैसे- रोटावेटर, कल्टीवेटर, थ्रेसर, पंपिंग मशीन, ट्रॉली इत्यादि।

 

ट्रैक्टर से जुड़े कुछ उपकरण (Tractor related equipment)

 

रोटावेटर/ रोटरी टिलर

रोटावेटर एक छोटी मशीन है। जिसका मुख्य कार्य किसी भी तरह की मिट्टी की जुताई अच्छे से करना होता है। यह अपने ब्लेड को घुमा कर मिट्टी को तोड़ता और खोदने का काम करता है। रोटावेटर की सहायता से बीज की बुआई जल्दी होती है। 

 

भारतीय बाजार में रोटावेटर की कीमत (Rotavator price) 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक है। 

 

कल्टीवेटर 

इस मशीन का प्रयोग किसान खेत की मिट्टी से खरपतवार को निकाल कर उसमें बीज रोपण के लिए खेत को तैयार करता है। इसके अलावा यह मशीन खेत में गहरी जुताई करने में काम आती है।  

 

बाजार में कल्टीवेटर की कीमत(Cultivator price) लगभग 25 हजार से 50 हजार तक है। 

 

हल  (Plough)

इसका प्रयोग खेतों में बीज बोने से पहले मिट्टी को पलटने के लिए करते हैं। इस उपकरण में कई तरह के ब्लेड दिए गए है, जो खेत की मिट्टी की जुताई अच्छे से करता है।  इसे कठोर भूमि और सूखी मिट्टी में आसानी से चलाया जा सकता है। 

 

हल की कीमत (Plough price) 25 हजार से 1.25 लाख रुपए तक है। 

 

ट्राली (Trolley)

यह ट्रैक्टर के लिए एक वाहन की तरह काम करता है। इसे ट्रैक्टर की सहायता से किसान अपना समान एक जगह से दूसरे जगह से ले जाने के लिए करता है। 

 

अगर हम बात करे इसकी कीमत की तो ट्राली की कीमत (trolley price) 90 हजार से 2 लाख तक उपलब्ध है। 

 

रोटो बीज ड्रिल (Roto Seed Drill)

यह मशीन मजबूत और शक्तिशाली होती हैं। इसका प्रय़ोग मुख्य रूप से फसल की कटाई और बुवाई के लिए किया जाता है। इसके अलावा किसान इसका उपयोग मलबे को कुचलने और मिश्रण करने के लिए करता है। इस मशीन की सहायता से बीज और उर्वरक खेत में अच्छे से फैल जाते है।  

 

रोटो बीज ड्रिल की कीमत (Roto Seed Drill price) लगभग 50 हजार से 1.50 लाख रुपए तक है। 

 

बुआई मशीन (Planter) 

यह मशीन खेत के हर क्षेत्र में  पंक्तियों में सही से बीज बोने का काम करता है। बुआई मशीन की कीमत 50 हजार से लेकर 2.5 लाख रुपए तक होती है। 

 

स्प्रेयर (दवाइयां छिड़कने वाला यंत्र)

इसका उपयोग किसान अपने खेत में कीटनाशक और कई तरह की दवाइयां छिड़कने के लिए करता हैं।

 

भारतीय बाजार में स्प्रेयर की कीमत (Sprayer Price) लगभग 50 हजार से 60 हजार तक है। 

 

स्ट्रॉ रीपर( Starw Reaper)

यह एक भूसा बनाने की मशीन है।  इसके अलावा इसका उपयोग खेत में बचे हुए फसल के अवशेष को साफ करने के लिए भी किया जाता है। 

 

बाजार में स्ट्रॉ रीपर की कीमत (Straw reaper price) लगभग 2.50 लाख से 3.50 लाख रुपये तक है।  

 

भारत में ट्रैक्टर की टॉप 10 कंपनियां (Top 10 Tractor Companies in India)

भारत में कई कंपनियां ट्रैक्टरों का निर्माण करती है। इन सब कंपनियों की अपनी-अपनी एक अलग पहचान और खास विशेषताएं होती है। भारतीय ट्रैक्टर कंपनी आज देश ही नहीं विदेश में भी अपने ट्रैक्टरों का आयात करती है। इनके ट्रैक्टर काफी विश्वसनीय होते हैं।

 

भारत की 10 बेहतरीन ट्रैक्टर कंपनियां

1. महिंद्रा ट्रैक्टर कंपनी (Mahindra & Mahindra)

2. TAFE ट्रैक्टर्स (TAFE tractors)

3. सोनालिका ट्रैक्टर्स (Sonalika tractors)

4. Escorts Ltd कंपनी (Escorts)

5. जॉन डियर ट्रेक्टर्स (John Deere tractors)

6. न्यू हॉलेंड ट्रेक्टर्स (New Holland tractors)

7. कुबोटा ट्रेक्टर्स (Kubota tractors)

8. इंडो फार्म (Indo Farm Tractor)

9. प्रीत ट्रैक्टर (PREET Tractor)

10. कैप्टन ट्रैक्टर्स (Captain tractor)

 

ये तो थी, कृषि कार्य में ट्रैक्टर की उपयोगिता और इतिहास (Tractor utility and history) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए शेयर कर सकते हैं।

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