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पशुओं में दस्त आने के लक्षण और उपचार | Symptoms and treatment of diarrhea in animals

आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में जानें- पशुओं में दस्त आने के लक्षण और उपचार (Symptoms and treatment of diarrhea in animals in hindi)

पशुओं में दस्त आने के लक्षण और उपचार | Symptoms and treatment of diarrhea in animals

Symptoms and treatment of diarrhea in animals: पशु को सिर्फ चारे डालने ही से ही उनका पालन नहीं होता है। बल्कि उनकी रहने, खाने और स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था करनी पड़ती है। नहीं तो पशु कई रोगों से पीड़ित हो जाते हैं। उसमें से पशुओं का दस्त होना तो आम बात है। पशुओं को दस्त होने को मोक भी कहा जाता है। लेकिन कई बार यह बीमारी पशु के लिए घातक भी साबित होती है। ज्यादातर पशुओं में दस्त की बीमारी (diarrhea) मौसम के बदलाव या फिर ज्यादा गर्मी पड़ने की वजह से होती है। अगर इसका सही समय पर इलाज न कराया जाए तो इसमें पशु की मृत्यु भी हो सकती है। 

 

किसान को समय रहते दस्त का इलाज करवाना चाहिए या देसी उपाय का इस्तेमाल करना चाहिए।

 

तो आइए, द रूरल इंडिया के इस लेख में जानें- पशुओं में दस्त आने के लक्षण और उपचार (Symptoms and treatment of diarrhea in animals in hindi)

 

आप इस लेख में जानेंगे-

  • पशु को दस्त आने के लक्षण
  • पशुओं में दस्त का कारण
  • दस्त लगने से बचाव
  • दस्त होने का परीक्षण
  • पशुओं को दस्त होने का इलाज
  • पशु चिकित्सक से कब संपर्क करें

 

पशु को दस्त आने के लक्षण (Symptoms of diarrhea in animals)

पशु को दस्त में पतले  गोबर आना तो साधारण लक्षण है। लेकिन इसके अलावा अन्य भी कई लक्षण होते हैं। जिससे आप समझ सकते हैं कि पशु को दस्त की बीमारी हो गई है। 

जैसे-

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  • गोबर में द्रव झाग जैसे पदार्थ आना।
  • पिचकारी की तरह गोबर करना।
  • पशु का बदबूदार गोबर करना।
  • पशु का बार-बार गोबर करना।
  • पशु का बैठे-बैठे गोबर निकल जाना।
  • गोबर में खून आना।
  • पशु को ठंड लगना।
  • पशु को बुखार आना।

 

पशु को दस्त होने के कारण (cause of animal diarrhea)

कई बार पशुओं को अचानक ही दस्त होने लगती है। जिसका कारण पशुपालकों समझ में नहीं आता है। कई बार पाचन समस्या होने के कारण भी पशुओं को दस्त होने लगते हैं।

जैसे-

  • पशु को अधिक हरे चारे खिलाना।
  • पशु को जरूरत से ज्यादा  चना या चारा खिलाना।
  • शादी में बचे खाने पशु को डालना।
  • बासी या सड़ा हुआ चारा खिलाना।
  • पशु का किसी नाले या तालाब का गंदा पानी पीना।
  • गंदे पानी में उगा घास चराना।
  • कीटनाशकों व अन्य रसायनों वाले घास खिलाना।
  • घास के साथ-साथ किसी जीव या कीटों को खा लेना।
  • अधिक मात्रा में बिनोला या उसकी खल खिलाना।

इसके अलावा कई दवाओं के कारण भी पशु को दस्त की बीमारी हो जाती है। जैसे- पशु की त्वचा पर लगे कीड़ों या कीटों को मारने की दवा, दूध उत्पादन बढ़ाने वाली दवा व अन्य गर्म दवा आदि शामिल हैं।

 

पशु को दस्त लगने से बचाव (prevention of diarrhea in animals)

अगर पशु का सही समय पर रोकथाम करते हैं तो आप घरेलू उपाय से पशु के दस्त को रोक सकते हैं लेकिन कुछ मामलों में रोक पाना आसान नहीं होता है तो हमेशा ही आपको पशु के बचाव के लिए निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना चाहिए

  • पशु को ताजा और साफ घास खिलाएं
  • गंदे पानी में उगा हुआ घास न खाने दें
  • सर्दियों के दिनों में ज्यादा हरा चारा ना खिलाए।
  • पशुओं को गंदा पानी ना पीने दें

 

ऐसे करें पशु को दस्त होने का परीक्षण (How to test the animal for diarrhea)

अगर आपके पशु को दस्त होने लगे तो यदि घरेलू उपाय से पशु को आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके बुलाएं। पशुओं के गोबर को किसी डिब्बी में लेकर लेबोरेटरी/पशु हॉस्पिटल में टेस्ट करवाने जाएं।

 

पशु को दस्त का घरेलु इलाज (animal diarrhea home treatment)

यदि आपके पशु को दस्त की समस्या गंभीर नहीं है तो इसके लिए घरेलू उपाय कर सकते हैं लेकिन अगर पशुओं को ज्यादा परेशानी हो तो घरेलू उपाय का इंतजार ना करें। घरेलू उपाय में आप निम्नलिखित चीजें अपना सकते हैं।

जैसे-

  • पशु को सरसों का तेल या सरसों का फल चारे में मिला कर दें।
  •  दही और छाछ पिलाएं।
  • साथ ही इस दौरान पशु को गर्म चीजें बिल्कुल ना दें। जैसे- बिनोला व अन्य अनाज।

 

पशु चिकित्सक से संपर्क कब करें

यदि घरेलू उपायों से पशुओं को दस्त में आराम नहीं मिलता है तो आपको तुरंत किसी अनुभवी पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

 

दस्त में पशुओं को दी जाने वाली दवा

चिकित्सक पशु के लक्षणों व परेशानियों के अनुसार दवा देते हैं। आमतौर पर दस्त के लिए रिहाइड्रेशन फ्लूइड और विभिन्न प्रकार के खनिज व अन्य पोषक तत्व दिए जाते हैं। ये पशु के शरीर में पानी व जरूरी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं और दस्त में भी आराम मिलता है।

 

इसके अलावा सल्फाग्वानेडीन, सल्फाग्वानेडीन, सल्फा बोलस और शिरा इंजेक्शन से पशु को आराम मिलता है। सल्फामेजाथीन टेबलेट 5 मिलीग्राम की 1-1 टेबलेट दिन में दो बार देने से राहत मिलती है।

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