धान की इन 8 संकर किस्मों से लें बंपर उत्पादन | Sankar dhan ki kheti
धान की संकर (hybrid dhan) किस्मों की खेती करने से सामान्य किस्मों की तुलना में 10 से 12 प्रतिशत तक अधिक पैदावार होती है।

Sankar dhan ki kheti: भारत में धान एक प्रमुख फसल है। कई क्षेत्रों में किसानों ने धान की खेती (dhan ki kheti) के लिए खेत तैयार करना शुरू कर दिया है। हमारे देश में धान की कई संकर किस्मों की खेती (sankar dhan ki kheti) प्रमुखता से की जाती है।
आपको बता दें, धान की संकर (hybrid dhan) किस्मों की खेती करने से सामान्य किस्मों की तुलना में 10 से 12 प्रतिशत तक अधिक पैदावार होती है। इसलिए धान की संकर किस्मों की खेती करने वाले किसान अधिक मुनाफा कमाते हैं।
अगर आप भी धान की संकर किस्मों की खेती (sankar dhan ki kheti) करना चाहते हैं। तो धान की इन किस्मों का चयन कर सकते हैं।
धान की संकर किस्में (hybrids paddy)
1. पायनियर 29P38 (Pioneer 29P38)
धान की यह किस्म यह देर से पकने वाली किस्म है। यह किस्म अधिक जल भराव वाले क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है। इसके दानों का आकार गोल एवं मोटा होता है। यह किस्म ब्लाइट रोग के प्रति सहनशील है। फसल को तैयार होने में 145 से 150 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 38 क्विंटल तक पैदावार होती है।
2. पायनियर 25P31 (Pioneer 25P31)
धान की यह किस्म जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है। इसके दाने पतले एवं खाने में स्वादिष्ट होता है। इस किस्म की फसल में रोगों के होने की संभावना कम होती है। फसल 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। प्रति एकड़ भूमि में खेती करने पर 25 से 28 क्विंटल तक पैदावार होती है।
3. सिग्नेट बुलंद 5050 (signet buland 5050)
धान की इस किस्म की खेती करने पर फफूंद जनित रोगों के होने की संभावना कम होती है। इसके अलावा पत्ती लपेटक एवं तना छेदक कीटों के प्रकोप का खतरा भी कम होता है। पौधों की लम्बाई 105 से 110 सेंटीमीटर होती है। पौधों का तना मजबूत होता है इसलिए तेज हवाओं में पौधों के गिरने का खतरा कम होता है। इसके दानों का आकार लम्बा होता है। देश के लगभग सभी क्षेत्रों में इसकी खेती की जा सकती है। इस किस्म की फसल को तैयार होने में 90 से 105 दिनों का समय लगता है।
4. के आर एच- 2 (K R H- 2)
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तरांचल और राजस्थान में खेती की जाने वाली इस किस्म को वर्ष 1996 में विकसित किया गया था। आप करीब 7 टन धान प्रति हेक्टेयर जमीन से प्राप्त कर सकते हैं। इस किस्म की फसल को तैयार होने में 130 से 135 दिन समय लगता है।
5. नरेन्द्र संकर धान- 2 (narendra sankar dhan- 2)
इसे वर्ष 1998 में विकसित किया गया था। इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में की जाती है। फसल लगभग 125-130 दिन में तैयार हो जाती है। आमतौर पर प्रति हेक्टेयर भूमि से 6-7 टन फसल की पैदावार होती है।
6. प्रो एग्रो- 6444 (Pro Agro- 6444)
प्रति हेक्टेयर औसतन 6 टन फसल की पैदावार होने वाली इस संकर किस्म को वर्ष 2001 में विकसित किया गया था। फसल को तैयार होने में 135 से 140 दिन समय लगता है। इसकी खेती मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में की जाती है।
7. पी एच बी- 71 (PHB- 71)
इस किस्म को वर्ष 1997 में विकसित किया गया था। औसतन 7 से 8 टन फसल प्रति हेक्टेयर जमीन से प्राप्त किया जा सकता है। फसल करीब 130-135 दिनों में तैयार हो जाती है। इसकी खेती आमतौर पर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में की जाती है।
8. पीआरएच -10 (P R H -10)
सुगंधित दानों वाले इस संकर किस्म की खेती करने पर आप प्रति हेक्टेयर खेत से लगभग 50-55 क्विंटल फसल प्राप्त कर सकते हैं। फसल को तैयार होने में 125 से 130 दिनों का समय लगता है।
ये तो थी धान की 8 संकर किस्मों की जानकारी। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें।