बागवानीबिजनेस आइडिया

सागौन की खेती कैसे करें? यहां जानें | sagwan ki kheti

सागौन (teak) की लकड़ी बहुत ही मजबूत होती है। इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। इसका इस्तेमाल बहुमुल्य फर्नीचरों में होता है।

sagwan ki kheti: सागौन (teak) की लकड़ी बहुत ही मजबूत होती है। इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। इसका इस्तेमाल बहुमुल्य फर्नीचरों से लेकर प्लाईवुड और रेल के डिब्ले तक में होता है। सागौन (teak) की लकड़ी में दीमक नहीं खाती है, इसलिए इस लकड़ी से बनी कोई भी चीज कई सौ सालों तक टिकती है। परंपरागत खेती की तुलना सागवान की खेती (sagwan ki kheti) में बहुत ही कम श्रम की ज़रूरत होती है।

 

हमारे देश में सागौन की लकड़ी की कमी हमेशा बनी रहती है। इसलिए सागौन की खेती (sagwan ki kheti) कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

 

तो आइए, The Rural India के इस ब्लॉग में सागौन की खेती (sagwan ki kheti) की पूरी जानकारी जानें। 

sagwan ki kheti: सागौन की खेती से किसान होंगे मालामाल

सागौन की खेती के फायदे (Benefits of teak cultivation)

  • सागवान का पेड़ 10 से 12 साल में काटने लायक हो जाता है. 
  • किसान चाहें तो इससे और समय तक लगाए रख सकते हैं। 
  • एक एकड़ खेत में 400 पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • इन पेड़ों को लगाने और पालन-पोषण में 40 से 45 हजार तक की लागत आती है। 
  • 10 से 12 साल में एक पेड़ कम से कम 35 से 40 हजार रुपए में आसानी से बिक जाता है। 
  • इस हिसाब से किसान 10 से 12 साल के इंतजार के बाद प्रति एकड़ करीब 1.6 करोड़ की कमाई कर सकते हैं। 
  • इस तरह इसकी खेती करने वाले किसान कुछ ही सालों में लखपति और करोड़पति बन सकते हैं।

 

सागौन की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी और जलवायु

इसकी खेती बर्फीले और रेगिस्तान को छोड़कर सभी जगह की जा सकती है। इसके लिए लिए बलुई या दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। शुष्क क्षेत्र में गर्मियों के दिन में अतिरिक्त सिंचाई की ज़रूरत होती है। 6.5 से 8.5 पीएचमान वाली मिट्टी सागवान की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है।

 

सागवान के पेड़ का उपयोग (teak tree uses)

  • खिड़कियां और दरवाजे बनाने में 
  • फर्नीचर बनाने में
  • प्लाईवुड और फ्लोर बनाने में 
  • नाव, जलयान बनाने में 
  • रेल के डिब्बे बनाने में 

 

सागौन की खेती का समय (teak cultivation time)

सागौन की खेती करने से पहले किसानों को गर्मियों के दिनों में 4 फीट गहरे गढ्ढे की खुदाई कर देनी चाहिए। इसके बाद बरसात के मौसम में गोबर या कंपोस्ट खाद को डाल पौधे लगाने चाहिए। जून-जुलाई का महीना सागवान की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होता है। 

 

सागौन के पेड़ लगाने का तरीका (how to plant teak tree)

  • सबसे पहले खेत को 2 से 3 बार जुताई करके मिट्टी को भुरभरी बना लें। 
  • गढ्ढे में खाद, कीटनाशक आदि ज़रूर डालें। 
  • प्रति एकड़ खेत में 500 से 800 से अधिक पौधे नहीं लगाएं। 
  • पौध से पौध की दूरी 5 मीटर रखें।

 

ये तो थी सागौन की खेती (sagwan ki kheti) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस बेवसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें।

Related Articles

Back to top button