पशुपालनस्वास्थ्य

पशुओं को खूनी दस्त होने पर क्या करें? यहां जानें

पशुओं में खूनी दस्त की बीमारी बहुत ही घातक है। यह बीमारी पशुओं में काक्सीडिया नामक प्रोटोजोआ के कारण होती है।

पशुओं को खूनी दस्त होने पर क्या करें? यहां जानें, लक्षण, बचाव और रोकथाम

Bloody diarrhea disease of animals: पशुओं में खूनी दस्त की बीमारी बहुत ही घातक है। यह बीमारी पशुओं में काक्सीडिया नामक प्रोटोजोआ के कारण होती है। यह प्रोटोजोआ चारे, पानी तथा चारागाह इस रोग को फैलाते हैं। पशुओं में खूनी दस्त होने से पशुओं की स्वास्थ्य में भारी गिरावट देखी जाती है। बीमारी होने पर पशु काफी परेशान हो जाता है, जिसका असर दूध उत्पादन पर भी पड़ता है। इससे पशुपालकों को काफी नुकसान हो जाता है।

 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस ब्लॉग में जानें- पशुओं को खूनी दस्त होने पर क्या करें?

 

पशुओं को खूनी दस्त के लक्षण (Symptoms of bloody diarrhea in animals)

  • शरीर मे पानी की कमी और कमजोरी आ जाती है। 
  • पशु सुस्त रहने लगता है। 
  • मलत्याग के समय पशु जोर लगाता है। 
  • मलत्याग के दौरान मलाशय बाहर भी आ सकता है।
  • मल पानी जैसे पतले, बदबूदार दस्त होता है, जो श्लेष्म व रक्तयुक्त हो सकते हैं।
  • इन दस्तों की शुरूआत अचानक होती है। 
  • रक्त ताजा से लेकर गहरा थक्केनुमा हो सकता है।
  • पूँछ पर रक्तयुक्त दस्त लगे हो सकते हैं। 

 

खूनी दस्त रोग का उपचार (treatment of bloody diarrhea)

  • इस रोग से ग्रसित पशु को आप सल्फा बोलस, सल्फाग्वानेडीन, सल्फाग्वानेडीन की गोलियां दे सकते है। 
  • पशुओं के आस-पास लाइकर अमोनिया फोर्ट 10% का छिड़काव करें। 
  • बछड़े को सल्फोप्राइस की 1-2 टेबलेट दें।

 

खूनी दस्त रोग की रोकथाम (Prevention of bloody diarrhea)

  • बछड़ों को जन्म के 12 घण्टें के भीतर खींस अवश्य पिलाना चाहिए। 
  • बछड़े के जन्म के समय बाड़ा सूखा एवं साफ होना चाहिए। 
  • पशुओं के खाने-पीने के बर्तन साफ रखें। 
  • बाड़ों में गोबर इकट्ठा नहीं होने दें।
  • बछड़ों में दस्त होने की स्थिति में उनके बाड़े को रोगाणुनाशक पदार्थों से साफ करना चाहिए, साथ ही बछड़ों को नये साफ बाडे़ में रखना चाहिए। 
  • बीमार बछड़ों को अलग बाड़े में रखकर उनका उपचार करना करें। 
  • बाड़े में हवा के आने-जाने का उचित प्रबन्ध होना जरूरी है। 
  • बाड़े में बछड़ों की संख्या कम होनी चाहिए। 
  • बाड़ें में नए बछड़ों को लाने से पहले उन्हें कुछ समय अलग रखें।

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