स्वास्थ्य

प्राणायाम क्या है, जानिए प्राणायाम के फायदे | Pranayama in hindi

हमारे जीवन में प्राणायाम (pranayama) का बहुत महत्व है। प्राण वह शक्ति है जो हमारे शरीर को ज़िंदा रखती है और हमारे मन को शक्ति देती है।

 

Pranayama in hindi: हमारे जीवन में प्राणायाम (pranayama) का बहुत महत्व है। प्राण वह शक्ति है जो हमारे शरीर को ज़िंदा रखती है और हमारे मन को शक्ति देती है। तो ‘प्राण’ से हमारी जीवन शक्ति का उल्लेख होता है और ‘आयाम’ से नियमित करना। इसलिए प्राणायाम का अर्थ- खुद की जीवन शक्ति को नियमित करना।

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस लेख में जानें- प्राणायाम क्या है (what is pranayama in hindi)? और प्राणायाम के फायदे 

Pranayama in hindi: प्राणायाम क्या होता है, जानिए प्राणायाम के फायदे

प्राणायाम क्या है? (what is pranayama in hindi)

प्राण शरीर की हज़ार सूक्ष्म ऊर्जा ग्रंथियों (जिन्हें नाड़ी कहते है) और ऊर्जा के केंद्रों (जिन्हें चक्र कहते है) से गुजरती है और शरीर के चारों ओर आभामंडल बनाती है। 

प्राणशक्ति की मात्रा और गुणवत्ता मनुष्य की मनोस्थिति निर्धारित करते है। अगर प्राणशक्ति बलवान है और उसका प्रवाह निरंतर और सुस्थिर है तो मन सुखी, शांत और उत्साहपूर्ण रहता है। पर ज्ञान के आभाव में और सांस पर ध्यान न रखने की वजह से मनुष्य की नाड़िया, प्राण के प्रवाह में रूकावट पैदा कर सकती है। ऐसी स्थिति मन में आशंका, चिंताएं, और डर उत्पन्न करती है। हर तकलीफ पहले सूक्ष्म में उत्पन्न होती है। इसलिए कोई बिमारी पहले प्राणशक्ति में उत्पन्न होती है।

प्राणायाम कैसे करें? (प्राणायाम (pranayama) की अभ्यास विधि)

  • पद्मासन मुद्रा अथवा किसी भी अन्य आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं।
  • ज्ञान मुद्रा अथवा अंजलि मुद्रा की अवस्था में अपने हाथों को घुटनों पर रख लें।
  • जीभ को किनारों से मोड़कर टब का आकार बना लें।
  • इस टबनुमा जीभ से सांस लेते हुए प्रवेश कराएं और मुंह बंद-कर लें।
  • जालन्धर बन्ध मुद्रा में जितनी देर हो सके सांस को रोककर रखें।
  • जालन्धर बन्ध मुद्रा से वापस आएं और नासिकारंध्रों से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें।

प्राणायाम के फायदे (Benefits of pranayama in Hindi)

  • प्राणायाम रक्त को शुद्ध करता है।
  • यह शरीर में शीतलता प्रदान करता है।
  • उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष लाभप्रद है।
  • प्राणायाम भूख और प्यास का शमन करता है।
  • कफ और पित्त के कारण होने वाले अपच और अन्य व्याधियों को दूर करता है।
  • यह पुरानी से पुरानी बदहज़मी और तिल्ली रोग से छुटकारा दिलाता है
  • यह त्वचा और नेत्र के लिए भी लाभदायक है।
  • प्राण शक्ति की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाता है।
  • रुकी हुई नाड़िया और चक्रों को खोल देता है। आपका आभामंडल फैलता है।
  • मानव को शक्तिशाली और उत्साहपूर्ण बनाता है।
  • मन में स्पष्टता और शरीर में अच्छी सेहत आती है।
  • शरीर, मन, और आत्मा में तालमेल बनता है।

प्राणायाम के प्रकार और उपयोग  (Types of pranayama and their application)

प्राचीनकाल में भारत के ऋषि मुनियों ने कुछ ऐसी सांस लेने की प्रक्रियाएं ढूंढी जो शरीर और मन को तनाव से मुक्त करती है। इन प्रक्रियाओं को दिन में किसी भी समय खाली पेट कर सकते है ।

अगर आपका मन किसी बात को लेके विचलित हो या आपका किसी की बात से अपना मन हठा ही नहीं पा रहे हो तोह आपको भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए। यह प्रक्रिया उक्त रक्तचाप से पीड़ित लोगो के लिए बहुत फायेदमंद है।

नाड़ियों की रुकावटों को खोलने हेतु कपालभाति प्राणायाम उपयुक्त है। यह प्रक्रिया शरीर के विषहरण के लिए भी उपयुक्त है।

अगर आप कम ऊर्जावान महसूस कर रहे है तो भस्त्रिका प्राणायाम के तीन दौर करे – आप खुद को तुरंत शक्ति से भरपूर पाएंगे।

अगर आप अपने कार्य पे ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे तो नदी शोधन प्राणायाम के नौ दौर करें और उसके पश्चात दस मिनट ध्यान करें। नाड़ी शोधन प्राणायाम दिमाग के दायिने और बाएं हिस्से में सामंजस्य बैठती है मन को केंद्रित करती है।

प्राणायाम के दौरान ध्यान योग्य बातें (Things to note during Pranayama)

प्राणायाम हमारी सुक्ष्म जीवन शक्ति से तालुक रखती है। इसलिए इनको वैसे ही करना चाहिए जैसे आपकी योग कक्षा में सिखाया गया हो। इनके साथ प्रयोग करना उचित नहीं है।

Related Articles

Back to top button