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मिट्टी की जांच कैसे करें? यहां जानें | soil test in hindi

इस लेख में मिट्टी की जांच (mitti ki janch kaise kare?) कब करें, क्यों करें? जानें, जिससे आप भी मिट्टी के अनुसार फसल की बुआई कर सकें।

मिट्टी की जांच कैसे करें? खेत से मिट्टी का सैंपल लेने की विधि,

soil test in hindi: आज के समय में खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेत की मिट्टी की जांच (soil health test) करके ही खेती करना चाहिए। खेती के लिए मिट्टी का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है क्योंकि पौधे सभी पोषक तत्व मिट्टी से ही लेते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं रासायनिक खाद और उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी बहुत ही प्रदूषित हो गई है। उन्नत खेती के लिए मृदा की जांच कराना आवश्यक है। ऐसे में यदि किसान को मिट्टी जांचने की प्रक्रिया की उचित जानकारी हो तो यह काम बेहद आसान हो जाता है। 

इस लेख में आज हम आपको मिट्टी की जांच कैसे करें (mitti ki janch kaise kare?) कब करें, क्यों करें? इत्यादि की जानकारी देंगे। जिससे आप मिट्टी का स्वास्थ्य परीक्षण कर मिट्टी की सही देखभाल कर सकें। 

मिट्टी का सैंपल कैसे लें (how to take soil sample)

  • सैंपल लेने के लिए खुरपी से कम से कम 15 सेंटीमीटर गहरा गढ्ढा खोदकर वहां से सैंपल लें। 
  • सैंपल को हाथ से नहीं निकालें, मिट्टी को सदैव खुरपी से ही लें। 
  • खेत में अलग-अलग जगहों से कई सैंपल लें। 
  • इसके बाद सभी सैंपलों को मिलाकर केवल 500 ग्राम मिट्टी तैयार करें। 
  • सैंपल हमेशा साफ-सुथरी थैली में ही रखें। 
  • इसे किसी भी खाद या उर्वरक की थैली में न रखें। 
  • इस तरह आपका मिट्टी लैब में जाने को तैयार है। 

मिट्टी का सैंपल लेने के लिए इन बातों का रखें ध्यान (Keep these things in mind while taking soil sample)

  • सबसे पहले तो मिट्टी का सैंपल तब लेना चाहिए, जब एक महीने बाद फसल की बुआई करनी हो। 
  • सैंपल लेते समय खेत की सतह पर किसी तरह की घास-फूस या पराली नहीं होनी चाहिए। 
  • ध्यान रहे, सैंपल लेने के लिए खेती की मिट्टी ऊंची-नीची ना हो। 
  • खेत में पेड़ों की जड़ों के आसपास से सैंपल नहीं लें। 
  • खेत में सैंपल ऐसी जगह से न लें, जहां पानी की नाली या फिर वर्मी कंपोस्ट आदि का ढेर हो। 
  • खेत में कभी भी खड़ी फसल में सैंपल न लें। 
  • सैंपल की जांच किसी विश्वसनीय लैब में कराएं। 
 

मिट्टी जांच के फायदे (Benefits of soil testing)

  • मिट्टी की जांच से खेत की मिट्टी में मौजूद नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश आदि तत्वों के साथ लवणों की मात्रा की जानकारी मिलती है।
  • मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के अनुसार फसलों का चयन करने में मदद मिलती है।
  • इससे मिट्टी के पी.एच मान(ph value) का भी पता चलता है।
  • मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी है उन्हें पूरा कर के हम मिट्टी को स्वस्थ बना सकते हैं।

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